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झाबुआ

वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदेव राम उरांव का निधन दी गई श्रद्धांजलि । वनवासियों के कल्याण के लिए काम करने वाले व्यक्ति के तौर पर श्री उरांव की देश में पहचान रही – मनोज अरोरा ।

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वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदेव राम उरांव का निधन दी गई श्रद्धांजलि ।
वनवासियों के कल्याण के लिए काम करने वाले व्यक्ति के तौर पर श्री उरांव की देश में पहचान रही – मनोज अरोरा ।

झाबुआ । अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेव राम उरांव का निधन हो गया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला अस्पताल में अंतिम सांस ली। जानकारी के अनुसार इलाज के दौरान उनका निधन हो गया । उनके निधन पर वनवाी कल्याण आश्रम द्वारा उन्हे भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा की शांति प्रदान करने की परमात्मा से प्रार्थना कर शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनायें व्यक्त की गई ।
वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष मनोज अरोरा वनवासी कल्याण आश्रम में आयोजित श्रद्धांजलि एवं श्रद्धा सुमन अर्पित करने के कार्यक्रम के अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय जगदेव राम जी के देहावसान के समाचार से हम सभी का मन व्यथित है। वनवासी भाइयों व बहनों के जीवन उत्थान के लिए उन्होने अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने की प्रार्थना के साथ ही उनकी आत्मीय शांति  की प्रार्थना करता हूं । उन्होने उनके जीवन वृत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वनांचल क्षेत्रों में वनवासी बच्चों को शिक्षित और उनकी परंपराओं में सुरक्षित रखने के उद्देश्य से वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना की गई थी। बालासाहेब देशपांडे इसके संस्थापक अध्यक्ष थे। स्व. जगदेव रामजी उराँव बालासाहब देशपांडे के बेहद करीबी थे और 1995 से लगातार अध्यक्ष थे। वनवासियों के कल्याण के लिए काम करने वाले व्यक्ति के तौर पर उनकी देश में पहचान रही। उन्होंने कहा, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेव राम उरांव जी के निधन का समाचार दुःखद हैै । वनवासी समाज के सम्पूर्ण विकास एवं स्वाभिमान जागरण की दिशा में उनका योगदान अभूतपूर्व था। भगवान उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम देश में वनों में रहने वाले वनवासियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में काम करता है। पूरे देश में संगठन की शाखाएं हैं। सुदूर जनजातीय गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में यह संगठन काम करता है।

 

इस अवसर पर वनवासी कल्याण आश्रम के सचिव कानजी भूरिया ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री जगदेव राम का निधन हम सब के लिये अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि मानव कल्याण व वनवासी समाज के उत्थान के लिए किए गए कार्य हम सबको सदा प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने ईश्वर से उनके आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की है। वनांचल क्षेत्रों में वनवासी बच्चों को शिक्षित और उनकी परंपराओं में सुरक्षित रखने के उद्देश्य से वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना की गई थी। वनवासी कल्याण आश्रम देश भर में संचालित हैं और 11 करोड़ जनजाति वर्ग के लोगों को लाभान्वित कर रहा है। 73 वर्षीय स्व. जगदेव रामजी उराँव का बेहद सम्मान था। उन्होंने पूरी ताकत झोंक कर वनवासी क्षेत्रों में वनवासी कल्याण आश्रम का काम उच्चतम स्तर पर पहुँचाया । वनांचल क्षेत्रों में वनवासी बच्चों को शिक्षित और उनकी परंपराओं में सुरक्षित रखने के उद्देश्य से वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना की गई थी।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए वनवासी कल्याण आश्रम के महेश मुजाल्दे ने अपने उदबोधन में कहा किअखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अनुषांगिक संगठन के रूप में काम करता है। देश में आठ करोड़ वनवासियों के कल्याण के लिए काम करने वाले संघ के इस संगठन से श्री जगदेव राम का जुड़ाव 1989 से बताया जाता है।उन्होने आदिवासी अंचलों में बहु आयामी कार्ययोजनायें बना कर पूरे देश भर के वनवासी कल्याण का आश्रमों में क्रियान्वित करवाया । आज हम सभी उनके बताये मार्ग एवं पद चिन्हो पर चल कर मानव सेवा माधव सेवा के महामंत्र को साकार करने में निस्वार्थ रूप  से अपनी भूमिका का निर्वाह कर रहे है। उन्होने श्री उंराव का भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मीय शांति की प्रार्थना की ।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम के अवसर पर अध्यक्ष मनोज अरोरा, श्रीकांत भट्ट, कांजी भूरिया, मोहन सिंह सोलंकी, गणेश चैहान, राजेंद्र राजेश्वर, रघुजी, अभय देवड़ा,श्री उत्तम भैया,एवं महेश मुजाल्दे सहित बडी संख्या में संगठन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहें ।

कार्यक्रम में श्री उंराव के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर उन्हे आदरान्जलि एवं पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रख कर  आत्मीय शांति की प्रार्थना की गई । कार्यक्रम का संचालन महेश मुजाल्दा ने किया तथा आभार  श्री कान्त भट्ट ने व्यक्त किया ।

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