सशस्त्र झण्डा दिवस मनाया गया
रतलाम/ जिले में 7 दिसम्बर को सशस्त्र झण्डा दिवस मनाया गया। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन (नौ.से.) श्री अजय शर्मा ने कलेक्टर श्री भास्कर लाक्षाकार को लेपल पिन लगाकर झण्डा दिवस की शुरूआत की गई। इस अवसर पर कल्याण संयोजक श्री बंशीलाल कटारे, नायब सूबेदार श्री आर.पी. सोनार भी उपस्थित थे।
झण्डा दिवस पर जनसाधारण से देश के वीरगति प्राप्त सैनिकों, सेवानिवृत्त सैनिकों तथा उनके आश्रितों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लिए सहयोग राशि एकत्रित की जाती है। यह राशि जिला सैनिक कल्याण कार्यालय होमगार्ड कालोनी, रतलाम पर जमा कराई जा सकती है। जनसाधारण की सुविधा के लिए क्यू आर कोड स्केन करके भी सहयोग राशि प्रदान की जा सकती है। जमा की जाने वाली राशि आयकर की धारा 297 (2) के अन्तर्गत आयकर से मुक्त है।
लोक अदालत का आयोजन 9 दिसम्बर को
रतलाम/ म.प्र. विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा तहसील व जिला न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन 9 दिसम्बर को किया जाएगा। लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर प्रकरण का निराकरण होगा।
कनिष्ठ लेखाधिकारी भारत संचार निगम लिमिटेड वर्षा चौधरी ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में राजस्व की लंबित राशि से संबंधित लगभग 500 प्रकरणों को रतलाम, जावरा, सैलाना तथा आलोट न्यायालयों में प्रस्तुत किया है। लोक अदालत में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रिलिटिगेशन प्रकरणों के लिए रतलाम, जावरा, सैलाना तथा आलोट के न्यायालयों में संबंधित खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।
भारत संचार निगम लिमिटेड ने प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष छूट का प्रावधान रखा है। उपभोक्ता अपनी सुविधानुसार प्रकरण निराकरण के लिए बीएसएनएल के कार्यालय में भी 9 दिसम्बर के पूर्व सम्पर्क कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। दूरभाष, मोबाइल, एफटीटीएच के लंबित राशि के प्रकरणों से संबंधित उपभोक्ता से आपसी समझौते से 10 से 50 प्रतिशत राशि तक छूट का लाभ लेकर प्रकरण निपटाने की अपील की है।
विशेष आईटीआई प्लेसमेंट केम्पस 11 दिसम्बर को
रतलाम/ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रतलाम में 11 दिसम्बर को आयशर मोटर्स द्वारा कम्पनी के देवास स्थित प्लांट के लिए एक दिवसीय प्लेसमेंट केम्पस का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कक्षा दसवीं, आईटीआई, 12 वीं तथा स्नातक उत्तीर्ण महिला व पुरुष आवेदकों के लिए मशीन आपरेटर के लगभग 300 रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी।
प्राचार्य श्री यू.पी. अहिरवार ने बताया कि भर्ती के लिए कक्षा 10 वीं, 12 वीं, आईटीआई तथा स्नातक उत्तीर्ण होना आवश्क है। उम्र 18 से 30 वर्ष। केम्पस में सम्मिलित होने के लिए आनलाईन पंजीयन लिंक https://forms.gie/NKzrBvxTPW5h=bjStZ7 पर समस्त आवेदक पंजीयन कर सकते हैं। 11 दिसम्बर को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रतलाम में उपस्थित होकर केम्पस में भाग ले सकते हैं। आयोजन के दिन अपने समस्त मूल प्रमाण पत्रों एवं बायोडाटा सहित अन्य शैक्षणिक दस्तावेजों को लेकर आईटीआई परिसर में प्रातः 10.00 बजे उपस्थित होवें। भर्ती कम्पनी द्वारा अपनी शर्तों पर की जाएगी। साक्षात्कार के समय कम्पनी से समस्त जानकारी स्वयं प्राप्त करें। उपरोक्त केम्पस में प्रतिभागिता हेतु कोई मार्ग व्यय, यात्रा व्यय नहीं दिया जाएगा।
