झाबुआ

आओ पता लगाए:-पेटलावद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में BAM और Paid by me का खेल….

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झाबुआ – जिले के पेटलावद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीएमओ की जगह, BAM के मनमानी का दौरा जारी है BAM और शासकीय कर्मचारी चंद्रेश ने मिलकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कई तरह के आर्थिक अनियमिताएं की, जिसको लेकर जांच भी हुई , लेकिन कारवाई नहीं हुई …क्यों …क्या कारण है आईए समझते हैं BAM की मनमानी और Paid by me… का खेल…..।

जिले के पेटलावद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में BAM याने ब्लॉक अकाउंट्स मैनेजर की मनमानी का दौरा जारी है । यहां पर बीएमओ की जगह BAM अपनी कार्य शैली के लिए जानी जाती है सूत्रों के अनुसार यूं तो BAM अपने मनमाने समय पर स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचती है और शाम को भी जल्द ही लौट जाती है । BAM ने अपने स्टाफ को सख्त हिदायत दे रखी है कि किसी भी तरह की खरीदी को लेकर पहले उसे सहमति ली जाए, अन्यथा बिलों के भुगतान नहीं होंगे । सूत्रों का यह भी कहना है BAM की मनमानी यहां तक है कि पूर्व में कर्मचारियों की सैलरी बिना बीएमओ/ बीपीएम के हस्ताक्षर के ही पोर्टल पर अपलोड कर दी थी जबकि नियम अनुसार बीएमओ/बीपीएम का हस्ताक्षर होना जरूरी है । वही किसी डॉक्टर की बहू के भी पे बिल या सैलरी को पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया था जबकि उस समय वह छुट्टी पर थी । संभवत यह सैलैरी की राशि लाखों रुपए में थी । इसके अलावा और भी कई आर्थिक अनियमिताओं को लेकर, जांच कमेटी बनाई गई । इस जांच कमेटी में पांच मेंबर होते हैं जिसमें DAM भी शामिल होता है । सूत्रों के अनुसार जब जांच कमेटी ने पेटलावद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की BAM से आर्थिक अनियमितताओं को लेकर डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करने को कहा , तो BAM के पद पर कार्यरत कर्मचारी ने जांच कमेटी को डॉक्यूमेंट पेश नहीं किए । इस तरह BAM की मनमानी जारी है जब इस तरह की आर्थिक अनियमितता को लेकर सीएचएमओ को कारवाई की जाना चाहिए थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई ….क्यों क्या कारण है…. यह भी जांच का विषय है…..।

Paid by me……का खेल…..

सूत्रो के अनुसार Paid by me का खेल स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण विभाग में कार्यरत कर्मचारी चंद्रेश द्वारा चलाया गया है । पूर्व मे जिले में कहीं पर भी स्वास्थ्य विभाग में जहा भी रेफ्रिजरेटर होते हैं तथा वहां पर यदि रेफ्रिजरेटर संधारण का कार्य होता है तो यह रेफ्रिजरेटर संधारण के कार्य के बिल लगाए जाते हैं और Paid by me की नई तकनीक से भुगतान किए गए है । जबकि पूर्व के वर्षों में इस तरह के रेफ्रिजरेटर संधारण के बिल लगाये गए और उसका भुगतान टीकाकरण विभाग में कार्यरत किसी चंद्रेश के खाते में किए गए तथा बिलों पर लिखा गया Paid by me…. । और तो और पूर्व के वर्षों में यह रेफ्रिजरेशन के बिल किसी सक्सेना रेफ्रिजरेशन झाबुआ के बिल लगाए गए हैं और इन बिलों का भुगतान Paid by me की नई तकनीक से किया गया है । सूत्रों का यह भी कहना है कि सक्सेना रेफ्रिजरेशन के संचालक ने पूर्व के कई बिलों के भुगतान के लिए स्वास्थ्य विभाग में आवेदन भी दिया है अब विभाग के लिए यह दिलचस्प स्थिति हो गई है कि एक तरफ तो आवेदन में बिल भुगतान बाकी है वहीं उन्हें बिलों पर Paid by me से भुगतान कर दिया गया है । इस स्थिति में स्वास्थ्य विभाग क्या करेगा… यह चर्चा का विषय है ….और जांच का भी । आखिर क्यों… सीएचएमओ इस तरह की आर्थिक अनियमिताओं को लेकर जांच के बाद कारवाई नहीं कर रहे हैं क्या.. सीएचएमओ किसी दबाव में है….।

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