ओल्ड हाउसिंग बोर्ड कालोनी में शिवालय सेवा समिति गुरूवार को करेगी 108 कन्या भोज का आयोजन।
नवरात्रोत्सव के दौरान कन्याओं को भोजन कराने से माता रानी प्रसन्न होती है और यह भोजन माता रानी तक ही पहुंचता है- पण्डित द्विजेन्द्र व्यास ।
झाबुआ। स्थानीय शिवालय सेवा समिति धार्मिक आयोजनों में बढ़ चढ़कर सहभागिता कर रही है। इसी क्रम में 19 अक्टूबर शारदेय नवरात्री की पंचमी को नगर की ओल्ड हाउसिंग बोर्ड कालोनी में स्थित चमत्कारिक मां जगदंबा मंदिर नवदुर्गा धाम पर 19 अक्तुबर गुरूवार प्रातः 10 बजे से समिति द्वारा 108 कन्या भोज का आयोजन किया जा रहा है। इस अनूठे आयोजन को लेकर समिति के सदस्य द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही है।
कन्या भोज के बारे मंे नगर के ज्योतिषाचार्य पण्डित द्विजेन्द्र व्यास के अनुसार वैसे तो कुछ लोग नवरात्रि के दौरान हर दिन ही कन्या पूजन कराते हैं, लेकिन नवरात्री की पंचमी, दुर्गा अष्टमी और नवमी के दिन इसका विशेष महत्व होता ह।. शास्त्रों में बताया गया है कि इन दोनों दिनों के दौरान कन्याओं को भोजन कराने से माता रानी प्रसन्न होती है और यह भोजन माता रानी तक ही पहुंचता है ।
उन्होने बताया कि शास्त्रों के नियमानुसार कन्या पूजन में 9 कन्याओं को भोजन करवाने का नियम बताया गया है। लेकिन कुछ लोग अपने हिसाब से 5 या फिर 7 कन्याओं को माता का रूप मानकर पूजा करते हैं। नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान माता के 9 रूपों को पूरे विधि विधान से पूजा जाता है. यह 9 दिन बिल्कुल एक उत्सव की तरह होते है जिसमें अष्टमी और नवमीं को कन्या भोजन कराया जाता है। कन्या भोज भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कन्या भोजन में बच्चियों को हलवा पूड़ी खिलाया जाता है और माता को भोग लगाया जाता है। कन्या भोज भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. कन्या भोजन में बच्चियों को हलवा पूड़ी खिलाया जाता है और माता को भोग लगाया जाता है।
कन्या पूजा का अर्थ बताते हुए उन्होने कहा कि कन्या पूजा या कुमारी पूजा, एक हिंदू पवित्र अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से नवरात्रि उत्सव की पंचमी, अष्टमी और नवमी ) पर किया जाता है। इस समारोह में मुख्य रूप से कम से कम नौै और अधिक से अधिक 108 या इससे अधिक लड़कियों की पूजा शामिल है। जो देवी दुर्गा (नवदुर्गा) के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। सनातन धर्म में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि में व्रत रखने के बाद कन्या पूजन करने से माता रानी प्रसन्न होती है। सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती है। इसके साथ ही कन्या पूजन करने से कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है। नवरात्र के किसी भी दिन कन्या पूजन का आयोजन किया जा सकता है।
पण्डित व्यास के अनुसार मान्यताओं के अनुसार छोटी-छोटी कन्याएं माता का ही रूप मानी जाती हैं इसलिए नवरात्रि के नौं दिनों या विशेषकर पंचमी, अष्टमी और नवमी के दिन कन्या भोजन करवाया जाता है। कन्या भोजन में माता की पसंद के पकवान बनाए जाते हैं।
शिवालय सेवा समिति ओल्ड हाउसिंग बोर्ड कालोनी के पदाधिकारियों ने नगर की धर्मप्राण जनता से अनुरोध किया है कि कालोनी स्थित माता दुर्गाजी के चमत्कारिक मंदिर में आयोजित 108 कन्या भोज के अनुष्ठान कार्यक्रम में दर्शनार्थ प्रधारे और धर्मलाभ लेवें ।