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झाबुआ

जिला  पेंशनर्स एसोसिएशन ने छ.ग. सरकार द्वारा 5 प्रतिशत राहत राशि देने पर धन्यवाद ज्ञापित किया । धारा 49 के विलोपन के लिये दोनों सरकारे पेंशनर्स हित मे तत्काल कदम उठाये । 23 साल से धारा 49 सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के मामले में आड़े आ रही है,- अरविन्द व्यास

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जिला  पेंशनर्स एसोसिएशन ने छ.ग. सरकार द्वारा 5 प्रतिशत राहत राशि देने पर धन्यवाद ज्ञापित किया ।
धारा 49 के विलोपन के लिये दोनों सरकारे पेंशनर्स हित मे तत्काल कदम उठाये ।
23 साल से धारा 49 सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के मामले में आड़े आ रही है,- अरविन्द व्यास

झाबुआ । मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों की कानूनी प्रक्रिया में फंसकर दोनों राज्यों के करीब छह लाख सेवानिवृत्त कर्मचारी हर माह पेंशन में 400 से लेकर 4000 रुपये तक नुकसान उठा रहे हैं.। छत्तीसगढ़ सरकार की बेरुखी के कारण मध्यप्रदेश के पांच लाख पेंशनर्स को सिर्फ पांच प्रतिशत महंगाई राहत देने का फैसला सरकार ने किया है। मध्यप्रदेश सरकार पेंशनर्स की महंगाई राहत बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को दो बार पत्र लिख चुकी है, लेकिन छतीसगढ सरकार ने सिर्फ 5 प्रतिशत महंगाई राहत देने की सहमति देने पर अब मध्यप्रदेश सरकार भी प्रदेश के अपने पेंशनरों को सिर्फ 5 प्रतिशत ही महंगाई राहत दिये जाने के बारे में फैसला लेने वाली है और तदनुसार ही यहां के पेंशनरों को केन्द्र एवं शासकीय कर्मचारियों को दिये गये महंगाई भत्ते की तुलना में 4 प्रतिशत कम राहत राशि मिलेगी।

मध्यप्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अरविन्द व्यास कहा है कि बहुत लम्बी प्रतीक्षा के बाद छत्तीसगढ सरकार नें पेंशनरों के लिये महंगाई राहत 5 प्रतिशत घोषित की है उसके लिये वे धन्यवाद के पात्र है । उन्होने भी छ.ग. सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह राहत भी विलम्ब से माह जुलाई 23 से देय घोषित की गई है और अब कर्मचारियां के लिये महंगाई भत्ता 42 प्रतिशत के बराबर किये जाने के लिये 4 प्रतिशत राहत राशि लंबित रखी गई है । श्री व्यास के अनुसार छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री से पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेशके प्राताध्यक्ष श्री ओमप्रकाश बुधोलिया ने भी पत्र लिखकर मांग की है कि कर्मचारियों के महंगाई भत्ते अर्थात 42 प्रतिशत के समतुल्य महंगाई राहत दिये जाने के लिये मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 4 प्रतिशत और महंगाई राहत बढाये जाने के मध्यप्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ सरकार अविलम्ब अपनी सहमति देवें और पेंशनरों में बढ रहे आक्रोश  को बढने से रोका जावे।
श्री व्यास के अनुसार 1998 में मध्यप्रदेश का विभाजन करके छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया था। इसके बाद दोनों राज्यों ने कर्मचारियों के हित में एक समझौता किया था। बंटवारे के दौरान विलीनीकरण की धारा 49 बनाई गई थी। इसके तहत दोनों राज्यों के पेंशनर्स के मामलों का निराकरण सहमति से किया जाता है। 23 साल से यह धारा सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के मामले में आड़े आ रही है, क्योंकि पेंशनर्स की महंगाई राहत में दोनों राज्यों की सहमति जरूरी होती है। ज्ञातव्य हैं कि 2017 में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमनसिंह ने धारा 49 को खत्म करने पर सहमति दी थी, लेकिन  उस समय मध्यप्रदेश तैयार नहीं हुआ था ।

श्री व्यास के अनुसार मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच उलझन के कारण पेंशनर को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। वर्ष 2000 के पेंशनर्स के 32 महीने के एरियर का भुगतान अभी तक अटका हुआ है। हाईकोर्ट भी भुगतान के आदेश हो चुके हैं, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ। प्रत्येक पेंशनर को 1.50 से 2 लाख रुपये का भुगतान किया जाना है। इसी तरह सातवें वेतनमान का 27 माह का एरियर भी दिया जाना है। इस मामले में भी अभी तक दोनों राज्य कोई फैसला नहीं ले सके। जबकि कार्यरत कर्मचारियों को ये दोनों ही मामलों में एरियए का भुगतान किया जा चुका हैं,और पेंशनर्स के मामले में दोनों राज्यों में सहमति न बनने से इनका निराकरण नहीं हो सका।
उन्होने कहा कि ’’ दो पाटन के बीच ’’ पेंशनर्स पीसे जारहे है,तथा उन्हे हर समय आर्थिक नुकसानी ही उठाना नियति बन चुका है। श्री व्यास के अनुसार हमारी मांग है कि सरकार इस मामले में भी कदम उठाएं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच अधिकांश मामलों का निराकरण हो चुका है। पेंशनर्स से संबंधित विलीनीकरण की धारा 49 महज औपचारिकता ही है। इसके हटने से दोनों राज्य अपने-अपने स्तर पर पेंशनर्स के मामलों का निराकरण कर सकेंगे। श्री व्यास ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जो आदेश जारी किये हैं उसके मुताबिक सांतवा वेतनमान  के हिसाब से पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत 5 प्रतिशत वृद्धि के साथ 38 फीसदी हो गई है और छठवां वेतनमान के हिसाब से पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत 11 प्रतिशत वृद्धि के साथ 21.2 प्रतिशत हो गई है।

पेंशनर्स एसोसिएशन के उप प्रांताध्यक्ष श्री विद्याराम शर्मा, जिलाध्यक्ष अरविन्द व्यास, उपाध्यक्ष सुभाष दुबे, तहसील अध्यक्ष रूपसिंह खपेड, पेटलावद ईकाई अध्यक्ष एनएल रावल, थांदला ईकाई अध्यक्ष जगमोहनसिंह राठौर,मेघनगर ईकाई अध्यक्ष सुरेशचन्द्र शर्मा, रानापुर ईकाई के अध्यक्ष एमएल दुर्गेश्वर सहित समस्त पेशनर्स पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान से मांग की है कि वे पेंशनरों को प्रदेश कर्मचारियों के अनुरूप  42 प्रतिशत के मान से मंहगाई राहत स्वीकृति के लिये तत्काल आदेश जारी करने का कष्ट करें । साथ ही पेंशनरों के हित में रोढा बनी हुई धारा 49 को तत्काल विलोपित करने का कष्ट करेगें ।

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प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा मंच है। यहां विभिन्न समाचार पत्रों/टीवी चैनलों में कार्यरत पत्रकार अपनी महत्वपूर्ण खबरें प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं ।

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