शहर को जलापूर्ति के लिए धोलावाड़ डेम के अतिरिक्त वैकल्पिक जल स्रोत के लिए कार्य योजना बनाई जाए
कलेक्टर श्री बाथम ने बैठक में दिया निर्देश
रतलाम 15 जुलाई 2024/ शहर में जलापूर्ति की समीक्षा कलेक्टर श्री राजेश बाथम द्वारा सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। इस दौरान कलेक्टर ने धोलावाड़ डेम में उपलब्ध जलमात्रा की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि धोलावाड़ के अतिरिक्त भी रतलाम शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए वैकल्पिक स्रोत की व्यवस्था होनी चाहिए जिसके लिए नगर निगम तथा शहरी विकास अभिकरण संयुक्त रूप से कार्य योजना तैयार करें। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री श्रृंगार श्रीवास्तव, निगम आयुक्त श्री हिमांशु भट्ट, शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी श्री अरुण पाठक तथा जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यांत्रिक श्री एन.के देव उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में धोलावाड़ डेम में 383.25 मी. जल मात्रा उपलब्ध है जो गत वर्ष की तुलना में 2 मी. कम है। धोलावाड डेम पर वर्तमान में शहर के लिए तीन माह का पानी उपलब्ध है। निगम आयुक्त ने बताया कि शहर में प्रतिदिन धोलावाड़ डेम से 34 मिलियन लीटर प्रतिदिन जलापूर्ति की जा रही है।
बैठक में शहर के लिए वैकल्पिक पेयजल स्रोत कार्य योजना के तहत कनेरी डेम से पानी लाने की संभावना पर विचार किया गया जिसके बारे में बताया गया कि वर्तमान में कनेरी डैम में 10 एमसीएम पानी उपलब्ध है, इसमें से 8 एमसीएम पानी उद्योगों के लिए रिजर्व है। कनेरी डैम के अलावा अन्य वैकल्पिक स्रोत भी हो सकते हैं जिन पर विचार किया गया। इस संबंध में कलेक्टर द्वारा गंभीरता से कार्य योजना बनाने के लिए निर्देश दिए गए।
वृद्धों ने पौधे लगाकर माँ को किया याद
जल गुणवत्ता जाचनें का दिया प्रशिक्षण
रतलाम 15 जुलाई 2024/ पीएचई विभाग की टीम द्वारा जिले के 100 ग्रामो में 1 हजार पौधे लगाने के लक्ष्य को पूरा करने हेतु ग्राम नेगडदा, मोरदा में पौधारोपण किया। साथ ही फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से ग्राम मोरदा के जलीया भैरव मंदीर प्रांगण में जल सम्मेलन कर ग्रामवासियों को जल गुणवत्ता जांचने का प्रशिक्षण दिया तथायोजना संचालन संधारण हेतु जलकर राशि जमा करने की बात भी बताई गई।
योजना के जल स्रोत नलकूप के आसपास हो रही गन्दगी एवं कीचड़ की सफाई भी विभाग की टीम द्वारा की गई। स्वच्छता बनाए रखने हेतु ग्रामवासियों को प्रेरित किया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जिला जल सलाहकार श्री आनंद व्यास द्वारा पर्यावरण एवं जल के महत्व को बताते हुए कहा कि हमारे जीवन में हवा एवं पानी का बहुत महत्व है, उसके बगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, इसलिए जल को दूषित होने से बचाएं, जल स्रोतों के आसपास साफ-सफाई रखें। दूषित जल उल्टी, दस्त, टाइफाइड ,पीलिया जैसी कई बीमारियों का कारण बनता है। इस दौरान टंकी परिसर व मन्दिर प्रांगण में पौधारोपण कर जल बचाने एवं पौधों की देखरेख हेतु ली गई।
पीईएची विभाग के उपयंत्री श्री अर्पित चतर, विकासखंड समन्वयक श्री बबन बेनल ने जल गुणवत्ता जाचनें का प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर श्री जितेंद्र सोलंकी, श्री हेमंत परमार, नेगडदा सरपंच श्री कारूलाल भील, नल चालक श्री बापूसिंग गुर्जर, ग्रामवासी श्री रंगलाल पुजारी, श्री भरतलाल कीर, श्री गुलाबसिंग गुर्जर, श्री कन्हैयालाल गायरी, श्री तेजपुरी गोस्वामी, श्री मोहनलाल कीर आदि लोगों उपस्थित थे।