पोलेटेक्निक कालेज के छात्रों को एसडीआरएफ द्वारा को आपदा प्रबंधन संबंधी प्रशिक्षण दिया गया ।
नागरिक सुरक्षा का कार्य आपातकालीन परिस्थितियों से तत्काल निपटना, जनता की रक्षा करना, आपदा से नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए सेवाओं और सुविधाओं को बहाल करना मुख्य है- श्री शशिधर पिल्लइ
झाबुआ । शनिवार 23 सितंबर को शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज झाबुआ में डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड एवं एसडीआरएफ शशिधर पिल्लई व उनकी होमगार्ड, सिविल डिफेंस एवं एसडीआरएफ टीम द्वारा कॉलेज के छात्रों को आपदा प्रबंधन संबंधी प्रशिक्षण दिया गया । ज्ञातव्य है कि शनिवार को ही प्रातः कॉलेज हॉस्टल की भोजनशाला में गैस सिलेंडर के पाइप में आग लगने की घटना घटित हुई थी, इस कारण स्टॉफ व छात्रों को अग्नि दुर्घटना से निपटने की विशेष रूप से सिविल डिफेंस आपदा प्रबंधन की बारिकियों की जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया गया इस अवसर पर महाविद्यालयीन छात्रों को सिखलाई डेमो देकर बरती जाने वाली सावधानियों एवं उपायों के बारे में समझाईश दी गई ।
श्री पिल्लई ने छात्रों को सिविल डिफेंस एवं आपदा प्रबंधन के बारे संबोधित करते हुए कहा कि भारत में मुख्य रूप से आपदा प्रबंधन के चार चरण शमन, तैयारी, प्रतिक्रिया और रिकवरी हैं। इस मॉडल का उपयोग किसी क्षेत्र में किसी भी आपदा के पूर्व और बाद के प्रभावों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए किया जाता है। आपदा प्रबंधन के लक्ष्य- खतरों से होने वाले नुकसान को कम करना या टालना , पीड़ितों को शीघ्र सहायता का आश्वासन देना एवं तेजी से और प्रभावी पुनर्प्राप्ति प्राप्त करना होता है । आपदा प्रबंधन
में अन्य लक्ष्यों में से एक है कि इससे आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सके। इसके लिए, लोगों को उचित जागरूकता दी जाती है ताकि आने वाले समय में या भविष्य में कभी किसी प्रकार की आपदा की स्थिति में होने वाले संभावित जान और माल के नुकसान को कम से कम किया जा सके और राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।
श्री पिल्लई ने नागरिक सुरक्षा अर्थात सिविल डिफेंस के बारे मेें आगे बताया कि नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक ‘नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968’ और संबंधित नियमों और विनियमों के तहत कार्य करते हैं। नागरिक सुरक्षा का कार्य आपातकालीन परिस्थितियों से तत्काल निपटना, जनता की रक्षा करना, आपदा से नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए सेवाओं और सुविधाओं को बहाल करना इत्यादि है। नागरिक सुरक्षा (संशोधन) अधिनियम, 2009 के द्वारा ‘नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों’ को अतिरिक्त भूमिका के रूप में आपदा प्रबंधन के तहत शामिल किया गया था। नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 की धारा 4 के तहत राज्य सरकार स्थानीय प्रशासन की मदद करने हेतु नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों से कार्य ले सकती है।
श्री पिल्लई ने महाविद्यालयीन छात्रों को अपने संबोधन में इसके अतिरिक्त भूकंप के दौरान किस तरह जान बचाएंगे, पानी में डूबे व्यक्ति को बचाने के तरीकों,इमरजेंसी मेथड्स एवं प्रथमोपचार का भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान बडी संख्या में छात्रों के अलावा महाविद्यालय के प्राचार्य श्री गुप्ता एवं प्राध्यापकगण भी उपस्थित थे।