झाबुआ – जिले में पुलिस जहां एक और आमजनों को जन जागरूकता के लिए प्रेरित कर रही है व समझाइश के माध्यम से लोगों को वाद विवाद न करने की अपील भी कर रही हैं । लेकिन वहीं दूसरी ओर कालीदेवी थाना अंतर्गत एक आरक्षक ने थाना परिसर के अंदर खेल रहे बच्चों में से एक बच्चे के साथ नशे की हालत में दादागिरी करते हुए नाबालिक को जड़े 3 – 4 चाटे और बाद में किसी भी तरह की शिकायत न करने की धमकी भी दी । पुलिस की इस कार्यप्रणाली से बच्चों में भय उत्पन्न हुआ हैं व आमजनों में पुलिस की इस कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश है ।
जानकारी अनुसार ग्राम कालीदेवी के निवासी धनसिंह कटारा ने बताया कि 5 अगस्त को शाम को रोजाना की तरह मेरा पुत्र आर्यन कटारा उम्र 12 वर्ष और कई बच्चे कालीदेवी पुलिस थाना मैदान में वॉलीबॉल खेल रहे थे । तभी आरक्षक जितेंद्र हरवाल जो कि नशे की हालत में था ने बच्चों को वॉलीबॉल खेलने से मना करते हुए , वहा से जाने की बात कहते हुए दादागिरी करते हुए , नाबालिग पुत्र आर्यन कटारा को 3- 4 चाटे मारे व गाली गलौज भी की और यह बात किसी को बताने पर थाने में बंद करने की धमकी भी दी । धनसिंह कटारा ने यह भी बताया कि बच्चे ने किसी भी तरह की कोई गलती नहीं की थी फिर भी जितेंद्र ने बच्चे को मारा । जितेंद्र की दादागिरी से नाबालिग पुत्र आर्यन और अन्य बच्चे घबरा गए व अपने घरो की ओर रवाना हुए । तथा जितेंद्र ने यह भी कहा कि कलेक्टर और एसपी भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं जिससे शिकायत करना है कर दो । धनसिंह कटारा ने यह भी बताया कि इस क्रूरता से बच्चा इतना भयभीत हुआ कि रात भर सो नहीं पाया है । वही नाम ना बताने पर कुछ बच्चों ने यह भी बताया कि पुलिस चोरों और अपराधियों को पकड़ती है हम बच्चों को क्यों डरा रही है और मार रही है । वही पुलिस की इस दादागिरी से बच्चों में भय भी उत्पन्न हुआ है व पुलिस की इस कार्य प्रणाली को लेकर आमजनों मे आक्रोश भी है । प्रश्न यह है कि यदि बच्चे द्वारा किसी तरह की कोई गलती की हो या कोई गलत कार्य कर रहे हो तो समझाइश भी दी जा सकती थी या उनके माता-पिता को सूचना भी की जा सकती थी । लेकिन पुलिस द्वारा नाबालिग को मारना समझ से परे है…? वही इस तरह से आर्यन को मारना व डराना समझ से परे है वही आर्यन के साथ अमानवीय व्यवहार करना भी पुलिस की कार्यप्रणाली को दर्शा रहा है । वही पिता धनसिंह कटारा द्बारा पुलिस आरक्षक की इस कार्यप्रणाली को लेकर पुलिस कप्तान को एक आवेदन भी देने की बात कही है ताकि कोई घटना की पुनरावृत्ति ना हो । क्या पुलिस कप्तान इस और ध्यान देकर आरक्षक जितेंद्र की कार्यप्रणाली को लेकर कोई कार्यवाही करेंगे या फिर यह जितेन्द्र यूं ही नाबालिग बच्चों को डराता व धमकाता रहेगा व आम जनों के साथ दुर्व्यवहार करता रहेगा……..?
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