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झाबुआ

कालीदेवी- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्सो की मनमानी और आमजनों की परेशानी……. स्वास्थ्य विभाग मौन..?

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झाबुआ -प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लाखों /करोड़ों का बजट आबंटित किया जा रहा है ताकि प्रदेशवासीयो को उच्च स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सके । लेकिन झाबुआ जिले में कालीदेवी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नर्सो की मनमानी कार्यशैली ( डिलेवरी केस )और कर्मचारीयो की गैर जिममेदाराना कायप्रणाली के कारण आमजन परेशान हो रहे हैं । इसी को लेकर कालीदेवी क्षेत्र के कुछ लोगों ने स्वास्थ्य केंद्र की मनमानी कार्यशैली को लेकर जनसुनवाई में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है ।

जनसुनवाई में चैनसिंह पिता खूना भाबोर निवासी खेड़ली और रमेश भाबोर निवासी डूंगरी फलिया कालीदेवी ने जनसुनवाई में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काली देवी में नसों की कार्यप्रणाली को लेकर आवेदन दिया है । आवेदन चैन सिंह भाबोरर ने आवेदन में बताया कि 11 सितंबर को अपनी लड़की श्रीमती सुरती पति अरविंद भूरिया को सुबह 10:00 बजे डिलीवरी हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालीदेवी (रामा) लेकर आया । लेकिन वहां पर ऊपर उपस्थित नर्स श्रीमती कुरैशी ने बिना चेकअप के ही गेट से मना कर दिया और कहा कि इसकी डिलीवरी यहां नहीं होगी । इसे झाबुआ अस्पताल ले जाऊं । हमने कई बार निवेदन भी किया , लेकिन नर्स ने कहा कि बेड खाली नहीं है । फिर निवेदन करने पर उपस्थित नर्स ने कहा कि 7000 रुपए लगेंगे , तभी भर्ती करेंगे । तब हमने नर्स से कहा कि हमारे पास पैसे नहीं है तो नर्स ने भर्ती करने से मना कर दिया । फिर हम अपनी लड़की को मिशन अस्पताल झाबुआ लेकर आए और डिलीवरी करवाई । आवेदक ने उपरोक्त नर्स पर राशि की माग का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है ।

वही आवेदक रमेश भाबोर निवासी डूंगरीफलिया कालीदेवी ने भी जनसुनवाई में आवेदन के माध्यम से बताया कि मैं 18 सितंबर को अपनी बहू श्रीमती बिनु पति राहुल भाबर को दोपहर 2:00 बजे डिलीवरी हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काली देवी (रामा) लेकर आए । लेकिन वहां पर उपस्थित नर्स श्रीमती कुरेशी व श्रीमती सुनीता निरथरे ने डिलेवरी हेतु आई महिला को बिना चेकअप किए गेट से ही मना करते हुए कहां की डिलीवरी यहां नहीं होगी । इससे झाबुआ ले जाओ । हमने नर्स से बहुत प्रार्थना की । लेकिन दोनो नर्सो ने कहा कि बेड खाली नहीं है । थोड़ी देर रुकने के बाद पुन: प्रार्थना करने पर दोनों नर्सों ने कहा कि ₹3000 लगेंगे तभी हम भर्ती करेंगे । तब हमने कहां हम पैसे कहां से लाएं । इस बातचीत में समय बीत गया और शाम को करीब 5-6 बजे मेरी बहू गेट के पास दर्द से परेशान होती रही । हमने कहा चेक तो कर लो तब दूर से ही बिना चेक किया कह दिया कि इसकी डिलीवरी को तो अभी 24 घंटे और लगेंगे ,इस घर ले जाओ । फिर 20 मिनट बाद मेरी बहू को गेट के पास ही डिलीवरी हो गई । तब भी स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ से कोई भी कर्मचारी डिलीवरी वाली महिला के पास नहीं आया । तब मेरी पत्नी और चार अन्य महिलाओं की सहायता से मेरे बहू को उठाकर अंदर बेड पर लेटाया गया । उसके बाद वहां पर स्टाफ ने उन्हें संभाला । इस सारे घटनाक्रम की शिकायत मैंने सीएम हेल्पलाइन पर भी की है । रमेश भाबोर ने भी उपरोक्त दोनों नर्सो पर डिलीवरी केस के लिए राशि की मांग का आरोप लगाते हुए, कार्रवाई की मांग की है ।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालीदेवी (रामा) में डिलीवरी केस के लिए राशि की मांग को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं ।

के.के. मिश्रा , मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ,झाबुआ

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