रतलाम जिले की सभी गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए
प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष स्वामी श्री अखिलेश्वरानंदजी गिरि ने रतलाम बैठक में दिए निर्देश
रतलाम / मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी श्री अखिलेश्वरानंदजी गिरी ने बुधवार को रतलाम कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला गोपालन एवं पशु संवर्धन समिति की बैठक में सम्मिलित होते हुए निर्देशित किया कि रतलाम जिले की समस्त गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए। जिले में जो भी निराश्रित गोवंश हैं, उनको गौशालाओं में रखा जाए। कोई भी गोवंश इधर-उधर भटके नहीं, उनको सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ गौशालाओं में रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। बैठक में कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ बहुगुणा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती जमुना भिड़े, उपसंचालक पशुपालन डॉ. डी.के. जैन तथा जिले की गौशालाओं के संचालक उपस्थित थे।
बैठक में गौ संवर्धन बोर्ड अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि निराश्रित गोवंश को गौशालाओं में रखने के लिए कार्य योजना बनाकर 15 से 20 दिनों में अमल किया जावे, रिपोर्ट भी प्रेषित करें। जिले में गौशालाओं का संचालन सुनियोजित ढंग से किया जाए। गोवंश की सुविधा के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य करें, कोई भी एनजीओ, महिला स्वयं सहायता समूह अथवा ग्राम पंचायत की मदद गौशाला संचालन के लिए ली जा सकती है। जो भी गौशाला का संचालन कार्य हाथ में ले उसे सेवा भाव से नियोजित ढंग से करें। गौशालाओं की आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक है कि अधिकाधिक दुधारू गाय उपलब्ध हो, इनसे प्राप्त होने वाले दुग्ध, गोबर, गोमूत्र इत्यादि का उपयोग व्यवसायिक रूप से किया जाकर अधिकाधिक अर्थ उपार्जन गोशाला हेतु किया जा सकता है। गायों से मिलने वाले दुग्ध के विक्रय से गौशाला की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ रहेगी। गौ संवर्धन बोर्ड प्रति गोवंश 20 रुपए प्रतिदिन के मान से अनुदान राशि जारी कर रहा है। इस वर्ष के प्रथम त्रैमास की राशि जारी की जा चुकी है, शीघ्र ही सबको मिल जाएगी परंतु यह सुनिश्चित किया जाए कि गौशालाओं में गोवंश हेतु प्रकाश, चारा, पानी, उचित शेड्स की व्यवस्था हो। अवैध परिवहन द्वारा पकड़े जाने वाले गोवंश के रखने के लिए भी गौशालाओं में उचित प्रबंध किए जाएं। यह आवश्यक भी है कि अवैध परिवहन में पकड़े जाने वाले गोवंश को जिले में उचित सुविधा मिले।
गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि जिस गोचर भूमि पर अतिक्रमण है, प्रशासन उसे अतिक्रमण से मुक्त कराएं। प्रशासन से अनुमति लेकर ही किसी भूमि पर गौशाला का निर्माण किया जाए। कलेक्टर को निर्देशित किया कि जिले में गौशालाओं के विस्तार के लिए जहां भी उपलब्ध हो भूमि आवंटित की जाए। आपने बताया कि गौशालाओं में गोवंश से प्राप्त गोबर तथा गोमूत्र से उपयोगी सामग्री निर्मित की जाकर व्यावसायिक विक्रय किया जा सकता है जिसका लाभ गौशालाओं को मिलेगा।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि जिले में गौशालाओं के रख-रखाव पर शत-प्रतिशत ध्यान दिया जा रहा है। गोवंश को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो यह सुनिश्चित किया गया है। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि जिले में गौशालाए एक मॉडल स्वरूप में अनुकरणीय रूप में निर्मित हो।
