धार, 22 जून 2023/ अंतर्राष्ट्रीय योग एवं संगीत दिवस बुधवार के विशिष्ट अवसर पर धार में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, चित्रकला पर व्याख्यान एवं प्रदर्शन हुआ। इस संध्याकालीन समारोह में उपस्थित श्रोताओं व दर्शकों के बीच संगीत और योग के सरोकारों तथा पारंपरिक रूप से दोनों ही आयामों के आपसी सानिध्य की वर्तमान स्थितियों को लेकर संवाद के अवसर जुटाने हेतु, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग के लिए शासकीय संगीत महाविद्यालय धार तथा शासकीय ललित कला महाविद्यालय धार की ओर से संगीत सभा तथा व्याख्यान व डेमोंस्ट्रेशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अतुल कालभवर महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति अध्यक्ष, श्रीमती वृषाली देशमुख संस्थापक, नुपुर कला केंद्र धार के आतिथ्य में तथा संगीत महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति अध्यक्ष श्री दीपक खलतकर एवं प्राचार्य श्रीमति कांति तिर्की के अध्यक्षता में कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना तथा अतिथियों एवं कलाकारों के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया ।
कार्यक्रम की दूसरी पाली रंगारंग संगीत प्रस्तुतियों में भोपाल से पधारी सुविख्यात धु्रपद गायिका सुश्री सुरेखा कामले द्वारा ध्रुपद की प्रसिद्ध ‘‘डागर घराने’’ की पारंपरिक बंदिश, नोमतोम आलाप, जोड़, झाला,,चौताल में निबद्ध रचना तथा राग यमन में रचित ष्गणपति गण नायकष् रचना पेश किए जो कि ताल चौताला एवम सूलताल में निबध्द था । इनके साथ पखावज पर रवि राज पवार, सारंगी पर हनीफ हुसैन, तानपुरा पर रविकल सोनी संगति कर रहे थे। धु्रपद की इस जोरदार-शानदार सुमधुर प्रस्तुति के पश्चात सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक श्री सलिल दाते इंदौर, ने राग मारूबिहाग में विलंबित तथा मध्य लय की बंदिश बजाई। राग केदार में मध्य लय की बंदिश और भजन सांवरे आई जइयो की धुन बजाकर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति को विराम दिया । उनके साथ तबले पर संगत कर रहे थे श्री मनीष खरगोनकर। तत्पश्चात दिल्ली की सुविख्यात नृत्यांगना सुश्री माया कुलश्रेष्ठ ने पारंपरिक कत्थक नृत्य में वंदना, तराना, स्त्री शक्ति पर आधारित स्वलिखित रचना और कत्थक का भाव पक्ष प्रस्तुत किया तथा राग सिंदूराकाफी में ठुमरी डगर चलत छोड़ो न श्यामष्अत्यंत ही मनमोहक ढंग से प्रस्तुत कर दर्शको का मन मोह लिया । इस सुरमई संगीत सभा में कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन महाविद्यालय की श्रीमती शशि चौधरी ने किया । कार्यक्रम के संयोजक महाविद्यालय के श्री प्रेम सिंह सिकरवार, डॉ.श्री देशराज वशिष्ठ तथा सुश्री प्रिया शर्मा रहे।