बगैर महादेव की ईच्छा के महादेव के मंदिर में नही जाया जासकता है, जीवन का प्रत्येक रहस्य एवं आध्यात्मिकता का भंडार हमारे पुरानत ग्रंथो में भरा है – सांसद गुमानसिंह डामोर।
भगवान शिव जी में त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा,विष्णु एवं महेश समाहित है- श्रीमती सूरज डामोर
शिवरात्रि एवं श्रावण सोमवार के उपलक्ष्य में सांसद श्री डामोर ने सपत्नीक की, श्री योगेश्वर महादेव की महाआरती’।
लक्ष्मीनगर कालोनीवासियों ने डामोर दंपत्ति का किया भव्य स्वागत ।
झाबुआ । श्रावण पुरूषोत्तम मास के अन्तिम सोमवार को नगर के लक्ष्मीनगर कालोनी स्थित श्री योगेश्वर महादेव मंदिर योगेश्वर धाम पर धुमधाम से श्रावण सोमवार का पर्व क्षेत्री सांसद श्री गुमानसिंह डामोर एव पूर्व आयएएस अधिकारी श्रीमती सूरज डामोर के विशेष आतिथ्य में मनाया गया । इस अवसर पर डामोर दंपत्ति ने पूजा अर्चना एवं महाआरती का भी लाभ लिया । श्री डामोर एवं श्रीमती डामोर का लक्ष्मीनगर के रहवासियों की ओर से भावभीना स्वागत किया गया । इस अवसर पर सांसद डामोर ने आयोजित कार्यक्रम में शिव महिमा के बारे में संबंोधित करते हुए कहा कि बगैर महादेव की ईच्छा के महादेव के मंदिर में नही जाया जासकता है। श्री डामोर ने अपने संबोधन में नगर में स्थित योगेश्वर महादेव मंदिर में प्रथम बार आने का जिक्र करते हुए कहा कि यहां भगवानकाश्रंगार अवंतिका के महाकाल मंदिर की तरह बडे ही आकर्षक तरिके से किया गया है जो निश्चित ही कालोनीवासियों के लिये गर्व का प्रसंग होकर दर्शनीय है ।उन्होने आगे कहा कि लक्ष्मीनगर कालोनी नगर के बंद्धिजीवियों की कालोनी है। इस वर्ष श्रावण एवं पुरूषोत्तम मास का आना एक पवित्र संयोग है, जो सोने मे सुहागा की तरह है। एक और जहां पूरे देश में श्रावण अधिक मास की धुम मची हुई है। वही हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने काशी के श्री विश्वनाथ मंदिर के आसपास आसपास के 350-400 मकान जिनमे मुस्लिम समाज के भी मकान थे को विधिवत हटवा कर वहां भव्य परिसर का निर्माण करवाया दिया है । भगवान विश्वनाथ की ऐसी कृपा हुई कि पूरे देश को पता ही नही चला और वहां पर भव्य परिसर का निर्माण हो गया ।
श्री डामोर ने आगे कहा कि काशी विश्वनाथ भगवान का मंदिर गंगाजी से सीधा जुड गया है और श्रद्धालु आज सीधे गंगाजी से जल लेकर भगवान विश्वनाथ का पूजन अर्चन एवं अभिषेक कर रहे है । प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उजजेन के महाकांल लोक को भव्य स्वरूप दिया है । उन्होने आगे कहा कि हमारी हजारो सालपूरानी सनातन संस्कृति अब सही मायने मे पल्लवित हो रही है । हालांकी मै केदारनाथ जी के तीर्थस्थल पर जा नही पाया हूं किन्तु वहां भी मोदी ने बाबा केदारनाथ तीर्थ को भव्य एवं दर्शनीय तीर्थ बनाने के लिये कोई कसर नही छोडी है ।श्री डामोर ने कहा कि यहां पर राजनीति से परे हट कर यह कहना चाहता हूं कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी जी नही होते तो श्रीराम मंदिर का निर्माण नही हो पाता । राम ंदिर के निर्माण में काफी अडचनों के साथ ही पिछले 490 वर्ष का संघर्ष रा है जिसमें 4 लाख से अधिक लोगों ने अपनी जान राम मंदिर निर्माण को लेकर दी हे । हम गीता ,रामायण उपनिषद,पुराण आदि धार्मिक गं्रथ पढते है । आज से 3500-4000 साल पहले उन महर्षियों एवं बुद्धिजीवियों का बौद्धिक स्तर कितना अधिक उंचा था यह स्वयं मेव सिद्ध है । श्री डामोर ने कहा कि रामचरित मानस की रचना तुलसीदासजी ने संवत 1680 में की थी जिसमें जीवन के प्रत्येक रहस्य एवं आध्यात्मिकता का भंडार भरा है । किन्तु आज हमारी बौद्धिक क्षमता उतनी नही रही है । यदि हमे आज कहा जावे तो हम एक लाईन तक नही लिख सकते है ।
