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महाशिवरात्री पर विशेष – ******* ’महाशिवरात्रि पर्व’ पर भगवान श्री शिव को प्रसन्न करने हेतु विधि विधान से पूजा से अभिष्ठ की प्राप्ति होती है । इस साल की महाशिवरात्रि सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे कई बेहद शुभ योग के बीच में मनाई जाएगी- पण्डित जैमिनी शुक्ला ।*******

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महाशिवरात्री पर विशेष –
’महाशिवरात्रि पर्व’ पर भगवान श्री शिव को प्रसन्न करने हेतु विधि विधान से पूजा से अभिष्ठ की प्राप्ति होती है ।
इस साल की महाशिवरात्रि सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे कई बेहद शुभ योग के बीच में मनाई जाएगी- पण्डित जैमिनी शुक्ला ।

झाबुआ । इस वर्ष 8 मार्च 2024 को दिन शुक्रवार,श्रवण नक्षत्र प्रातः 10.40 तक तथा शिवयोग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जायेगा जो इस महाशिवरात्रि को और अधिक विशेष बना रहे हैं । सर्वाधिक योग प्रातः 6.40 से 10.40 तक एवं  शिवयोग पूरे दिन रहेगा जो विशेष बना रहे है। महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर भगवान शंकर का श्रेष्ठ द्रव्यों से अभिषेक करने का फल निश्चित ही मिलता है। उक्त जानकारी देते हुए आचार्य पण्डित जैमिनी शुक्ला ने बताया कि महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल की महाशिवरात्रि सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे कई बेहद शुभ योग के बीच में मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती की वैवाहिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
उन्होने बताया कि महाशिवरात्रि इस साल 8 मार्च, शुक्रवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर कई शुभ योग एक साथ बने हैं, इसलिए इस साल यह त्योहार बहुत ही शुभ फल देने वाला माना जा रहा है। महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल की महाशिवरात्रि सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे कई बेहद शुभ योग के बीच में मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती की वैवाहिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। शिवपुराण में बताया गया है कि जो लोग विवाहित हैं उन्हें अपने जीवनसाथी के साथ इस दिन पूरे विधि विधान से महाशिवरात्रि की पूजा करनी चाहिए।
महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग
पंडित जैमिनी शुक्ला के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि के महापर्व का होना शिवजी की विशेष कृपा देने वाला माना जा रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि का व्रत करने और पूजा करने से आपको हर कार्य में मनचाही सफलता प्राप्त होगी और आपके काम बिना किसी बाधा के पूर्ण होंगे। आपके शिवजी की कृपा से सभी रुके कार्य पूर्ण होंगे और कारोबार में सफलता प्राप्त होगी। इसके अलावा खास बात यह है कि सर्वार्थ सिद्धि योग शुक्रवार को होने से इसका शुभ प्रभाव और भी बढ़ जाता है। इस साल शिवरात्रि आपके भौतिक सुखों में वृद्धि करने वाली मानी जा रही है।
महाशिवरात्रि पर शिव योग
महाशिवरात्रि पर शिव योग का संयोग भी बना है। शिव योग साधना, मंत्र, जप और तप के लिए बहुत ही अच्छा होता है। इस योग में महाशिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव तक आपकी प्रार्थना शीघ्र ही पहुंच जाती है। महाशिवरात्रि के दिन शुभ योग होने से आपकी साधना पूर्ण होती है और आपको भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
निशिता काल में सिद्धि योग
उन्होने बताया कि महाशिवरात्रि पर निशीता काल की पूजा के वक्त सिद्धि योग होगा और इस काल में शिव साधना का संपूर्ण फल  प्राप्त होता है। इस योग में शिव पूजा के लिए किए जाने वाले सभी उपाय बहुत ही असरदार माने जाते हैं और भोले बाबा बहुत जल्द आपसे प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण करते हैं। आपके सुख में वृद्धि होती है और सभी कार्य सरलता से पूर्ण हो जाते हैं।
शिवजी की पूजा अर्चना के बारे मे उन्होने बताया कि भगवान भोलेनाथजी को जल अर्पित करने से वर्षा की प्राप्ति ,कुशा का जल अर्पित करने से शांति ,दही से पशु प्राप्ति ,ईख (गन्ने ) के रस से लक्ष्मी प्राप्ति, मधु (शहद) और घी से धन की प्राप्ति,  दुग्ध(दूध ) से पुत्र की प्राप्ति , जल की धारा से शांति प्राप्ति । 1000  शिवायनमः मंत्रो सहित घी की धारा से वंश की वृद्धि , और केवल दूध की धारा अर्पित करने से प्रमेय रोग से मुक्ति और मनोकामना की पूर्ति होती है , शक्कर मिले हुए दूध अर्पित करने से बुद्धि निर्मल होती है , सरसों या तिल के तेल से शत्रु का नाश होता है अथवा शत्रु से संबंध सुधारते हैं और रोग से मुक्ति मिलती है , शहद अर्पित करने से यक्ष्मा रोग( टीबी रोग) से रक्षा होती है तथा पाप का क्षय होता है , पुत्रार्थी को भगवान शिव का अभिषेक शक्कर मिश्रित जल से करना चाहिए , उपरोक्त द्रव्यों से अभिषेक करने से शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं ।
रुद्राभिषेक के बाद 11 वर्तिकाएं प्रज्वलित कर आरती करनी चाहिए ।
पण्डित शुक्ला आगे बताते है कि इसी प्रकार भगवान शिव का विभिन्न फूलों से पूजन करने से विभिन्न फल प्राप्त होते हैं । कमल पत्र , बेलपत्र शतपत्र और शंख पुष्प द्वारा पूजन करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है , आक के पुष्प चढ़ाने से मान सम्मान की वृद्धि होती है । जवा पुष्प से पूजन करने से शत्रु का नाश होता है अथवा झगड़ा समाप्त होता है, कनेर के फूलों से पूजा करने से रोग से मुक्ति मिलती है , तथा वस्त्र एवं संपत्ति की प्राप्ति होती है । हरसिंगार के फूलों से पूजा करने से धन संपत्ति बढ़ती है, तथा भांग और धतूरे से ज्वर तथा विषभय से ( सांप काटने का डर) सैप्टिक जैसे गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है , चंपा और केतकी के फूलों को छोड़कर शेष सभी फूलों से भगवान शिव की पूजा की जा सकती है । साबुत चावल चढ़ाने से धन बढ़ता है । गंगाजल (कावड़ चढ़ाने )अर्पित करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है और मोक्ष प्राप्त होता है ।
इसलिए इस शिवरात्रि के अवसर पर अपनी मनोकामना अनुसार भगवान शिव की पूजा आराधना कर रात्रि जागरण करें भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र  शिवायनमः का जाप करें । अत्यंत गम्भीर रोगी ,दुर्घटनाग्रस्त लोग महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें ।और अविवाहित लोग जिनके विवाह में कोई बाधा आ रही है , शनि के साढ़े साती चल रही है , शनि की महादशा, अंतर्दशा,  राहु की महादशा ,अंतर्दशा चल रही है । जिनकी कुंडली में मंगल दोष है , काल सर्प योग, पितृ दोष है, केमन्द्रु योग, आदि दोषों से ग्रसित सभी लोग भगवान शिव की इस दिन पूरे मनोयोग से भक्ति भाव पूर्वक पूजा अर्चना करें और रात्रि जागरण करें । भगवान शिव आपके सभी कष्ट दूर करेंगे ।

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