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झाबुआ

खरीफ मौसम 2023 में कीटव्याधियों के प्रकोप नियंत्रण हेतु किसानों के लिये समसामिक सलाह

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वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ द्वारा खरीफ फसलों में लगने वाले कीटव्याधियों के प्रकोप नियंत्रण हेतु कृषकों के लिए उपयोगी सलाह जारी की गई

खरीफ मौसम 2023 में कीटव्याधियों के प्रकोप नियंत्रण हेतु किसानों के लिये समसामिक सलाह ,जिला कलेक्टर सुश्री तन्वी हुड्डा के द्वारा प्रदत्त निर्देश के अनुक्रम में श्री एन.एस. रावत, उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं डॉ.जगदीश मौर्य वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ द्वारा खरीफ फसलों में लगने वाले कीटव्याधियों के प्रकोप नियंत्रण हेतु कृषकों के लिए उपयोगी सलाह जारी की गई है। जिसमे कुछ क्षैत्रों में लगातार हो रही रिमझिम वर्षा की स्थिति में पत्ती खाने वाली इल्लियों के नियंत्रण हेतु इन्डोक्साकार्ब 333 एम.एल. प्रति हैक्टेयर या लेम्बडा सायहेलोथ्रिन 4.9 सी.एस. 300 एम.एल. प्रति हैक्टेयर का छिडकाव करने। जिन क्षेत्रों में अधिक वर्षा सें जल भराव की स्थिति है, खरीफ उड़द की फसल में होने वाले संभावित नुकसान को कम करने हेतु शीघ्र अतिशीघ्र जल निकासी की व्यवस्था करने, सोयाबीन, कपास की फसल में फफुँद जनित एन्थ्रेकनोज तथा राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाईट नामक बीमारी का प्रकोप होने पर टेबुकोनेझोल 625 एम.एल. प्रति हैक्टेयर या टेबुकोनेझोल, सल्फर 1 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर या हैक्साकोनेझोल 5 प्रतिशत ई.सी. 800 एम.एल. प्रति हैक्टेयर के मान से छिडकाव करने को कहा गया। मक्का फसल में तना छेदक ईल्ली, आर्मी वर्म का प्रकोप पाए जाने पर एमामेक्टीन बेन्जाईट 10 से 12 ग्राम 15 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने। कपास की फसल में रस चूषक कीट एफिड, जेसीड व माहो का प्रकोप होने पर एसीटामेप्रिड या थायोमिथाक्जाम या एसिफेट दवा का 10 -12 ग्राम प्रति स्प्रे पंप के मान से घोल बनाकर छिडकाव करने की सलाह दी गई है। खरपतवार नाशक दवाई का छिडकाव कीटनाशक दवा के छिडकाव के साथ न करें एवं जिस पंप से खरपतावार नाशक का छिडकाव किया हो उसकी अच्छी तरह गर्म पानी एवं सर्फ से सफाई के बाद ही उससे कीटनाशक का छिडकाव करें। हर फसल के लिये खरपतवार नाशक अलग अलग उपयोग किया जाता है अतः विशेषज्ञ से उचित मार्गदर्शन उपरांत हीं छिडकाव करें। कीट व्याधियो के अनुसार अनुशंसित कीटनाशक एवं मात्रा मे प्रयोग, कीट कीटनाशक दर तना मक्खी लैम्बडा सायहेलोथ्रिऩ 4.9 सी.एस. 300 मि.ली./है., पूर्व मिश्रित लैम्बडा सायहेलोथ्रिऩ, थायमिथोक्सम 125 मि.ली./है., सफेद मक्खी बीटासायफ्लुथ्रिन 8.49 इमिडाक्लोप्रिड 19.81, ओडी 350 मि.ली./है., पत्ती खाने वाली इल्लियां (सेमिलुपर, तम्बाकु की इल्ली, चने की इल्ली) क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी 100 मि.ली./है., इन्डोक्साकार्ब 15.8 ई.सी. 333 मि.ली./है., प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. 1250 मि.ली./है., क्विनालफॉस 25 ई.सी. 1500 मि.ली./है., ट्रायझोफॉस 40 ई.सी. 800 मि.ली./है.

स्पायनेटोरम 11.7 एस.सी 450 मि.ली./है., बीटासायफ्लुथ्रिन 8.49 इमिडाक्लोप्रिड 19. 81, ओडी 350 मि.ली./है., फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एस.सी 150 मि.ली./है., फ्लूबेंडियामाइड 20 डब्ल्यू.जी 250-300 मि.ली./है., लैम्बडासायहेलोथ्रिऩ 4.9 सी.एस. 300 मि.ली./है., पूर्व मिश्रित लैम्बडा सायहेलोथ्रिऩ, थायमिथोक्सम 125 मि.ली./है., गर्डल बीटल, थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. 750 ली./है., प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. 1250 मि.ली./है., ट्रायझोफॉस 40 ई.सी. 800 मि.ली./है., बीटासायफ्लुथ्रिन 8.49- इमिडाक्लोप्रिड 19.81ओडी 350 मि.ली./है.,पूर्व मिश्रित लैम्बडा सायहेलोथ्रिऩ, थायमिथोक्सम 125 मि.ली./है.।
विभाग द्वारा किसानो को सलाह दी गई कि अपनी फसल पर निरन्तर निगरानी रखें व समय पर कीट नियंत्रण हेतु सामूहिक रूप से प्रयास करें तथा अनुशंसित कीटनाषक दवा का उचित समय पर उचित घोल बना कर छिडकाव करे। वर्षा ऋतु के दौर मे ढलाव वाले (निचले स्तर) खेतों मे जल भराव की स्थति बनने पर उचित जल निकास हेतु नाली बनवाये। अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र एवं नजदीकी कृषि कार्यालय से सम्पर्क करें एवं मैदानी अमलों से उचित मार्गदर्शन लेवे।

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