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झाबुआ

पुलिस द्वारा सटोरियों को पकड़ने की कार्यवाही
लोगों के गले नहीं उतर रही…!

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झाबुआ। जिला मुख्यालय पर लंबे समय बाद सटोरियों पर कार्रवाई होती दिखी। परंतु पुलिस की यह कार्रवाई लोगों के गले नहीं उतर रही है, इसकी वजह एक दम साफ़ है, पुलिस ने सप्ताह भर पूर्व रायपुरिया में मामूली सट्टा पकड़ा तब उसका पेस नोट जारी किया था, इससे पहले पुलिस ने थांदला, रानापुर में भी सटोरिये दबोचे उसके प्रेस नोट भी जारी किए थे, लेकिन झाबुआ में खाईवाल सहित सटोरिये पकड़ें जाने का प्रेस नोट जारी नहीं किया जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर रखने वाले लोगो में चर्चा है कि यह सब लक्ष्मी यंत्र की माया है।

सटोरियों में कुछ प्यादे आए पकड़ में… मेन खिलाड़ी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर…

शहर में लगातार बढ़ रहे सट्टे का मकड़जाल
आए दिन फल फूल रहा है, जहां देखो वहां खाईवाल अपने अलग-अलग ठिकानों को बदल-बदल कर सट्टे का गोरखधंधा चलाने से नहीं चूक रहे हैं। विगत 3 या 4 दिन पूर्व ही झाबुआ,मेघनगर,थांदला के सटोरिए गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्र से बड़ी संख्या में पकड़ाए थे, गुजरात पुलिस ने इनके नाम ओपन करने के बाद से ही सटोरिए के खाईवाल से लेकर रिश्तेदार भागते नजर आ रहे थे। तब से ही लोगों में जिज्ञासा बनी हुई थी कि आखिर जिले की पुलिस क्या कर रही है.? उसी तात्पर्य में आज झाबुआ पुलिस ने भी तेलीवाड़ा मोहल्ले से 3 सटोरियों को पकड़ कर के कुछ कदम जुलूस निकाला यह लोगों का कहना है। जबकि झाबुआ थाना प्रभारी का कहना है कि हमने तेलीवाड़ा से लेकर के थाने तक तीनों सटोरियों का जुलूस निकाला है। लोगों का बड़ा सवाल यह है यह जुलूस मेन मार्केट में निकला भी किसी ने देखा भी नहीं.? यह लोगों का कहना है…! लोगों का तो यहां तक कहना है कि सटोरियों में कुछ प्यादे को पुलिस ने आज पकड़ा है.. लेकिन मेन खिलाड़ी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है क्या पुलिस मेन सटोरियों खिलाड़ियों तक पहुंच पाएगी यह लोगों में जिज्ञासा का विषय बना हुआ है।

तेलीवाडे में सटटे के खाईवाल के घर दबिश देने पहुंची

नगर के तेलीवाडा उर्फ सटटागली में खुले आम चल रहे सटटे के कारोबार को लेकर 3 सटोरियों को पकड़ा गया, पुलिस 18 मार्च की दोपहर तेलीवाडे में सटटे के खाईवाल के घर दबिश देने पहुंची। पुलिस खाईवाल के यहा पहुंची तब एक सटोरिया सटटा उतरवाकर घर से बाहर निकला वैसे ही उसकी निगाह पुलिस पर पडी और वह भागा, पुलिस ने उसका कुछ दुरी तक पिछा भी किया लेकिन वह हाथ नही लगा। इस दौरान अन्य पुलिसकर्मी खाईवाल सटोरिये के घर में जा धमके और वहा कुछ समय जांच पडताल कर खाईवाल सहित दो सटोरियों को लेकर थाने की और जुलूस के रूप में लेकर रवाना हुए। जिसमें खाईवाल प्रमोद उर्फ चिंटू पिता सुरेश राठौर निवासी लक्ष्मीबाई मार्ग तेलीवाडा सहित सटा लिखवाने पहुंचे अकबर पिता ताहिर अली निवासी भगवतीपुरा राजकोट एवं किकू पिता बालू डामोर निवासी ग्राम मिंडल को ले गये।


क्या खाईवाल पर होगी कार्यवाही..? या मिलेगा संरक्षण
सटटे के मकडजाल में फंसे कई लोगों के घर बर्बाद हो चुके है। इसकी चपेट में नगर हो या ग्रामीण क्षेत्र का युवा वर्ग भी आ चुका है, कई ग्रामीण महिला, पुरूष भी अपनी मेहनत की गाडी कमाई सटटे के इस खेल में दिनभर तय समय पर पहुंचकर लगाते आसानी से देखे जा सकते है। अब सवाल यह उठता है कि समाज को इस बुराई में धकेलने वाले और लोगों के घरों को बर्बादी का रास्ता दिखाने वाले खाईवाल प्रमोद सटोरिये पर पुलिस कठोर कार्यवाही कर पायेगी ? या फिर खानापूर्ति कर उसे इससे भी अधिक गति से सटटा कारोबार संवालित करने के लिए अंद्रणी संरक्षण प्रदान करेगी…?

दुसरा खाईवाल सटोरिया घर में हुआ कैंद
पुलिस ने तेलीवाडे में सटटा खाईवाल के यहां जैसे ही दबिश दी उसकी खबर नगर में चारो और फैल गई और सभी खाईवाल सचेत हो गये। इस दौरान तेलीवाडे में एक दुसरा खाईवाल जो घर के चैनल गेट का हर पल ताला लगाकर रखता है, उस समय उसने अपने सहयोगी से दुसरा ताला भी जडवा दिया और उसे भी वहां से रवाना होने को कह दिया। घर में कैद होकर यह खाईवाल सटोरिया ने थाने पर अपने चेहतो को फोन लगाये ऐसी चर्चा चैराहों पर बनी हुई। जिसमें यह बात सामने आई कि प्रमोद जिसे पकडकर पुलिस ले गई वह उसके अंकल का ही लडका है, जिसे छुडाने के लिए वह अपनी पैतरेबाजी अजमा रहा था।

दिनभर मंडराया करे सटोरिये
तेलीवाडे में खाईचाल सटोरिये को पकडने के कुछ देर बार घर की महिलाओं ने घर के गेट पर ताला लगा दिया। इस दौरान समय-समय पर खुलने वाले सटटा अंक के पहले सटटा लगाने वाले सटोरियों का दोपहर से शाम तक आनाजाना बना रहा, इस दौरान कई सटटा लगाने वाले आस पास वालों से खाईवाल के बारे में पुछते भी नजर आये। दस दौरान कुछ लोगो ने पुलिस कार्यवाही की बात कही तो कुछ उन्हें दुसरे खाईवाल का पता बताते नजर आये।

झाबुआ पुलिस बुलडोजर चला पायेगी
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा पिछले दिनों पुलिस अधीक्षकों के साथ हुई बैठक में जुटा सटटा संचालित करने वालों के विरूद्व कठोर कार्यवाही के निर्देश दिये थे, उसके बावजूद शहर में 2 दर्जन से अधिक स्थानों पर सटटे के कारोबार का खाईवाल बेखौफ संचालन कर रहे है। जबकी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षकों को सटटा तथा जुुए से जुडी गतिविधियां संचालित करने वालों के घर पर बुलडोजर चलाने के आदेश दिये थे, ऐसा भी नही है कि पुलिस को इनके ठिकानों और कता्रधध्र्ताओं का पता नही है, लेकिन पुलिस कार्यवाही में पुलिस के कौनसे कर्मचारी अवरोध बने हुए इस दिशा में बडे अध्धिकारियों को अपने तरीके से पता लगाना होगा, जो खाकी पर दांग लगाने

जिला बदर की कार्यवाही क्यो नही
आदतन अपराधियों पर जिला बउर की कार्यवाही की जाती है। नगर के कई सामालिक संबठन के लोगों का कहना है कि विभिन्न अपराधों में जिला बदर की कार्यवाही होते सुना है लेकिन सटटा जैसी समाजिक बुराई और दसमें षामिल होने वाले लोगों का जीवन बर्बाद करने वाले लोग जा बार बार गलती पर गलती किये जा रहे है उन पर आत तक जिला बदर की कार्यवाही आत तक क्यो नही की गई, यदी ऐसी कोई कार्यवाही की हो तो उसे सार्पजनिक क्यो नही किया गया। जबकी पुलिस आये दिन ऐसे प्रकरण दर्ज करती है, इससे तो यह साबित होता है कि पुलिस सिर्फ दिखावटी कार्यवाही करती है, जबकी पुलिस रेकार्ड में उसका लेखा जोखा नही होगा।

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