सामाजिक महासंघ झाबुआ की अभिनव पहल –
बच्चे बने अतिथि, बच्चों ने किया संचालन और बच्चे ही बने श्रोता ।
भोजन करने का तरीका बताने वाली नन्ही बालिका चहक की हुई जमकर प्रशंसा ।
झाबुआ। सामाजिक महासंघ झाबुआ के तत्वावधान में झाबुआ शहर के पैलेस गार्डन पर धर्म एवं संस्कृति की गंगा रोजाना बह रही है। धर्म जागरण एवं संस्कृति की पाठशाला के छठवें दिन 4 जनवरी को धार्मिक प्रश्नावली का सही जवाब देने वाले बच्चों को ही अतिथि बनाया गया एवं संचालन का दायित्व भी बच्चों को ही सोपा गया । इसके साथ ही बड़ी संख्या में बच्चे एवं अभिभावक श्रोता की भूमिका में नजर आए इस अभिनव पहल का एक ही उद्देश्य था कि बच्चों में जन समुदाय के बीच अपनी बात रखने में आत्मविश्वास जागृत हो सके इस दौरान नन्ही बालिका चहल शुक्ल द्वारा भोजन करने का तरीका बताए जाने पर उसकी जमकर प्रशंसा की गई। कार्यक्रम में राधेश्याम परमार ने महाभारत पर प्रश्नोत्तरी करते हुए बच्चों को आंदोलन किया जिन प्रश्नों के उत्तर बच्चों ने दिए उन्हें कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनाया गया मुख्य अतिथि के रूप में साक्षी गोस्वामी,चेष्टा राठौर,योग्या सिसोदिया, स्वस्तिका चैहान,ज्योतिरादित्य सिंह सिसोदिया, मोक्ष चंदेल, प्रियांशु चैहान एवं अरुणोदय सिंह चैहान ने धार्मिक प्रश्नावली का सही उत्तर देने पर कार्यक्रम का आतिथ्य प्राप्त किया ।
कार्यक्रम के दौरान नन्ही बालिका चहक जैमिनी शुक्ला ने सबके सामने भोजन किस प्रकार करना चाहिए, किन मंत्रों को बोलकर करना चाहिए की आकर्षक प्रस्तुति पेश की । चहल ने मोबाइल एवं टीवी देखते हुए खाना ना खाने की प्रेरणा भी सभी को दी,। खाना कैसे खाना चाहिए तथा खड़े होकर खाना खाने से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी भी सभी के समक्ष रखी। इस दौरान बाल संस्कार प्रभारी विनीता सिन्हा ने नन्हे बच्चे आदर्श ,अंश, महेंद्र, वेदांत के साथ सुंदर प्रस्तुति देते हुए माता-पिता एवं गुरु के महत्व की बात बताई एवम सदैव उनका आदर करने की प्रेरणा दी उन्होंने गुरु एवं किसान का सम्मान करने की सलाह देते हुए सामाजिक जीवन में उनका महत्व बताया ।
कार्यक्रम में प्रतिदिन शामिल होने वाली नन्ही बालिका कुमारी गर्विता सिसोदिया का जन्मदिन भारतीय परंपरा अनुसार मनाया गया तथा समाज में यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि सभी बच्चों को भारतीय परंपरा अनुसार अपना जन्मदिन मनाना चाहिए । गायत्री परिवार के विनोद जायसवाल ने अन्न का महत्व समझाते हुए उसका दुरुपयोग ना करने की सलाह दी तथा बताया कि खाना कैसे खाना चाहिए, कितना खाना चाहिए, कब खाना चाहिए तथा माता-पिता की भावना के अनुरूप खाना खाना चाहिए, हमें सदैव पौष्टिक एवं गर्म खाना खाना चाहिए जिससे हमारे शरीर में शांति एवं स्फूर्ति उत्पन्न हो ।
इस दौरान बच्चों एवं अभिभावकों से प्रश्न उत्तर का सत्र रखा गया जिसमें अवलोक शर्मा एवं कल्पना राने ने कार्यक्रम की सराहना की व साथ ही बताया कि इसमें कई धार्मिक प्रश्न ऐसे हैं जो यहां उपस्थित अभिभावकों को भी इसके जवाब नहीं मालूम हैं धर्म एवं संस्कार की पाठशाला लगाने के लिए आयोजन करता सामाजिक महासंघ को साधुवाद का पात्र बताया ।
कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए पंडित कैलाश त्रिपाठी जी ने गणपति जी की प्रथम वंदना क्यों की जाती है? विषय पर विस्तृत जानकारी दी एवं माता-पिता गुरुजनों का सम्मान करने की सलाह भी बच्चों को दी है। कार्यक्रम के शुरुआत में मनोज सोनी एवं शांतिलाल चैहान ने नन्हे मुन्ने बच्चों के साथ सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया भारती सोनी द्वारा राष्ट्रगीत एवं सरस्वती वंदना के साथ-साथ कई स्तुतियां पेश की गई जो बच्चों में धर्म का भाव जागृत उत्पन्न कर रही है इस कार्यक्रम का संचालन सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष नीरज सिंह राठौरा द्वारा किया गया ।
इस अवसर पर इस अवसर पर 4 जनवरी प्रसादी की लाभार्थी अर्चना राठौर की विशेष भूमिका रही
कार्यक्रम में हरीश लालशाह आम्रपाली, आशीष चतुर्वेदी, सुनील चैहान, कोमल सिंह कुशवाह,विनोद चैहान, सुशीला भट्ट, भारती राठौर, आशा त्रिवेदी, हिमांशु त्रिवेदी,बी एल पांचाल, योगेंद्र सोनी, निर्मल जैन,भागीरथ सतोगिया ,जगदीश टेलर,संतोष प्रधान,राजू टेलर, अरविंद व्यास, ओम सिंह भदोरिया, कमलेश पटेल, अजय सिंह पवार, प्रदीप व्यास, नर्सिंग माल ,रूप सिंह खपेड ,मधु व्यास, रेनू राठौर ,ज्योति त्रिवेदी, सावित्री बारिया एवं करुणा पाटिल सहित बड़ी संख्या में बच्चे एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे ।