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झाबुआ

सेगमेंट 707 सामान्य में पुनर्नियोजित किया है, जो शासन की एक सामान्य प्रक्रिया है-निर्मला भूरिया । आंनवाडी कार्यकर्ताओं के वेतन का भुगतान करना एक सामान्य प्रक्रिया है ।

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सेगमेंट 707 सामान्य में पुनर्नियोजित किया है, जो शासन की एक सामान्य प्रक्रिया है-निर्मला भूरिया ।
आंनवाडी कार्यकर्ताओं के वेतन का भुगतान करना एक सामान्य प्रक्रिया है ।

झाबुआ।
 महिला एवम् बालविकास मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया  प्रदेश के 35 जिलों की 60 हजार से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के लंबित मानदेय के लिए सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए अनुसूचित जनजाति उपयोजना से 207 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। मैं बताना चाहूंगी कि-वर्ष 2023-24 में माह अप्रैल से जुलाई तक योजना के सेगमेंट 707 जो सामान्य का है, उसमे से सभी 52 जिलों को राशि दी गई थी। इसमें  13 आदिवासी जिले भी शामिल है। इससे सामान्य सेगमेंट में राशि कम पड़ गई और अनुसूचित जनजाति उपयोजना सेगमेंट 708 में राशि बच गई थी। इस बची हुई राशि को ही सेगमेंट 707 सामान्य में पुनर्नियोजित किया है जो शासन की एक सामान्य प्रक्रिया है। माह मार्च तक अनुसूचित जनजाति सेगमेंट 708 में अनुपूरक के प्रावधान के साथ पर्याप्त राशि है। मैं यह भी बताना चाहूंगी कि चाहे सामान्य जिले हो और उन जिलों की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं जो सामान्य वर्ग अथवा अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से हो सभी को मानदेय मिलता है।
केबिनेट मंत्री सुुश्री भूरिया ने बताया कि वर्ष 2023-24 में माह अप्रैल से जुलाई तक योजना के ’सेगमेंट 707 जो सामान्य का है’ उसमे से राशि सभी 52 जिलों को दी गई थी (आदिवासी 13 जिलों को भी ) इससे सामान्य सेगमेंट में राशि कम पड़ गई और अनुसूचित जनजाति उपयोजना सेगमेंट 708 में राशि बच गई । इस बची हुई राशि को ही सेगमेंट 707 सामान्य में  पुनर्नियोजित किया है जो शासन की एक सामान्य प्रक्रिया है । माह मार्च तक अनुसूचित जनजाति सेगमेंट 708 में अनुपूरक के प्रावधान के साथ पर्याप्त राशि है । उल्लेखनीय है कि चाहे सामान्य जिले हो उन जिलों की सभी कार्यकर्ताओं चाहे वो सामान्य हो ,अजा या अजजा सभी को मानदेय मिलता है ।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का लंबित मानदेय देने के लिए सरकार ने अनुसूचित जनजाति उपयोजना से 207 करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया है। विशेष प्रकरण मानते हुए वित्त विभाग ने सामान्य योजना में इस राशि के उपयोग की स्वीकृति दी है। इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में सामान्य योजना में राशि कम होने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को तीन माह से मानदेय नहीं मिला पा रहा था। महिला एवं बाल विकास विभाग ने अनुसूचित जनजाति उपयोजना में उपलब्ध राशि देने के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को दिया था। जिसे मान्य करके उक्तानुसार वेतन का भुगतान किया गया है और यह पूरी तरह सामान्य प्रक्रिया के तहत है।

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