योग ऐसी विद्या है जिसको जीवन में धारण करने से व्यक्ति का सर्वागीण विकास होता है-श्रीमती सूरज डामोर।
योग शिक्षा में सराहनीय योगदान के लिये योग गुरू श्रीमती इन्दू पाठक का हुआ सम्मान ।
रतलाम । रविवार को लायंस हॉल में आयोजित विश्व मागंल्य संस्था रतलाम द्वारा योग गुरू श्रीमती इंदु पाठक का उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु लगातार कई वर्षों से रोटरी गार्डन रतलाम तथा ब्राह्मण बोर्डिंग रतलाम में निशुल्क जटिल और असाध्य रोगों से निवारण हेतु योग अभ्यास करवाया जा रहा था । रविवार को स्थानीय लायंस हाल में आयोजित भव्य वर्धापन कार्यक्रम म श्रीमती इन्दू पाठक का योग के माध्यम से जन जन को निरोग बनाने में दी गई निःस्वार्थ सेवा के लिये विश्व मांगल्य सभा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती सूरज डामोर ने उनका सार्वजनिक सम्मान करते हुए कहा कि योग महिलाओं एवं जन साधारण के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। यह एक ऐसी विद्या है जिसको जीवन में धारण करने से व्यक्ति का सर्वागीण विकास होता है। इसे अपनाने वाला व्यक्ति जीवन में कभी निराश नहीं होता है। यदि योग को मातृशक्ति के जीवन में या दिनचर्या में आ जाय, तो वह उनके पुरुषार्थ से जीवन के प्रत्येक उचाईयों को प्राप्त कर सकता है। चूंकि योग हमें संस्कारवान, चरित्रवान, कर्मठ, अनुशासित, मेधावी, बनाता है। जरूरत हमें इसे नियमित रूप से अभ्यास करने की। और इस दिशा में श्रीमती इन्दू पाठक ने रतलाम जैसे शहर में अनेकों स्थानों पर योग कक्षायें निशुल्क रूप से चलाकर प्रत्येक के जीवन में आरोग्यमय जीवन का जो मंत्र दिया है वह अनुकरणीय है तथा इसका लाभ समाज के प्रत्येक सदस्य के आरोग्यमय जीवन का एक प्रसंशनीय पहलू है ।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती इंदु पाठक ने गोंडा, महाराष्ट्र, नेपाल, चरखी दादरी ,पुणे जैसी जगहों पर योग अभ्यास केंद्रों के योग अभ्यास शिविरों में जाकर लोगों को उनके बीमारी के हिसाब से योग करवा कर काफी हद तक उन्हे आरोग्य प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई है। योगाभ्यास करवाने के साथ ही पूर्व में श्रीमती इंदु पाठक सरस्वती शिशु मंदिर द्वारा संचालित बाल संस्कार केंद्र मैं भी पठन पाठन करवाया गया है । जिसमें श्रीमती इंदु पाठक ने लक्ष्मणपुर क्षेत्र में स्थित गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की है जिससे बच्चों में संस्कार प्रज्वलित हुआ। उनके इन सभी कार्यों को ध्यान में रखते हुए योग गुरु श्रीमती इंदु पाठक का सैकडो की सख्या में उपस्थित सभा में शाल श्रीफल और प्रतिक चिन्ह देकर स्वागत किया गया । ज्ञातव्य है कि श्रीमती पाठक के पति श्री प्रमोद पाठक भी विगत 20 वर्षो से नगर में योग गुरू के रूप में निशुल्क योगाभ्यास करवा रहे है ।
श्रीमती इन्दू पाठक ने इस अवसर पर कहा कि योग सभी उम्र के लोगों के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। और, यदि आप किसी बीमारी से गुजर रहे हैं, सर्जरी से उबर रहे हैं या किसी पुरानी स्थिति के साथ जी रहे हैं, तो योग आपके उपचार का एक अभिन्न अंग बन सकता है और संभावित रूप से उपचार में तेजी ला सकता है।
श्रीमती इन्दू पाठक को मिले सम्मान के लिये नगर की कई सामजिक संस्थाओं, पतंजलि योग समिति रतलाम, रोटरी गार्डन योग समिति सहित नगर के प्रबुद्ध जनो ने विश्व मांगल्य सभा का आभार व्यक्त करते हुए श्रीमती इन्दू पाठक को बधाईया दी है ।