सिविल सर्जन डा. सागर द्वारा मातृ एवं शिशु चिकित्सा इकाई का निरीक्षण
रतलाम 06 अगस्त 2023/ सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डा. एम.एस. सागर द्वारा मातृ एवं शिशु चिकित्सा इकाई का भ्रमण कर निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान एमसीएच इकाई मे लगे आक्सीजन प्लांट का गेट टूटा पाए जाने पर सिविल सर्जन द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए गेट की मरम्मत के तत्काल निर्देश दिए गए थे। निर्देश प्राप्त होते ही दो दिनों में गेट पर मरम्मत कार्य पूर्ण कर दिया गया ।
डा. सागर द्वारा नोडल अधिकारी से कहा गया कि अस्पताल में भर्ती मरीज एवं शिशुओं के उपचार में आक्सीजन की अहम भूमिका होने के बाद भी इस प्रकार की लापरवाही क्यों हुई। आपने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही से व्यक्ति या असामाजिक तत्वों द्वारा प्लांट व प्लांट में लगे एल.एम.ओ. में नुकसान एवं चोरी की घटना घटित हो सकती है। साथ ही साफ-सफाई पर भी नाराजगी व्यक्त की गई। वार्ड में स्थान चयनित कर डस्टबीन रखवाने के निर्देश दिए गए ताकि भर्ती मरीज एवं उनके परिजन डस्टबीन का उपयोग कर सकें।
0 से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण कराऐं
मिशन इंद्रधनुष का प्रथम चरण 7 अगस्त से प्रारंभ होगा
रतलाम 06 अगस्त 2023/ मिशन इंद्रधनुष का मिशन इंद्रधनुष अभियान का संचालन तीन चरणों क्रमश: प्रथम चरण 7 से 12 अगस्त, द्वितीय चरण 11 से 16 सितंबर, तृतीय चरण 9 से 14 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा।
सीएमएचओ ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान गर्भवती माताओं एवं 0 से 5 वर्ष आयु समूह के शत प्रतिशत बच्चों को सभी प्रकार के आवश्यक टीके लगाए जाऐंगे, कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक दवाईयों , वैक्सीन , मानव संसाधन संबंधी समस्त तैयारियां पूर्ण की गई है । कार्यक्रम का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य विभागों से समन्वय कर किया जाएगा। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. रवीन्द्रकुमार पाल ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष के दौरान बच्चों के टीकाकरण संबंधी समस्त प्रविष्टि यू विन एप के माध्यम से की जाएगी। कोविड के समय होने वाले टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल के समान ही यूविन पोर्टल पर जाकर आमजन ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन स्लॉट बुक करवाकर अथवा सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर ऑनस्पाट सीधे टीका लगवा सकेंगे। यूविन एप के माध्यम से टीकाकरण कराने के लिए हितग्राही के माता पिता को अपनापरिचय पत्र जैसे आधार कार्ड /वोटर कार्ड अथवा कोई एक आईडी लेकर जाना होगा । देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले बच्चा कहीं भी जाकर अपना अगला डोज का टीका सीधे लगवा सकते हैं और इसकी ऑनलाईन प्रविष्टि होने से टीकाकरण का ऑनलाईन प्रमाण पत्र भी आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा ।
डॉ. रवीन्द्र कुमार पाल ने बताया कि जिले में प्रति मंगलवार और शुक्रवार को नियमित टीकाकरण के तहत ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस आयोजित कर सम्पूर्ण टीकाकरण किया जा रहा है। सभी माता-पिता अपने बच्चो को ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस या नजदीकी प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल मे अपने बच्चो को 5 साल मे 7 बार ले जाकर 11 बीमारियों से अवश्य बचाये। समय पर टीकाकरण अवश्य करवाये। शासकीय अस्पताल में जन्में शिशुओं के लिए जीरो डोज सुविधा निःशुल्क उपलब्ध होती है। टी.बी, तपेदिक, पोलियो, पीलिया (हेपेटाइटिस-बी), डिप्थीरिया, कालीखांसी, टिटेनस, एच.इन्फ्लूएन्जी-बी. हिब से होने वाले निमोनिया मेनिन्जाइटिस, खसरा एवं रतौंधी, जैसी 11 जानलेवा बीमारियो से बचाने के लिए सभी माता-पिता अपने बच्चो का समय पर टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिये।
मिशन इंद्रधनुष के दौरान जन्म से 16 वर्ष तक के किशोर बालक, बालिकाओं को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। जन्म से 24 घंटे के भीतर पोलियो बीसीजी एवं हेपेटाइटिस-बी, (बर्थडोज), डेढ़ माह पर पोलियो, रोटा वायरस वैक्सीन, एफआईपीवी, पेंटावेलेंट तथा पीसीवी का प्रथम डोज, ढाई माह पर पोलियो, रोटा वायरस वैक्सीन और पेंटावेलेंट का द्वितीय डोज तथा साढ़े तीन माह मे पोलियो, रोटा वायरस वैक्सीन, एफआईपीवी, पेंटावेलेंट तथा पीसीवी के टीके का तीसरा डोज एवं 9 से 12 माह तक खसरे का एमआर प्रथम टीका, विटामिन-ए की प्रथम खुराक, पीसीवी बुस्टर डोज,के साथ अब एफआईपीवी की तीसरी डोज दी जाती है ।
16 से 24 माह पर ओपीवी, डीपीटी, एमआर का बूस्टर डोज, पोलियो बूस्टर तथा खसरा द्वितीय डोज लगाया जाता है। डिप्थीरिया, कालीखांसी, टिटेनस, पोलियो तथा खसरा से बचाव करता है। 16 माह से 5 वर्ष तक विटामिन-ए की दूसरी से 9 वीं खुराक (छः माह के अंतराल पर) रतौंधी एवं प्रतिरोध शक्ति में वृद्धि होती है। 5 से 6 वर्ष डीपीटी द्वितीय बूस्टर डोज डिप्थीरिया, कालीखांसी, टिटेनस से बचाव एवं 10 वर्ष और 16 वर्ष टीडी का टीका लड़के एवं लड़कियों दोनों को लगाया जाता है। इन टीको से समय से लगवाने पर 11 जानलेवा बिमारियो से अपने बच्चों को बचाया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भावस्था की जानकारी होते ही टी.डी. का प्रथम टीका, प्रथम टीके के 4 सप्ताह उपरांत टी.डी. का दूसरा टीका, बूस्टर डोज पिछले तीन वर्षो में यदि गर्भावस्था में टी.टी/टीडी. की 2 खुराकें ली गई हैं तो मात्र एक बूस्टर टीका लगाया जाता है।