झाबुआ। 4 दिवसीय झाबुआ उर्स 2024 की शुरुआत 6 जुन गुरुवार से होने जा रही है। उर्स कमेटी कार्यक्रम को लेकर जोर शोर से तैयारी में जुटा है। गुरुवार को बाबा की दरगाह पर चादर पेश होना है। उर्स कमेटी के सभी सदस्य कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। बाबा की दरगाह पर सजावट का काम चल रहा है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के सबसे बड़े आदिवासी जिलों में से एक झाबुआ जिला जहां एक ओर अपनी जनजातीय परंपराओं के अनूठे पालन के लिए जाना जाता है। वही इस आदिवासी अंचल की पहचान कौमी एकता और सूफी संतों की परंपरा के निर्वाह में भी किसी से कम नहीं है । झाबुआ शहर के दक्षिणी हिस्से में मेहता जी के तालाब के पास दो बुजुर्ग सूफी संतों की मजार सैकड़ो वर्षों से आस्था और विश्वास का केंद्र बनी हुई है। हजरत चाँद शाह वाली हजरत गुलाब शाह वली सरकार रहमतुल्ला आलेह के अस्ताने के नाम से मशहूर इस दरगाह में प्रतिवर्ष उर्स का आयोजन किया जाता है, और उसमें मध्य प्रदेश , राजस्थान , गुजरात और आसपास के कई जिलों से हजरात के चाहने वाले तशरीफ लाते हैं। आयोजन में झाबुआ शहर के सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं व्यापारी जगत के लोग मिलकर इस उर्स को सफल बनाते हैं । इस वर्ष उर्स का यह आयोजन जून माह की 6, 7, 8, 9 तारीख को किया जा रहा है। उर्स कमेटी के सदर जनाब जाकिर हुसैन कुरैशी एवं सचिव जनाब सईदुररहमान बाबा ने एक संयुक्त वक्तव्य में जानकारी देते हुए बताया कि 6 जून गुरुवार को सुबह 8:00 बजे हुसैनी चौक स्थित जमात खाना तथा जमा मस्जिद और नूरी मस्जिद में कुरान खवानी के आयोजन के साथ उर्स का आगाज होगा । इसी दिन शाम 4:00 बजे चादर शरीफ का जुलूस पूरे हर्ष , उल्लास, श्रद्धा ,उमंग और भक्ति भाव के साथ हुसैनी चौक से आरंभ होकर नगर के राजवाड़ा से गुजरता हुआ आस्ताना –ए- औलिया पर पहुंचेगा , जहां मजार शरीफ पर चादर शरीफ चढ़ाई जाएगी और कुल की फातिहा पढ़ी जाएगी। दूसरे दिन 7 जून को रात्रि 9:00 बजे मिलाद शरीफ का आयोजन होगा जिसमें इस्लाम धर्म के मौलाना और हाफिज मजहबी तालीम और इस्लाम की शिक्षाओं पर चर्चा करेंगे। उर्स के तीसरे दिन 8 जून को रात्रि 9:00 बजे आस्ताना –ए- औलिया पर कव्वाली की महफिल का शानदार आयोजन किया जाएगा , जिसमें देश के प्रसिद्ध कव्वाल रेहान अली साबरी कव्वाल पार्टी मेरठ ( उत्तर प्रदेश )और शब्बीर सदाकत साबरी कव्वाल पार्टी कपासन शरीफ (राजस्थान) के द्वारा एक से बढ़कर एक निस्बती और सूफियाना कलाम पेश किए जाएंगे। उर्स के अंतिम दिन 9 जून रविवार को सुबह 10:00 बजे से आस्ताना ए ओलिया के समक्ष महफिले रंग का आयोजन होगा जिसमें बड़ी श्रद्धा और भक्ति से अपने पीर साहब के लिए कलाम पेश किए जाएंगे और इसके बाद हजरत अमीर खुसरो सरकार का रंग पढ़ते हुए कुल की फातिहा के साथ दस्तारबंदी करते हुए उर्स का समापन होगा दोपहर 2:00 बजे लंगर आम का आयोजन किया जा रहा है जोकि मोहम्मद सलीम भाई कुक्षी वाले इंदौर कर केयर सर्विस की ओर से किया जा रहा है कमेटी के मुख्य परामर्शदाता श्री मनोहर जी सेठिया श्री शैलेश जी दुबे श्री उमंग जी सक्सेना एडवोकेट एवं श्री पंकज जी चौहान बिल्डर है। उर्स कमेटी सदस्यों मोहम्मद इरशाद कुरैशी ,जुनैद खान, मुंतज़िर खान,यासीन भाई, खलनायक जाहिद खान पठान, गुफरान कुरैशी, राहील शेख, विक्की लाला, युसुफ खान आदि ने गौसो ख्वाजा के चाहने वालों से यह गुजारिश की है कि ज्यादा से ज्यादा तादाद में इस उर्स मुबारक के मौके पर शिरकत करें। और सरकार से फेज हासिल करते हुए उर्स को कामयाब बनाएं। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि बहुत कम समय में ही झाबुआ उर्स ने अपना एक ऐसा स्थान बना लिया है जिसके कारण वर्ष भर बाबा के भक्तों को इस उर्स का इंतजार रहता है। झाबुआ शहर के लिए यह चार दिन न केवल भारत के महान सूफी संत परंपरा के दिन है बल्कि समाज में आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करने के दिन है। अब इंतजार है कि कब गुरुवार आता है और उर्स मुबारक आरंभ होता है।
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