77 वां होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस का उल्लासमय वातावरण में हुआ आयोजन ।
किसी भी अप्रिय स्थिति में नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड की स्थापना की गई- सुश्री तन्वी हुड्डा ।
झाबुआ । बुधवार को होमगार्ड लाइन झाबुआ में होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा का 77 व स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर झाबुआ सुश्री तन्वी हुड्डा तथा विशेष अतिथि पुलिस अधीक्षक झाबुआ श्री आगम जैन रहे । मुख्य अतिथि के आगमन पर परेड द्वारा उन्हें सलामी दी गई। परेड का नेतृत्व संतोष डिंडोर प्लाटून कमांडर ने किया तथा परेड की अनुवाई आईसी सुश्री अपूर्वी पाल एएसआई थीं। परेड में चार प्लाटून सम्मिलित थे, जिनमें दो आम्र्स लाइंस तथा एक होमगार्ड जवानों का आम्र्स प्लाटून एवं चैथा सिविल डिफेंस के वॉलिंटियर्स का प्लाटून था। होमगार्ड डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट श्री शशिधर पिल्लई द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदय तथा डायरेक्टर जनरल होम गार्ड्स, नागरिक सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन श्री अरविंदकुमार के संदेशों का वाचन किया गया। तत्पश्चात पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन भी दिए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि कलेक्टर सुश्री तन्वी हुड्डा ने कहा कि भारतीय होम गार्ड एक स्वयंसेवी बल है जिसे भारतीय पुलिस का सहायक बनने का काम सौंपा गया है । पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के साथ भारत-चीन युद्ध के बाद 1966 में भारत में होम गार्ड संगठन का पुनर्गठन किया गया था । हालांकि यह कुछ स्थानों पर व्यक्तिगत रूप से छोटी इकाइयों में मौजूद था। होम गार्ड की भर्ती नागरिक समाज के विभिन्न वर्गों से की जाती है जैसे पेशेवर, कॉलेज के छात्र, कृषि और औद्योगिक श्रमिक आदि जो समुदाय की बेहतरी के लिए अपना खाली समय देते हैं। 18-50 आयु वर्ग के भारत के सभी नागरिक पात्र हैं। होम गार्ड में सदस्यता का सामान्य कार्यकाल तीन से पांच वर्ष है।,होम गार्ड की स्थापना मूल रूप से 1946 में तत्कालीन बॉम्बे प्रांत में की गई थी। सेना , नौसेना , वायु सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अलावा , किसी भी अप्रिय स्थिति में नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जुड़वां स्वैच्छिक संगठन – नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड की स्थापना की गई थी। इसलिए, हर साल 6 दिसंबर को पूरे देश में संगठन के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1946 में उस दिन, पहली होम गार्ड यूनिट की कल्पना और स्थापना तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी में नागरिक विकारों और सांप्रदायिक दंगों की उथल-पुथल के दौरान, पुलिस के सहायक के रूप में प्रशासन की सहायता के लिए एक नागरिक स्वैच्छिक बल के रूप में की गई थी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा सराहनीय कार्य करने वाले होमगार्ड, सिविल डिफेंस व एसडीआरएफ जवानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद मॉक ड्रिल का प्रदर्शन किया गया जिसमें कॉलेप्स हुई बिल्डिंग में सिविल डिफेंस व एसडीआरएफ के जवान किस तरह रेस्क्यू कर लोगों की जान बचाते हैं इसका जीवंत प्रदर्शन किया गया।कार्यक्रम में जिले के एडीएम श्री एस एस मुजाल्दा, एडिशनल एसपी श्री कुर्वे, जेल अधीक्षक श्री पगारे के अलावा जिले के अन्य अधिकारी एवं समाजसेवी तथा सभ्रान्त नागरिक, एनसीसी कैडेट्स एवं स्कूली बच्चे भी सम्मिलित थे। अतिथियों द्वारा आपदा बचाव उपकरण व सामग्रियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया तथा जिला सेनानी द्वारा आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर बच्चों के खेल कार्यक्रम तथा जवानों के बीच रास्सा कसी की स्पर्धा भी आयोजित की गई। कार्यक्रम समाप्ति पश्चात होमगार्ड डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट श्री शशिधर पिल्लई द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया । कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अतिथियों, जिला अधिकारियों, गणमान्य नागरिक, सेवानिवृत्त अधिकारी कर्मचारी, होमगार्ड परिवार के सभी सदस्यों, आपदा मित्र एवं पत्रकार साथियों आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया गया । तत्पश्चात कार्यक्रम का समापन किया गया ।