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पशु चिकित्सा विभाग का भ्रष्ट अधिकारी निलंबित:रिश्वत मांगने के ऑडियो- वीडियो सामने आने के बाद डॉ डीके जैन पर कार्रवाई, रिश्वत में रुपयों के साथ मांगते थे समोसे और रबड़ी

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पशु चिकित्सा विभाग का भ्रष्ट अधिकारी निलंबित:रिश्वत मांगने के ऑडियो- वीडियो सामने आने के बाद डॉ डीके जैन पर कार्रवाई, रिश्वत में रुपयों के साथ मांगते थे समोसे और रबड़ी

रतलाम~(दैनिक भास्कर से सादर साभार)~ बहुचर्चित पशु चिकित्सा विभाग के भ्रष्ट प्रभारी उप संचालक डॉ डीके जैन को निलंबित कर दिया गया है। बीते दिन और रिश्वत लेने के ऑडियो और वीडियो सामने आने के बाद इस मामले की जांच रिपोर्ट के आधार पर पशु चिकित्सा विभाग भोपाल अपर सचिव ने प्रभारी उप संचालक डॉ डीके जैन का निलंबन आदेश जारी किया है। निलंबन की अवधि के दौरान डॉ जैन को संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा विभाग कार्यालय उज्जैन में अटैच किया गया है। गौरतलब है कि रिश्वत लेने और मांगने के ऑडियो और वीडियो सामने आने के बाद डॉक्टर डीके जैन ने कलेक्ट्रेट परिसर में हाई वोल्टेज ड्रामा करते हुए पशुपालन मंत्री पर भी ट्रांसफर के लिए 2 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया था। जिसके बाद कलेक्टर रतलाम द्वारा डॉ जैन के निलंबन का प्रस्ताव पशुपालन विभाग एवं संभाग आयुक्त उज्जैन को भेजा गया था।

निलंबन आदेश
निलंबन आदेश

दरअसल इस मामले का खुलासा तब हुआ था जब डॉ डीके जैन ने फोन पर विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से तनख्वाह निकालने के नाम पर ₹2000 की रिश्वत की मांग की थी। इसके बाद पीड़ित कर्मचारी ने इसकी फोन रिकॉर्डिंग लोकायुक्त पुलिस उज्जैन को शिकायत पत्र के साथ दी थी। इसके बाद डॉ डीके जैन से पीड़ित दर्जनों वर्तमान और पूर्व कर्मचारी सामने आए थे जिन्होंने डॉ डीके जैन पर भ्रष्ट आचरण करने और काम करने के लिए रुपयों की मांग की थी।

दैनिक भास्कर ने सबसे पहले भ्रष्टाचार के इस खेल को उजागर किया था। भास्कर की टीम ने प्रभारी उप संचालक डॉ डीके जैन के वायरल हुए ऑडियो और वीडियो की सत्यता और मामले की पड़ताल की तो एक नहीं कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। पशु चिकित्सा विभाग के पूर्व कर्मचारियों और शिकायतकर्ता से जब वन टू वन चर्चा हुई तो पशु चिकित्सा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की कई परतें उजागर हुई है। दैनिक भास्कर की पड़ताल में कई ऐसे शिकायतकर्ता सामने आए हैं जिनसे प्रभारी उपसंचालक डॉ डीके जैन ने रिश्वत की मांग की और रिश्वत के रुपए लिए भी है। शिकायतकर्ता ने बताया कि डॉ जैन खाने पीने की वस्तुओं की रिश्वत के साथ ही ऑनलाइन अपने खाते में रिश्वत ट्रांसफर करवाने से भी नहीं डरते हैं।

जानते हैं क्या था मामला

पशु चिकित्सा विभाग में भ्रष्टाचार का यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब लोकायुक्त पुलिस उज्जैन की टीम एक शिकायत की तस्दीक करने के लिए रतलाम पहुंची थी। जिसके कुछ समय बाद ही सोशल मीडिया पर रिश्वत मांगने के कुछ ऑडियो वायरल हुए। वायरल ऑडियो डॉक्टर डीके जैन और विभाग के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बीच हुई बातचीत के थे। जिसमें डॉक्टर जैन कर्मचारी से उसकी तनख्वाह निकालने के नाम पर दो हजार रुपए की रिश्वत की मांग करते सुनाई दे रहे थे। एक अन्य ऑडियो में भी डॉक्टर जैन किसान से विभाग की योजना का फार्म भरने के लिए दो हजार लेकर आने का कहते सुनाई दे रहे थे । जिसके बाद एक वीडियो भी सामने आया जिसमें डॉ डीके जैन किसी व्यक्ति से रुपए लेकर गिनते हुए नजर आ रहे हैं। जिसके बाद इस मामले की मीडिया रिपोर्ट और शिकायत के आधार पर जिला प्रशासन और विभागीय स्तर पर प्रभारी उप संचालक को नोटिस देकर जांच प्रारंभ हुई है।

