प्राचीन दक्षिणी महाकाली का मंदिर का हो रहा भव्य जीर्णोद्धार।
समिति की बैठक में मंदिर जी का निर्माण तीन चरणों में किए जाने का हुआ निर्णय ।
झाबुआ । नगर में जन-जन की आस्था का केंद्र प्राचीन दक्षिणमुखी महाकाली का मंदिर स्थापित है। मंदिर में श्री महाकाली का माताजी की प्रतिमा के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा तथा मां चामुंडा की प्रतिमा भी स्थापित है। उक्त मंदिर विगत 300 वर्षों से भी अधिक पुराना होकर प्रचलित जनश्रुति के अनुसार उक्त मंदिर स्थानीय झाबुआ स्टेट के राजा साहब की कुलदेवी होकर उनके द्वारा मंदिर का निर्माण करवाया गया था। तथा मंदिर जी को विधिवत शक्तिपीठ के रूप में निर्माण किया गया था । अतः आज भी मंदिर का शिखर विद्यमान नहीं है । मंदिर में स्थापित मां की आराधना एवं मन्नत के लिए सभी समाज के सभी वर्ग के श्रद्धालुजनों एवं भक्तों का आना-जाना सतत बना रहता है। मंदिर के नियमित भक्तों के कथन अनुसार माता जी की प्रतिमा अत्यन्त ही चमत्कारिक होकर सभी की मनोकामनायें पूर्ण करती है। अगर कोई यहां जाकर मन्नत इत्यादि लेता है, तो उनकी अपेक्षित मन्नत निश्चित रूप से पूर्ण होती है।
मां की आराधना में नगर के भक्तों के साथ-साथ आदिवासी समाज के श्रद्धालुजनों का भी तांता लगा रहता है। मंदिर काफी जिर्ण शीर्ण गया था। मंदिर की छत पूरी तरह जर्जर होकर बारिश का पानी भी मंदिर में गिरता था। जिससे भक्तों एवं आगन्तुक श्रद्धालुजनों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था। वर्तमान में कार्यरत मंदिर की संचालक समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि मंदिर का पूर्ण जिर्णोद्धार किया जाकर राजस्थानी शैली में संपूर्ण मंदिर का नवनिर्माण किया जावे । इसी क्रम में मंदिर जी का निर्माण तीन चरणों में किए जाने का निर्णय लिया गया । जिसमें लगभग एक करोड़ 20 लाख की धनराशि व्यय होना अनुमानित है। मंदिर के प्रथम चरण में गर्भ गृह तथा संपूर्ण मंदिर का जिर्णोद्वार , द्वितीय चरण में मंदिर परिसर में स्थापित यज्ञशाला तथा प्राचीन मंदिर में स्थापित देवताओं की पुनः प्राण प्रतिष्ठा तथा तृतीय एवं अंतिम चरण में मंदिर जी के गरबा प्रांगण को दिव्य रूप दिया जाकर संपूर्ण निर्माण संगमरमर से किया जाना प्रस्तावित है । जिसके लिए जनसहयोग से धनराशि स्थानीय माताजी के भक्तों एवं श्रद्धालुजनों से प्राप्त कर निर्माण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है ।
वर्तमान में 20 लाख रुपए की लागत से गर्भ गृह एवं फर्श के निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है, मंदिर समिति के अध्यक्ष एडवोकेट श्री राजेंद्रप्रसाद अग्निहोत्री ने बताया कि मंदिर निर्माण में सतत आर्थिक योगदान प्राप्त हो रहा है तथा नवरात्रि के पूर्व तक गर्भ गृह तथा फर्श लगाने का कार्य पूर्ण हो जाएगा । तत्पश्चात मंदिर की दीवारें छत एवं बाहरी दीवारों का कार्य तथा मंदिर परिसर में स्थापित फर्श पर नक्काशी का कार्य राजस्थान से आए कलाकारों के द्वारा किया जाएगा । श्री अग्निहौत्री नेे बताया कि मंदिर निर्माण के लिये एक समिति गठित की गई ह,ै जिसमें श्री कन्हैयालाल राठौर एवं श्री अतीश शर्मा निरंतर उक्त निर्माण का पर्यवेक्षण कर रहे हैं। राजस्थान से आए ठेकेदार श्री कमलजी इस कार्य को अपने नेतृत्व में संपादित कर रहे हैं । समय-समय पर माताजी के वरिष्ठ भक्तगण भी श्री कांतिलाल नानावटी एवं श्री शिवनारायण जी मिस्त्री भी इसमें अपनी सहभागिता करते रहते हैं । इस प्रकार जन जन की आस्था के केन्द्र दक्षिणमुखी कालिका माता मंदिर का कार्य नवरात्रि के पूर्व पूर्ण हो इसके लिए समिति कटिबद्ध है एवं दिन-रात प्रयत्नशील होकर इसे साकार करने में लगी हुई है।श्री अग्निहोत्री ने धर्मप्राण जनता से अधिक से अधिक तनम न धन से सहयोग की अपील की हे ।