भारत की मूल पहचान उसकी वैभवशाली परंपरा एवं संस्कृति पर आत्मविश्वास के साथ बनारस में युवतिया चर्चा एवं चिंतन करेगी- श्रीमती सूरज डामोर ।
विश्व मांगल्य सभा के शक्ति संवाद 2024 में प्रदेश से 30 छात्रायें होगी सहभागी ।
झाबुआ। मानव जाति का अस्तित्व नारीशक्ति के बिना होना असंभव ही नहंी बल्कि कल्पना के परे से दूर है। मानव जाति के जीवन का अस्तित्व पूर्ण रूप से नारी और पुरूष की समान योगदान से अब तक परिपूर्ण है अन्यथा एक के बिना भी जीवन का अस्तित्व नामुनकिन है। धर्मों में चाहे कितनी भी नारियों की उपेक्षित स्थिति बताई गई हो परन्तु सच्चाई तो यही है कि मानव जीवन की विकास के लिए नारी ही उत्तरदायी है अर्थात मानव जीवन के संपूर्णता एवं अस्तित्व को बनाए रखने हेतु नारी की सर्वोच्च स्थान है। नारी चाहे स्वतंत्र हो या पराधीन परन्तु मानव के अस्तित्व को बनाए रखने हेतु जितना पुरूष का उत्तरदायित्व है उससे बढ़कर नारी का उच्च और सराहनीय योगदान है। इसी कडी में भारत की गौरवमयी संस्कृति के बारे में जनाजागृति के लिये विश्व मांगल्य सभा नारी शक्ति के जागरण के साथ ही कन्याकुमारी से केरल तक की छात्राओं में सनातन धर्म के साथ ही वेैदिक शिक्षा के महत्व को लेकर अखिल भारतीय स्तर पर ’’शक्ति संवाद 2024’’कार्यक्रम बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में 16 से 18 फरवरी तक विश्व मांगल्य छात्र सभा एवं बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय के तत्वावधान में आयोजित कर रहा है। उक्त जानकारी देते हुए विश्व मांगल्य सभा मध्यप्रदेश की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती सूरज डामोर ने बताया कि विश्व मांगल्य सभा का युवतियों में कार्यरत कार्यविभाग शक्ति संवाद का आयोजन कर रहा है । विश्व मांगल्य छात्र सभा पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में भारत की सांस्कृतिक नेतृत्व करने के उद्देश्य से कार्यरत है ।
श्रीमती डामोर ने बताया कि हम आजादी का अमृत महोत्सव आनंद के साथ मना रहे है। इसी परिप्रेक्ष्य में भारत के संघर्षमयी इतिहास में युवतियों के योगदान को नकारा नही जासकता है । इसी उद्देश्य को शिरोधार्य करके देश के विभिन्न प्रांतों के महाविद्यालयों, शिक्षा संस्थानों में संवाद गोष्ठी सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये है। इस अवसर पर इस अवधि में ’’राष्ट्र निर्माण में युवतियों की भूमिका ’’ विषय पर चर्चा होगी ।
श्रीमती डामोर के अनुसार ’’शक्ति संवाद 2024 ’’अखिल भारतीय छात्र परिषद के बैनर तले उक्त अभिनव आयोजन हो रहा है। हमारे देश में युवतियों के लिये युवतियों द्वारा आयोजित यह छात्र सभा का सार्थक एवं अभिनव आयोजन है। उन्होने बताया कि विश्व मांगल्य सभा भविष्य में भी महाविद्यालय क्षेत्रान्तर्गत सक्षम सांस्कृतिक नेतृत्व के निर्माण को लेकर भी कृत संकल्पित है ।
श्रीमती डामोर आगे कहती है कि इस परिषद का आयोजन 16 से 18 फरवरी तक बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी अर्थात बनारस में आयोजित होगा । विश्वमांगल्य छात्र सभा तथा बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में यह आयोजन संपन्न होगा जिसमें मध्यप्रदेश से 30 छात्राएं सम्मिलित होंगी । भारत के सांस्कृतिक संवर्धन में युवतियों की भूमिका विषय पर परिषद में चिंतन किया जावेगा । उन्होने आगे बताया कि ’’शक्ति संवाद 2024’’में जम्मु कश्मीर से लेकर केरल तक सभी युवतियां शामील होगी । विविध शिक्षा संस्थान के पदाधिकारी, विश्व विद्यालयों के कुलगुरू तथा सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र के अग्रणी वक्ताओं की उपस्थिति में यह परिषद संपन्न होगी । परिषद मे ’भारतीय संस्कृति’ विषय पर पेपर और पोस्टर प्रस्तुत किये जावेगें । भारतीय जीवन शैली का वैज्ञानिक आधार, प्राचीन भारत की शिक्षित महिलायें, भारतीय संस्कृति और पर्यावरण संवर्धन, प्राचीन भारतीय आविष्कार ऐसे विविध विषयों पर युवतियां ही प्रस्तुतिकरण देगी । भारत के इतिहास में प्रथमतः समस्त भारत वर्ष से उपस्थित युवतियां भारत की मूल पहचान उसकी वैभवशाली परंपरा एवं संस्कृति पर आत्मविश्वास के साथ चर्चा एवं चिंतन करेगी ।
श्रीमती डामोर ने बताया कि विश्व मांगल्य संभा नारी सशक्तिकरण, शिक्षा एवं धर्म संस्कृति की दिशा में प्रदेश भर में उल्लेखनीय कार्य कर रही है। इस परिषद के शक्ति संवाद 2024 से निश्चित ही प्रदेश की युवतियों एवं छात्राओं नया दिशा बोध प्राप्त होगा ।
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