कौन है डॉक्टर डीके जैन

पशु चिकित्सा विभाग के प्रभारी उप संचालक के पद पर पदस्थ डॉ डीके जैन वेटरनरी सर्जन है। पशु चिकित्सालय सैलाना में लंबे समय तक पदस्थ रहे डॉ डीके जैन पर सैलाना क्षेत्र में भी पशु बीमा क्लेम और विभागीय योजनाओं के प्रकरण पास करवाने के आरोप लगे थे। जिसके बाद जिला मुख्यालय पर संचालक का पद रिक्त होने पर डॉ जैन को उप संचालक पद का प्रभार दिया गया था। कुछ महीनों बाद उप संचालक पद पर डॉ एमके शर्मा को पदस्थ किया गया। इस दौरान डॉ जैन को मुख्य ग्राम योजना में एबीपीओ पर पदस्थ किए गए। लेकिन अगस्त 2022 में भोपाल से जारी विभागीय आदेश में डॉक्टर एमके शर्मा को स्थानांतरित कर फिर से डॉक्टर डीके जैन को प्रभारी उपसंचालक बना दिया गया। जबकि नियमानुसार सेवानिवृत्ति के 1 वर्ष की अवधि के पूर्व बिना किसी गंभीर शिकायत के कर्मचारी या अधिकारी को स्थानांतरित नहीं किया जाता है। वहीं, रतलाम जैसे बड़े जिला मुख्यालय पर प्रभारी उपसंचालक की नियुक्ति करना भी सवालों के घेरे में थी।

प्रभारी उपसंचालक का पद मिलते ही डॉ डीके जैन ने रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना के द्वारा अनुशंसा किए जाने का पत्र सोशल मीडिया ग्रुप पर पोस्ट कर सभी कर्मचारियों को यह मैसेज दिया कि वह किस प्रक्रिया के तहत प्रभारी उपसंचालक बने है। उपसंचालक बनने के 8-9 माह के भीतर ही दर्जनों ट्रांसफर और अटैचमेंट डॉ जैन ने ऑन रिकॉर्ड किए हैं। इस कार्यकाल में डॉक्टर डीके जैन पर कर्मचारियों से रुपए मांगने, कार्यालय के कंप्यूटर, इनवर्टर ,बैटरी और अन्य सामान कबाड़ में नियम विरुद्ध बेचने के आरोप भी लगे हैं।

विवादित कार्यप्रणाली और बेझिझक रुपए मांगने के लिए मशहूर

बेझिझक और बिना डरे रिश्वत की मांग करने वाले डॉ डीके जैन अपनी विवादित कार्यप्रणाली और विचित्र व्यवहार के लिए भी पूरे विभाग और जिले में बदनाम है। प्रभारी उपसंचालक से पीड़ित कर्मचारी बताते हैं कि बेझिझक रुपए मांगने वाले भ्रष्ट अधिकारी खाने पीने की वस्तुओं जैसे कचोरी,समोसा,रबड़ी की छोटी मोटी रिश्वत लेने का मौका भी नहीं छोड़ते हैं। यहीं नहीं कार सर्विसिंग करवाने से लेकर अपने बैंक खाते में ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करवाने से भी इन्हें कार्रवाई होने का भय नहीं है। विभाग से रिटायर्ड हो चुके कर्मचारी बताते हैं कि डॉक्टर जैन विभागीय मीटिंग में खुलेआम रुपये की मांग करते है। ताजा मामला पिछले महीने पशु एंबुलेंस के उद्घाटन अवसर का है। जिसका कार्यक्रम आयोजित करने के नाम पर जिले भर के कर्मचारियों से 500 -500 रुपये की वसूली की गई और गौ सेवकों से भी इस कार्यक्रम के लिए रुपए वसूल किए गए। जहां कार्यक्रम के नाम पर केवल डॉ डीके जैन ने हरी झंडी दिखाकर पशु एंबुलेंस को रवाना कर दिया।

अपने अजीबोगरीब आदेशों के लिए भी डॉ डीके जैन संदेह के घेरे में विभाग के सभी कर्मचारियों को अपना स्थानांतरण कहीं और करवा लेने का लिखित आदेश भी प्रभारी उपसंचालक निकाल चुके हैं। यही नहीं अपने ऑडियो और वीडियो वायरल होने के बाद प्रभारी उप संचालक ने विभाग के समस्त कर्मचारियों के लिए है एक अजीबो गरीब फरमान जारी किया है। जिसमें डॉक्टर जैन ने किसी भी कर्मचारी द्वारा उनकी बातचीत का ऑडियो या वीडियो बनाए जाने पर सख्त कार्रवाई किए जाने का आदेश जारी किया है। किसी प्रकार की समस्या होने पर व्यक्तिगत आकर मिलने और इस मामले में सैलाना क्षेत्र के कर्मचारियों से सीखने के निर्देश भी जारी किए हैं। उपसंचालक के इस अजीबो गरीब आदेश से यह प्रतीत होता है कि इशारों ही इशारों में वह कर्मचारियों को चुपचाप आकर रिश्वत देने और उसका कोई वीडियो नहीं बनाने की हिदायत दे रहे है।(दैनिक भास्कर से सादर साभार)

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