चलो बुलावा आया है माता रानी ने बुलाया हैं,चमत्कार माता रानी के दरबार में देखने को मिले।
इन्दौर । चलो बुलावा आया है माता रानी ने बुलाया हैं, ऐसे कई चमत्कार माता रानी के दरबार में देखने को मिलते हैं, माता रानी कब कहां किसको अपना आशीर्वाद दे दे, और उसे पर मेहरबान हो जाए ऐसा ही वाक्या इंदौर की 10 वर्ष की कंचन सोनी के साथ भी ऐसा ऐसा हुआ, जब वह पहली बार माता रानी के दर्शन करने गई तो, मां की मूर्ति में उसको ऐसा लगा, माता रानी मुझे बाल रुप मे अपने पास बुलाना चाहती है, की तु आ मेरे भक्तों को बाल स्वरूप में दर्शन दे , आखिर चार दिन बाद ही नवरात्रि में उसे मंदिर के जगराता में मां दुर्गे श्रंगार करके हाथ में त्रिशूल देकर शेर पर बिठाकर जब जगराता में भक्तों के बीच में पहुंची, उसके माता रानी के स्वरूप को देखकर हर कोई उसका आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ पड़ा, और उसी दिन से ही उसे लगा कि मुझे भी माता रानी के दरबार में जाकर माता रानी के नाम से अपनी पहचान बनाना चाहिए, आखिर माता-पिता की इजाजत लेकर, कैला माता जागरण मंडल की टीम के साथ जागरण में जाने लगी, गुरु की सीख मां का आशीर्वाद से उसे भी धीरे-धीरे गाने के मौका मिला, जब लोगों ने उसकी आवाज को पहचाना तो लोग कहने लगे कि तुम्हारी आवाज में बहुत मिटाते मेहनत करोगी तो बहुत आगे बढ़ेगी और तुम्हारा पूरा इंदौर में नाम होगा उसको भी लगा कि मुझे भी कुछ सीख चाहिएं अपनी अलग पहचान बनाने के लिए , आखिर उसने संगीत क्लास जॉइंट की और संगीत के सुर ताल को बारीकी से समझा, संगीत के ऊचाड चढ़ाव के बीच संघर्ष भरा लंबा सफर तय कर के, दूसरे के कार्यक्रम में जाकर गाने लगी, फिर उसे लगा कि अभी मेरी मंजिल दूर है उसे पाने के लिए मुझे आगे अभी और भी कुछ सीखना पड़ेगा क्योंकि संगीत की दुनिया में जितना सीखो उतना ही कम होता है, आखिर उसकी मेहनत और माता रानी के आशीर्वाद से उसमें अपना खुद का ग्रुप बनाकर इंदौर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश ,राजस्थान, महाराष्ट्र,बड़े-बड़े सफल,कार्यक्रम अपने ग्रुप के बैनर तले कोकिला आवाज की मलिका कंचन सोनी अपनी अलग ही पहचान बनाकर सुपरस्टार भजन गायिका रूप में अपनी पहचान बना चुकी है,
आपने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा निरंतर ही आगे बढ़ती रही आपने कहीं एल्बम लॉन्च किए, कावड़ यात्रा पर,भोलेनाथ की भक्ति पर, आरती संग्रह, गणेश जी पर कहीं लोकप्रिय अल्बम आज उनकी पहचान बनी हुई है, कंचन की मधुर कोकिला आवाज जिसके आज सभी प्रदेश में दीवाने हैं, कंचन के नाम से ही भक्तों की भीड़ लग जाती हैं कंचन का कहना के वक्त के साथ में अभी मुझे बहुत कुछ सीखना है, क्योंकि संगीत ऐसी शिक्षा है जो कभी खत्म नहीं होती जितना भी सिखो उतना ही कम है, अब मेरी शुरुआत और अंत माता रानी के चरणों में ही होगा तब मेरा पूरा जीवन ही माता रानी के भजनों में ही समर्पित है मेरा संगीत सफर 8 साल की उम्र में जब मैं जागरण में माता रानी, बनकर जाती थी और भजन गाते थी, में सिंगिंग की शौकीन रही, कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके मैंने जॉब करने के बजाय, संगीत में ही अपना केरियर बनाने के लिए, संगीत का प्रशिक्षण लेने में जुट गई , मैंने प्राॅपर सिंगिंग सिखी, और और संगीत को अपना केरियर बनाकर, खाटू श्याम भोलेनाथ सांवरिया माता रानी भजनों को गाकर लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई, मैंने कहीं एल्बम लॉन्च किया जो आज सबके लोकप्रिय बने हुए हैं मैंने समय की मांग समझते हुए बॉलीवुड सॉन्ग भी गाने शुरू कर दिए आज मैं, मेहंदी, हल्दी , माता पूजन महिला संगीत के कार्यक्रम शादी विवाह के हर कार्यक्रम मैं अपनी प्रस्तुति देती हूं, मेरी आवाज ही मेरी पहचान है,