नगरपालिका की लड़खड़ा रही आर्थिक व्यवस्था-यदि मार्च में आचार संहिता लगी तो,बिगड़ेगा नपा का बजट……………………….
शहरवासियों पर 5.3 करोड़ का टैक्स बकाया-नौ महीने में महज 1.3 करोड़ वसूले………………………….
झाबुआ। । नगरपालिका की आर्थिक स्थिति आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया जैसी है। वर्ष 2023 अक्टूबर में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण दो महीने वसूली का काम प्रभावित रहा। वहीं नवंबर में आचार संहिता हटी तो वसूली का काम धीमी गति से शुरू हुआ ही था,कि दिसंबर माह में ई-नगर पालिका पोर्टल में वायरस अटैक के चलते पोर्टल बंद होने से वसूली का काम पूरी तरह से ठप हो गया हैं। जिसकी वजह से वर्ष 2023 में अंतिम तीन महीनों में वसूली न के बराबर हुई। वर्ष 2024 की शुरूआत में ऑफ लाइन वसूली शुरू की गई है, लेकिन मार्च में यदि लोकसभा चुाव की आचार संहिता लगती है तो वसूली का काम प्रभावित हो सकता है। ऐसे में नगरपालिका का बजट भी लखडखड़ा जाएगा।
शहरवासियों पर 5.3 करोड़ का टैक्स बकाया-नौ महीने में महज 1.3 करोड़ वसूले………………………….
शहवासियों पर 5.3 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया है। इसमें सर्वाधिक टैक्स संपत्तिकर का 3.5 करोड़ रुपए बताया जाता है। इसके अलावा जलशुल्क का 2 करोड़ रुपए बकाया है। जो स्थिति है उसमें विगत 9 महीनों के दौरान नगरपालिका शहरवासियों से महज 1.3 करोड़ रुपए ही टैक्स वसूल कर पाई है। वसूली का यह आंकड़ा अक्टूबर 2023 की स्थिति का है। इसमें भी नेशनल लोक अदालत लगने की वजह से नगपालिका को टैक्स के रूप में बड़ी रकम मिली थी।
लोकसभा चुनाव का आ सकता है पेंच.…………….
अप्रैल 2024 को लोकसभा चुनाव होना है। निर्वाचन विभाग ने लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी है। चूंकि चुनाव अप्रेल में होना हैं इसलिए चुनाव से पहले आचार संहिता लग सकती है। यदि आचार संहिता मार्च में लगती हैं तो ऐसे में नपा की राजस्व वसूली का काम प्रभावित हो सकता है,क्योंकि चुनाव में बड़ी संख्या में नपा के अमले को भी ड्यूटी में लगाया जाता है। पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के दौरान भी नपा का पूरे राजस्व अमले को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था। ऐसे में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता आड़े आती हैं तो राजस्व वसूली होना मुश्किल है।
वेतन पर आ सकता है संकट………………
नगरपालिका की वसूली यदि प्रभावित होती है तो अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन पर संकट आ सकता है। हालांकि नगरीय विकास एवं प्रशासन विभाग से चुंगी क्षतिपूर्ति के रूप में नगरपालिका को हर महीने लाखों रुपए मिलते हैं,लेकिन इसमें भी विगत एक साल से कटौती की जा रही है। पिछले महीने ही 33 लाख रुपए काट लिए गए। वसूली के प्रभावित होने से अन्य दैनिक उपयोग के देयक प्रभावित होने के साथ ही ठेकेदारों का पेमेंट भी अधर में लटक सकता ह,क्योंकि राज्य वित्तीय एवं मुंद्राक से जो नगरपालिका को आर्थिक मदद मिलती हैं वह भी अभी तक नहीं मिली है। ऐसे में आगामी दिनों में नगरपालिका की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा सकती है।
नगरपालिका की वसूली की स्थिति..………………..
कर कुल मांग कुल वसूली
संपत्ति कर,शिक्षा उपकर,
समेकित कर,नगरीय विकास उपकर 2.5 करोड़ 80 लाख
दुकान-भवन किराया 1.0 करोड़ 20 लाख
सामान्य जलकर 2.1 करोड़ 20 लाख
जल शुल्क 1.0 करोड़ 10 लाख
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योग 6.6 करोड़ 1.3 करोड़
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(नोट-वसूली के आंकड़े अक्टूबर माह तक की स्थिति के हैं।)
वसूली की स्थिति कमजोर है..…………………………….
वसूली की स्थिति कमजोर है। दिसंबर माह में ई-नगर पालिका पोर्टल में वायरस अटैक के चलते पोर्टल बंद होने से वसूली का काम पूरी तरह से ठप हो गया हैं। जिसकी वजह से वर्ष 2023 में अंतिम तीन महीनों में वसूली न के बराबर हुई हैं। एक-एक कर सभी वार्डों को कवर किया जाएगा….धीरेन्द्र रावत-प्रभारी सीएमओ,नपा-झाबुआ