नरेंद्र मोदी का झाबुआ से हमेशा रहा लगाओ पहले भी कई बार आ चुके हैं*
इस समय झाबुआ से लेकर भोपाल तक यह गोंड मछली है कि 11 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झाबुआ आ रहे हैं सरकारी स्तर पर तो इस दौरे को लेकर कुछ ज्यादा ही असर दिखाई पड़ रहा है वैसे मोदी का यह पहला झाबुआ दौरा नहीं है उनका झाबुआ से पुराना रिश्ता रहा है झाबुआ उनसे हमेशा ही आत्मीय लगाव में रहा है वह अलग-अलग भूमिका का निर्वहन करने यहां हमेशा आते रहे हैं फर्क सिर्फ इतना है कि 2001 के पहले तक संगठन कार्यकर्ता के रूप में आते थे तो गुजरात के मुख्यमंत्री व देश के प्रधानमंत्री बन जाने के बाद स्टार प्रचारक के रूप में आने लगे प्रचारक के रूप में तो उनका रिकॉर्ड यह है कि एक बार को छोड़ दे तो जब-जब वह झाबुआ प्रचार के लिए आए हैं भाजपा ने चुनाव जीता है शायद इसलिए लोकसभा चुनाव प्रचार का शंखनाहट करने के लिए ही इस बार झाबुआ ही चयन किया गया हुआ है
बस स्टैंड पर सभा हुई
वह भी एक समय था जब राजनीतिक रूप से भाजपा कोई चुनौती नहीं थी झाबुआ में कांग्रेस का डंका बजता था दिग्विजय सिंह सरकार मजबूती से अपने पैर जमाए नजर आ रही थी ऐसे दौर में 2003 के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए मोदी को गांधीनगर से बुलवाया गया था झाबुआ के बस स्टैंड पर सभा हुई भीड़ भी ज्यादा नहीं थी लेकिन मुख्यमंत्री मोदी ने पूरी ताकत से अपनी बात रखी गुजरात की प्रगति का जिक्र करते हुए मोदी ने सड़क को बिजली के मुद्दे पर प्रदेश के दिग्विजय को घूरते हुए एक बार भाजपा को जितवाने की अपील की जब परिणाम आया तो पहली बार झावा अलीराजपुर जिले की पांचो सीट पर भाजपा ने परचम लहराते हुए इतिहास बनाया प्रत्याशी बनते ही झाबुआ
मोदी के झाबुआ से स्नेह की बात यह है कि प्रधानमंत्री ही पद के प्रत्याशी बनते ही वह झाबुआ के कॉलेज मैदान पर 2013 में सभा करने के लिए आ गए मंच से उन्होंने स्थानीय मुद्दे प्रमुखता से उठाया इस विधानसभा चुनाव में भी झाबुआ अलीराजपुर जिले के पांच में से चार सीट भाजपा व एक सीट भाजपा के बाकी के पक्ष में गई 100 दिन बाद जब लोकसभा चुनाव हुए तो यह संसदीय सीट पहली बार भाजपा ने जीती
2018 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी झाबुआ प्रचार के लिए आए विपरीत परिस्थितियों के बावजूद झाबुआ सीट भाजपा ने ही जीती बाद में 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट से भाजपा की जीत हुई हालांकि उसमें वह रतलाम में सभा करने आए थे
88 दिन पहले आए 88 दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी 14 नवंबर 2023 को झाबुआ के गोपालपुर हवाई पट्टी पर आयोजित हुई सम्मेलन में शिरकत कर चुके हैं अपनी गारंटी देते हुए उन्होंने वोट अपील की थी इसके बावजूद झाबुआ सीट पर भाजपा को पराजित होना पड़ा अब इसी स्थान पर 11 फरवरी को मोदी फिर से आ रहे हैं
झाबुआ से विशेष है
2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले मोदी संगठन के विभिन्न दायित्व निभाते हुए झाबुआ आते रहे हैं लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा मुरली मनोहर जोशी की तिरंगा यात्रा और उसके बाद 1991 में विधानसभा चुनाव के संगठन करता के रूप में मोदी कार्यकर्ता रहे और आए हैं जिला प्रवास करने के अलावा कई दफे मोदी झाबुआ के रास्ते गुजरात आना जाना करते रहे हैं मोदी झाबुआ से गहरा वह अमित नाता है चाहे जिस पथ पर वह है लेकिन मोदी जी कभी झाबुआ को और झाबुआ उन्हें कभी भूल नहीं सकता झाबुआ प्रधानमंत्री मोदी के इस परम स्नेह का परिणाम है कि 11 फरवरी को एक नया इतिहास बनने जा रहा है
*प्रधानमंत्री मोदी को भेंट किए जाएंगे शबरी माता के बेर*
11 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी जनजातीय सम्मेलन में शामिल होने झाबुआ आ रहे हैं जनजातीय सम्मेलन गोपालपुर हवाई पट्टी पर आयोजित होगा कार्यक्रम के लिए विशाल मंच बनाया जा रहा है इतना ही नहीं मोदी को हेलीपैड के समीप ही शबरी माता की कुटिया में भी ले जाया जाएगा जहां उन्हें शबरी माता के भेद भेद किए जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी सभा स्थल पर विशेष वहां से जनता के बीच होकर मंच तक पहुंचेंगे कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर 8 से अधिक जिलों की पुलिस फोर्स को झाबुआ बुलाया गया है