न्यूट्रिशन के दौरान माताओ और शिशुओं के
पोषण देखभाल संबंधी वीडियो का प्रसारण किया गया
रतलाम / ग्लोबल व्हील फाउंडेशन एवं आई आई टी मुंबई के तत्वावधान में रतलाम जिले में कुपोषण की मुक्ति के लिए प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के दौरान जिले के मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को गर्भवती माता और बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए पद्धतियां सिखाई जा रही है। यह पद्धतियां ऑनलाइन वीडियो प्रसारण के माध्यम से सिखाई जा रही है। इस प्रशिक्षण में दक्ष होने के बाद ढाई सौ से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षित होने के बाद परीक्षा देकर प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे और अपने समुदाय में आमजन को पोषण की सही पद्धतियों के बारे में जानकारी देंगे, ताकि शिशुओं के स्वास्थ्य में सकारात्मक सुधार लाया जा सके।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंद चंदेलकर ने बताया कि आज जिले में रतलाम ग्रामीण, आलोट, बाजना, सैलाना, जावरा, पिपलोदा आदि विकासखंड मुख्यालय पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन वीडियो प्रसारण कर कुपोषण से मुक्ति के तरीके सिखाए गए। प्रशिक्षण के दौरान डॉ. चंदेलकर ने कहा कि कुपोषण से बचाव महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग का संयुक्त दायित्व है। शिशुओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए विभाग द्वारा सार्थक प्रयास किया जा रहे हैं। ग्लोबल व्हील फाउंडेशन और आईआईटी मुंबई द्वारा महाराष्ट्र राज्य में इन प्रयोगों को अपनाकर माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सकारात्मक सुधार आना सिद्ध हुआ है। अतः इन सभी प्रयोग को रतलाम जिले में लागू कर बच्चों में होने पर ठिगनेपन एवं अन्य पोषण संबंधी कमियों को दूर किया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान वीडियो में बताया गया कि प्रसव कराने वाली महिला को शिशु जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान, छः महीने तक केवल स्तनपान, 6 माह बाद पूरक पोषण आहार प्रदान करने तथा 6 माह बाद जब तक शिशु चाहे स्तनपान जारी रखना संबंधी गतिविधियों की जाना चाहिए, पूरक पोषण आहार के लिए शिशु के 6 माह का होने के बाद भिन्न-भिन्न प्रकार के पूरक आहार प्रदान किया जाना चाहिए जिससे सभी प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व शिशु को प्राप्त हो सके जिसमे अंकुरित अनाज, दालें, दूध, सब्जियां, फल आदि समय-समय पर अंतराल करके थोड़ी-थोड़ी मात्रा में देना प्रारंभ करना चाहिए, इससे शिशु का संपूर्ण विकास होने लगता है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं।
वीडियो प्रसारण संबंधी ऑनलाइन प्रशिक्षण के दौरान सीएमएचओ सहित डॉ. संध्या बेलसरे बीएमओ, डॉ. वैष्णवी शर्मा, डॉ. रचना बेन पटेल, एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव गौरीवाल, मीडिया अधिकारी आशीष चौरसिया, बीईई इशरत जहां सैयद, बीपीएम राजेश राव सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।
विश्व स्वास्थ्य दिवस का आयोजन 7 से 21 अप्रैल तक किया जाएगा
रतलाम / विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल से 21 अप्रैल तक मनाया जाएगा । कार्यक्रम के दौरान इस वर्ष की थीम “मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार” निर्धारित की गई है । सीएमएचओ डॉ. आनंद चंदेलकर ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर पखवाड़े के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर हेल्थ एंड वैलनेस गतिविधियों का आयोजन उमंग कार्यक्रम के अंतर्गत किया जाएगा जिसमें किशोर किशोरियों के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। किशोर किशोरियों को पियर एजुकेटर के रूप में चिन्हित कर स्वास्थ्य संबंधी परामर्श सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
पखवाड़े के दौरान मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार विषय पर चिकित्सकों, परामर्शदाताओं एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ सेमिनार एवं कार्यशाला आदि का आयोजन किया जाएगा। एनीमिया, आंखों की जांच, दांतों की जांच आदि स्वास्थ्य देखभाल के संबंध में स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन किया जाएगा। रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। किशोर किशोरियों के स्वास्थ्य पर आधारित “जस्ट आस्क चैट बोट” के संबंध में जागरूकता संबंधी गतिविधियां आयोजित की जाएगी।