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चेतन्य काश्यप फाउंडेशन द्वारा श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन – श्रीराम मर्यादा में रहना सिखाते है और श्रीकृष्ण सिखाते मर्यादा रखते कैसे है- सुश्री जया किशोरीजी विधायक चेतन्य काश्यप के नेतृत्व में पहली बार हो रहा अद्भूत आयोजन- राष्ट्रीय संत नर्मदानंद बापजी श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह से खुश और गोपी विरह प्रसंग में भाव विहल हुआ पांडाल

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चेतन्य काश्यप फाउंडेशन द्वारा श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन –
श्रीराम मर्यादा में रहना सिखाते है और श्रीकृष्ण सिखाते मर्यादा रखते कैसे है- सुश्री जया किशोरीजी
विधायक चेतन्य काश्यप के नेतृत्व में पहली बार हो रहा अद्भूत आयोजन- राष्ट्रीय संत नर्मदानंद बापजी
श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह से खुश और गोपी विरह प्रसंग में भाव विहल हुआ पांडाल

रतलाम ।
चेतन्य काश्यप फाउंडेशन द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के छटे दिन शनिवार को सुप्रसिद्ध कथावाचक सुश्री जया किशोरीजी ने प्रभु की रासलीला के बाद श्रीकृष्ण-गोपी विरह का उद्द्धव संवाद सुनाकर भाव विहल कर दिया। श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह के सजीव चित्रण से पूरा पांडाल झूमा उठा। कथा के दौरान कंसवध प्रसंग में जय-जयकार गूंज उठी। रविवार को कथा पूर्णाहुति से पूर्व श्रीकृष्ण अनन्य विवाह, सुदामा चरित्र, महाभारत की कथा, राजा परीक्षित अंतिम उपदेश श्रवण कराया जाएगा।

सुश्री जया किशोरी जी ने कथा के दौरान भगवान की लीलाओं, परंपराओं एवं संस्कृति का सम्मान करने का संकल्प दिलाया। उन्होने कहा कि जब तक हम अपने भगवान, रीति रिवाजों की इज्जत नहीं करेंगे, तब तक किसी और से उम्मीद नहीं कर सकते। जीवन में बड़ा बदलाव लाने के जरूरी नहीं की आपको हिंसा करना पडे़, बिना हिंसा के भी आप बदलाव ला सकते है। बस आप भगवान की लीलाओं का मजाक बनाने के कार्यों का हिस्सा बनना बंद कर दीजिए। ऐसी चीजें स्वतः होना बंद हो जाएगी।

सुश्री जया किशोरीजी ने कहा कि श्रीराम आपको मर्यादा में रहना सिखाते है और श्रीकृष्ण मर्यादा में रखते कैसे है इसकी सीख देते है। भगवान की लीलाओं को संसार की दृष्टि से नहीं भगवत दृष्टि से देखे। भगवान की हर लीला के पीछे जगत का कल्याण होता है और हमारी हर लीला के पीछे स्वयं के कल्याण का कारण होता है। हमे इतना भी नहीं गिरना है कि जब तकलीफ रहे तो भगवान को याद करें और अच्छे समय में इन्ही का मजाक बनाए। किसी को नीचा कर स्वयं को ऊपर बढ़ाने से मिलने वाली सफलता ज्यादा समय तक नहीं रहती।

आरंभ में राष्ट्रीय संत श्री नर्मदानंद बापजी ने कहा कि रतलाम की धरा पर एक अनूठा संगम और ज्ञान भक्ति की पराकाष्ठा का आज सभी रसास्वादन कर रहे है। रतलाम की धरा पर विधायक चेतन्य काश्यप के नेतृत्व में ऐसा अद्भूत कार्य पहली बार हो रहा है। वे जिस प्रकार से यह कार्य कर रहे है, उसी प्रकार आगामी समय में हमें इन्हे आगे बढ़ाना है। बापजी ने इस मौके पर विधायक श्री काश्यप को शॉल ओढ़ाकर आशीर्वाद प्रदान किया। कथा के आरंभ में फाउंडेशन अध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप, श्रीमती नीता काश्यप, सिद्धार्थ काश्यप, पूर्वी काश्यप एवं श्रवण काश्यप ने पौथी पूजन किया। इसके बाद समिति सदस्यों एवं अतिथियों द्वारा आरती की गई। अतिथि के रूप में भाजपा जिला प्रभारी प्रदीप पांडेय, जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह लुनेरा, महापौर प्रहलाद पटेल, मंडल रेल प्रबंधक रजनीश कुमार, वरिष्ठ समाजसेवी खुर्शीद अनवर उपस्थित रहे।


विभिन्न संस्थाओं ने किया स्वागत-अभिनन्दन
कथा के आरंभ में विभिन्न संस्थाओं द्वारा सुश्री जयाकिशोरी जी एवं विधायक चेतन्य काश्यप का स्वगत-अभिनंदन किया गया। इस दौरान श्री जांगड़ा पोरवाल समाज, चैम्बर ऑफ कॉमर्स, जैन विद्या विकास समिति जैन स्कूल, आदिवासी समाज, रतलाम जिला अभिभाषक संघ, रोटरी क्लब, पूज्य सिंधी पंचायत एवं सिंधु सेना, अ.भा. कोली समाज, पांचाल समाज, संपूर्ण माली समाज, विश्व हिंदू परिषद् एवं बजरंग दल, प्रतिभा सम्मान समारोह समिति, सज्जन क्षत्रिय समाज राजपूत बोर्डिंग, जैन विद्या निकेतन स्कूल, सूरजमल जैन मंडल, सांई सेवा सुंदर कांड मंडल, त्रिवेदी मेवाड़ा ब्राह्मण समाज, राजपुरोहित मंडल, भोजन व्यवस्था समिति के सदस्य उपस्थित रहे।

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