शीत ऋतु में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें – सीएमएचओ डॉ. आनंद चंदेलकर
शीत ऋतु से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की एडवायजरी जारी
रतलाम / शीत ऋतु में वातावरण का तापमान अत्याधिक कम होने (शीत लहर) के कारण मानव स्वास्थ पर अनेक विपरीत प्रभाव जैसेः- सर्दी, जुकाम, बुखार, निमोनियां, त्वचा रोग, फेफड़े में संक्रमण, हाईपोथर्मिया, अस्थ्मा, एलर्जी होने की आंशका बढ़ जाती है एंव समय पर नियत्रण न किया जाये, उस स्थिति में मृत्यु भी हो सकती है। उक्त प्रभावों से पूर्व बचाव हेतु समयानुसार उचित कार्यवाही की जाने की स्थिति में प्राकृतिक विपदा का सामना किया जा सकता है। यदि किसी स्थान पर एक दिन या 24 घण्टे में औसत तापमान में तेजी से गिरावट होती है, एंव हवा बहुत ठंडी हो जाती है, उस स्थिति को शीत लहर कहते है।
सीएमएचओ डॉ. आनंद चंदेलकर ने बताया कि शीत लहर की आंशकां होने पर स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियों/टी.बी/समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया प्रकाशन का ध्यान रखें ताकि यह पता चल सकें कि आगामी दिनों में शीत लहर की संभावना है या नहीं। शीत ऋतु में मौसम के परिवर्तन हेाने से वातावरण का तापमान कम हो जाता है, जिससे विभिन्न प्रकार के रोग जैसे- खासी, बुखार होने की संभावना रहती है। ऐसे वस्त्र जिनमें कपडे़ की कई परते होती है, वह शीत से बचाव हेतु अधिक प्रभावी होते है। आपातकालीन स्थिति होने की स्थिति में आवश्यक वस्तुओं जैसे भोजन, पानी, ईधन, बैटरी, चार्जर, अपातकालीन प्रकाश, और साधारण दवाएं तैयार रखी जाये। घर में ठंडी हवा के प्रवेश रोकने हेतु दरवाजे तथा खिड़कियों की ठीक से बंद रखा जाये। आवश्यकतानुसार बिस्तर, रजाई, कंबल,स्वेटर, एंव अन्य आवश्यक वस्तुओं का पूर्व से इंतजाम करें। यथासंभव कुछ अतिरिक्त गर्म कपड़ों का भी भन्डारण किया जावे।
फ्लू, बुखार, नाक बहना/भरी नाक या बंद नाक जैसी विभिन्न-बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड में लबें समय तक संपर्क में रहने के कारण होती है। अतः आवश्यक होने पर ही घर से बाहर रहें। शीत से होने वाले रोग के लक्षणों के उत्पन्न होने पर तत्काल स्थानीय स्वास्थ कर्मियों या डॉक्टर से परामर्श करें। यथासंभव घर के अंदर रहें और ठंडी हवा, बारिश, बर्फ से संपर्क को रोकने के लिए अनिवार्य होने पर ही यात्रा करें। शरीर को सूखा रखें। शरीर की गरमाहट बनाये रखने हेतु अपने सिर, गर्दन, कान, नाक,हाथ और पैर की पर्याप्त रूप से ढकें। एक परत वाले कपड़े की जगह ढीली फिटिंग वाले परतदार हल्के कपड़े, हवा रोधी/सूती का बाहरी आवरण तथा गर्म ऊनी भीतरी कपड़े पहने। तंग कपडे़ शरीर में रक्त के बहाव को रोकते है इन कपड़ों का प्रयोग न करें। शरीर की गर्मी बचाये रखने के लिए टोपी/हैट, मफलर तथा आवरण युक्त एंव जल रोधी जूतों का प्रयोंग करें। सिर को ढकें क्योंकि सिर के उपरी सतह से शरीर की गर्मी की हानि होती है। यथासंभव बिना उंगली वाले दस्तानें का प्रयोग करें। यह दस्ताने उंगलियों की गरमाहट बचाये रखने में मदद करतें है। फेफड़े में संक्रमण से बचाव हेतु मुंह तथा नाक ढक कर रखें। स्वास्थ वर्धक गर्म भोजन का सेवन किया जाना सुनिश्चित करें, एंव शीत प्रकृति के भोजन से दूर रहें। रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हेतु के लिए विटामिन सी से भरपूर ताजे फल व सब्जियां खाये।
गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पिये, इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर में गर्मी बनी रहेगी। तेल, जेली या बॉडी क्रीम से नियमित रूप से अपनी त्वचा को मॉइस्चराईज करें। बुर्जग, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का यथासंभव अधिक ध्यान रखें क्योंकि उन्हें शीत ऋतु का प्रभाव होने की आंशका अधिक रहती है, उनके द्वारा टोपी, मफलर, मौजे, स्वेटर, इत्यादि का उपयोग किया जाना सुनिश्चित करें।भोजन के लिये आवश्यक सामग्री, गर्म तथा परतदार कपड़ों का भंडारण करें। पर्याप्त मात्रा में जल की भी उपलब्धता सुनिश्चित की जाये, क्योंकि वातावरण में तापमान की कमीर से पाईप में पानी जम सकता है। आवश्यकता अनुसार रूम हीटर का उपयोग कमरें के अंदर ही करें।रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रंबध रखें।कमरों को गर्म करने के लिये कोयले का प्रयोग न करें। अगर कोयले तथा लकड़ी को जलाना आवश्यक है तो उचित चिमनी का प्रयोग करें। बंद कमरों में कोयले को जलाना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह कार्बन मोनोऑक्साईड जैसी जहरीली गैस पैदा करती है, जो किसी की जान भी ले सकती है।
गैर औद्योगिक भवनों में गर्मी के बचाव हेतु दिशा-निर्देशानुसार रोधन का उपयेग करें।अधिक समय ठंड के संपर्क में न रहे।शराब न पीएं। यह शरीर की गर्माहट को कम करता है, यह खून की नसों को पतला कर देता है, विशेषकर हाथों से जिसमें हाईपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है। शीत में क्षतिग्रस्त हिस्सों की मालिश न करें यह त्वचा को और नुकसान पंहुचा सकता है।शीत लहर के संपर्क में आने पर शीत से प्रभावित अंगों के लक्षणें जैसे कि संवेदनशून्यता सफेद अथवा पीले पड़े हाथ एंव पैरों की उंगलियां कान की लौ तथा नाक की उपरी सतह का ध्यान रखें।अचेतावस्था में किसी व्यक्ति को कोई तरल पदार्थ न दें ।
शीत लहर के अत्यधिक प्रभाव से त्वचा पीली, सख्त एंव संवेदनशून्य हो सकती है, तथा लाल फफोले पड़ सकते है। यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसें गैंगरीन भी कहा जाता है। यह अपरिवर्तनीय होती है। अतः शीत लहर के पहले लक्षण पर ही तत्काल चिकित्सक की सलाह लें। प्रभावित अंगों को तत्काल गर्म करने का प्रयास किया जावें।अत्याधिक कम तापमान वाले स्थानों पर जाने से बचे अन्यथा शरीर के कोमल अंगों में शीतदंश की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
शीत से प्रभावित अंगों को गुनगुने पानी (गर्म पानी नहीं) से इलाज करें। इसका तापमान इतना रखें कि यह शरीर के अन्य हिस्से के लिए आरामदायक हों। कंपकंपी, बोलने में दिक्कत, अनिंन्द्रा, मांसपशियों के अकड़न सांस लेने में दिक्कत/निश्चेतना की अवस्था हो सकती है। हाईपोथर्मिया एक खतरनाक अवस्था है जिसमें तत्काल चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता है। शीत लहर/हाईपोथर्मिया से प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकि अस्पताल में चिकित्सीय सहायता प्रदान कराएं।
एजेंडा पाईन्ट की सूचना से अवगत कराएं
रतलाम / सैनिक कल्याण बोर्ड की त्रैमासिक बैठक आगामी माह जनवरी में प्रस्तावित है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन (नौ.से.) श्री अजय शर्मा ने बताया कि जिले के भूतपूर्व सैनिक इस बैठक के लिए अगर कोई एजेंडा पाईन्ट हो तो उसे 31 दिसम्बर तक जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में अवगत कराएं ताकि बैठक में उस पर विचार विमर्श हो सके।