बैठक में उपसंचालक डॉ. डी.के. जैन ने बताया कि जिले में अशासकीय रूप से संचालित 33 गौशालाओं में से 31 गौशालाए क्रियाशील हैं। इसके अलावा मनरेगा से निर्मित की गई 5 गौशाला विभिन्न ग्रामों में संचालित है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जिला स्तरीय वित्तीय साक्षरता क्विज का आयोजन
रतलाम/ बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला स्तरीय वित्तीय साक्षरता क्विज का आयोजन शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय, रतलाम में किया गया।
क्विज में विकासखंड स्तर पर आयोजित क्विज से चयनित 12 टीमों ने भाग लिया। प्रश्नोत्तरी आरबीआई तथा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा समपन्न करवाई गई, जिसमें वित्तीय साक्षरता, भारतीय रिजर्व बैंक, बैंकिंग प्रणाली, जी-20 आदि से संबन्धित प्रश्न पूछे गए जिसमे प्रथम स्थान शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय रतलाम की टीम रोहित चौहान एवं मोहित यादव ने प्राप्त किया जो 15 जुलाई को भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। विजेता टीमों को प्रमाण पत्र एवं गिफ्ट वितरित किये। उक्त कार्यक्रम में सहायक महाप्रबंधक भारतीय रिजर्व बैंक श्री जसविंदर सिंह, एलडीएम श्री दिलीप सेठिया, शाखा प्रबंधक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया श्री निलेश कदम एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री के.सी.शर्मा का विशेष सहयोग रहा।
खुशियों की दास्ताँ –
आदिवासी बाहुल्य बासिन्द्रा की महिलाओं को जल समस्या से निजात मिली
रतलाम/ सैलाना विकासखंड की बासिंद्रा ग्राम पंचायत के आदिवासी बाहुल्य ग्राम बासिंद्रा के 200 से अधिक घरों को मिल रहा है नल से जल। जल जीवन मिशन की 59 लाख की पुनरीक्षित योजना के माध्यम से पानी की समस्या का हल हुआ। योजना से पूर्व यहां के ग्रामवासियों को विशेषकर महिलाओं को पानी लाने के लिए हैंडपंप पर जाना पड़ता था, महिलाएं अपने घर से दूर लगे हैंडपंप पर पानी लेने के लिए जाती थी। अब सभी घरों को नल कनेक्शन के माध्यम से पाइप लाइन बिछाकर जोड़ा गया है।
योजना में लगे दो नलकूप के माध्यम से उच्च स्तरीय टंकी को भरकर प्रतिदिन गांव में जल प्रदाय किया जाता है। यह काम ग्राम के नल चालक श्री भमरसिंग सुंडावत करते हैं। ग्राम बासिंद्रा की रहने वाली 55 वर्षीय महिला श्रीमती लक्ष्मणी नाथूलाल कांगडे ने बताया कि 35 साल पहले मेरी शादी महिदपुर सिटी से बासिंद्रा गांव में हुई थी। महिदपुर में हमारे घर पर नल कनेक्शन लगा था किंतु यहां पर पानी लाने के लिए स्कूल में लगे हैंडपंप पर जाना पड़ता था। सिर पर घड़ा रखकर पानी लाने में बहुत समस्या होती थी किंतु अब हमें पानी का बहुत आराम हो गया है।
सरपंच श्रीमती मथुरा रतन मुनिया ने बताया कि ग्राम वालों को योजना का लाभ तो मिल रहा है किंतु जलकर की राशि की वसूली नहीं होने की वजह से योजना को चलाने में बहुत मुश्किल आती है। बासिंद्रा के पास धोलावाड़ डेम होने की वजह से यहां का जलस्तर बहुत अच्छा है कम गहराई पर ही पानी उपलब्ध हो जाता है।
ग्राम की रूपकुंवर बाई, श्रीमती चंपाबाई लबाना इन सभी को घर पर ही नल कनेक्शन के माध्यम से पानी मिलने लगा है, सभी बहुत खुश हैं। सभी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को धन्यवाद ज्ञापित किया है।