श्रीडामोर ने आगे कहा कि हमारी भारतीय सनातन संस्कृति को मिटाने के लिये पिछले 1000 साल में लगातार विधर्मियों के द्वारा प्रयास किये जाते रहे है प्रारंभ के 700-800 साल मुस्लिमों ने तथा उसके बाद अंग्रेजों ने कोई कसर नही छोडी, किन्तु सनातन संस्कृति को मिटा नही पाये । इन लोगों ने पाश्चात्य बढावा दिया और हमारी धर्म एवं संस्कृति के ज्ञान केन्द्रों को नष्ट करना शुरू किया । उन्होने भगवान श्रीकृष्ण का उदाहरण देते हुए बताया कि उज्जैन के सांदीपनी आश्रम में शिक्षा प्राप्त करने के लिये गुरूकुल में आये थे । तत्समय हमारी शिक्षा प्रणाली गुरूकुल की होकर काफी सम्पन्न एवं समाजोपयोगी थी । श्री डामोर ने कहा आज हमे शिक्षा के क्षेत्र में जागने का अवसर आया है। इसलिये हमे पुरातन को आदर्श बनाते हुए आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में भी मनन करने की आवश्यकता है ।
पूर्व आईएएस अधिकारी श्रीमती सूरज डामोर ने भीअपने संक्षिप्त उदबोधन में श्रावण पुरूषोत्तम मास के अन्तिम सोमवार का जिक्र करते हुए कहा कि हम शिवजी कीपूजा क्यो करते है? आज हमने शिवजी की आरती की है जिसमें त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा,विष्णु एवं महेश की आरती हुई है ।भालेनाथ को जां आदी देव कहा जाता है वही शिवजी के परिवार जिसमें माता पार्वती, गणेशजी, कार्तिकेयजी के अलावा पूरी प्रकृति ,पूरे ब्रह्माण्ड का समावेश है । श्रीमती डामोर ने आगे कहा कि भगवान शिवजी का परिवार बहुत बडा है इसमे सर्प भी हे, नंदी भी हैे, बिच्छु भी है,बेटिया भी है, गणेजी एवं कार्तिकेय की पत्नियां भी शामील है। भगवान शिवजी प्रकृर्ति की साक्षात मुर्ति है । भगवान शिवजी कैलाश पर्वत पर बिराजित है उनकी जटा से गंगाजी प्रवाहित होरही है, सिंर पर चन्द्रमा बिराजित है,इसलिये हमे सबकों आदिदेव भोलेनाथ के परिवार को ध्यान में रखते हुए हमने जो कार्य किया है उस पर मनन करना चाहिये ।
श्रीमती डामोर ने बताया कि विश्व मांगल्यसभा एवं सांसद श्री डामोर के संयुक्त तत्वावधान में मालवा क्षेत्र के 501 शिवमंदिरों मेें पूजा अर्चना, मानस पूजन,नाम स्मरण आदि का संकल्प लिया है। अभी तक हमारे द्वारा 187 शिवमंदिरों में शिवपूजन अनुष्ठान किया जाचुका है।। पेटलावद अंचल में 21 झाबुआ मे 33 मंदिरों में शिवजी के रूद्राभिषेक, बिल्वार्चन, जिसमे 108 बिल्वपत्रों को भगवान शिवजी को पंचाक्षरी मंत्र ’ ओम नमः शिवाय ’के साथ अर्पण किया गया है । और यह क्रम सतत जारी रखा गया है । इसी क्रम मे रूद्राष्टक पाठ, मानस पूजा जिसमे बिना किसीपूजन सामग्री के भगवान का पूजना होता है, किया जारहा है । श्रीमती डामोर ने उपस्थित सभी नगरवासियों की मंगल कामना करते हुए भगवान भालेनाथ का आशीर्वाद सभीको प्राप्त हो, तथा झाबुआ सतत प्रगतिपथ पर अग्रसर हो की कामना की ।
डामोर दंपत्ति का स्वागत लक्ष्मीनगर के श्री सिरोठिया, प्रकाश त्रिवेदी, सामाजिक महासंघ के निरज राठौर, व्यापारी संघ के संजय काठी ,अजय रामावत, कमलेश पटेल, हिरालाल पालिवाल, महेश अग्रवाल, देवेन्द्र परमार, हेमंत टेलर, श्रीमेडतवाल, कुमारी प्रिती बारोट, मधुबाला नाहर, श्रीमती देवड़ा,कु शीतल चैहान, सरोज नाहर, गंगा बेन, बबलीबेन परमार, टिना परमार, श्रीमती व्यास आदि ने किया अंत में आभार व्यापारी संघ के जिलाध्यक्ष संजय कांठी ने व्यक्त किया। इस अवसर पर कार्यक्रम का सफल संचालन श्री योगेश्वर धाम मंदिर के संचालक योगेन्द्र नाहर ने किया । कार्यक्रम के अन्त में महाप्रसादी फरियाली खिचड़ी का वितरण किया गया जिसके लाभार्थी तरुण कुमार विनोद कुमार बाबेल परिवार रहे ।