किसान उत्पादक संस्थाओं के लिए अच्छे प्रोजेक्ट नाबार्ड से स्वीकृत कराए जाएंगे
बैठक में कलेक्टर ने समीक्षा की
रतलाम 15 जुलाई 2024/ किसान उत्पादक संस्थाओं का मूल उद्देश्य किसानों को संगठित करके शोषण से बचाना है जिले में गठित सभी किसान उत्पादक संस्थाएं अपने मूल उद्देश्य के अनुसार कार्य करें, उनके अच्छे प्रोजेक्ट नाबार्ड से स्वीकृत कराए जाएंगे। उक्त निर्देश कलेक्टर श्री राजेश बाथम ने सोमवार को बैठक में दिए। जिले की किसान उत्पादक संस्थाओं (एफपीओ) के संचालक , पदाधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री श्रृंगार श्रीवास्तव, कृषि उपसंचालक सुश्री नीलम चौहान, नाबार्ड जिला प्रबंधक श्री एन.के. सोनी, सहकारिता उपायुक्त श्री संतोष कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।
रतलाम जिले में 22 किसान उत्पादक संस्थाएं कार्यरत हैं जिनके द्वारा विभिन्न गतिविधियां की जा रही है। कलेक्टर श्री बाथम ने बैठक में निर्देशित किया कि किसान उत्पादक संस्थाएं उपज पर आधारित खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयां स्थापित करने के लिए अच्छे प्रोजेक्ट बनाकर आगे आएं, उनके प्रोजेक्ट नाबार्ड से स्वीकृत कराए जाएंगे। कलेक्टर द्वारा एफपीओ संचालकों से उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई।
इस अवसर पर नाबार्ड के जिला प्रबंधक श्री एन. के सोनी ने एफपीओ तथा किसानों के हित में नाबार्ड द्वारा संचालित योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि एफपीओ सतत नाबार्ड जिला शाखा के संपर्क में रहे जिससे उन्हें आधिकाधिक रूप से लाभान्वित किया जा सके। नाबार्ड तथा कृषि विभाग द्वारा एफपीओ में शामिल किसानों को एक्सपोजर विजिट भी कराई जाएगी। बैठक में उपस्थित एफपीओ संचालको द्वारा गतिविधियों की जानकारी कलेक्टर को दी गई।
संपूर्णता अभियान की समीक्षा में स्वास्थ्य तथा महिला बाल विकास विभागों को डाटा एंट्री में सुधार के कलेक्टर ने दिए निर्देश
रतलाम 15 जुलाई 2024/ जिले के आकांक्षी विकासखण्ड बाजना मे संपूर्णता अभियान के क्रियान्वयन की समीक्षा कलेक्टर श्री राजेश बाथम द्वारा सोमवार को बैठक लेकर की गई। इस दौरान कलेक्टर ने पाया कि महिला बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभागों द्वारा ठीक से ड़ाटा एंट्री नहीं की गई है, त्रुटिपूर्ण डाटा एंट्री पर कलेक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई। कलेक्टर ने कहा कि डाटा एंट्री की त्रुटि के कारण जिल्ो की रैंकिंग प्रभावित हो रही है, तत्काल सुधार किया जाए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री शृंगार श्रीवास्तव, जिला योजना अधिकारी श्री बी.के. पाटीदार, डीपीएम डा. अजहर अली, महिला बाल विकास विभाग अधिकारी श्री रजनीश सिन्हा, सहायक संचालक सुश्री अंकिता पंड्या, उपसंचालक कृषि सुश्री नीलम चौहान आदि अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर द्वारा संपूर्णता अभियान के अंतर्गत निर्धारित 6 संकेतकों की जनसमुदाय में पूर्ण संतुष्टि की सीमा तक कार्य हेतु निर्देशित करते हुए विस्तृत रुप से विभागीय कार्यों की समीक्षा की गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं की पोर्टल पर प्रथम तिमाही की एंट्री की समीक्षा की गई। इसी प्रकार महिला बाल विकास विभाग द्वारा गर्भावती महिलाओं को माह में 21 दिन टेक होम राशन उपलब्ध कराने की एंट्री की समीक्षा करते हुए कल्ोक्टर ने पाया कि पोर्टल पर ड़ाटा नहीं दिख रहा है, विभिन्न स्थानों की गलत एंट्री हुई है अथवा नहीं की गई है जिस कारण प्रगति प्रभावित दिख रही है। डाटा के संबंध में ठीक से जानकारी भी विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई।
कलेक्टर श्री बाथम द्वारा महिला बाल विकास विभाग के कार्य की समीक्षा पोषण ट्रैकर एप पर की गई। कलेक्टर द्वारा बारीकी से समीक्षा में पाया गया कि 1700 गर्भवती महिलाओं में से मात्र 250 महिलाओं को ही टेक होम राशन मिला है। समीक्षा से यह परिलक्षित हो रहा था कि या तो महिलाओं को टेक होम राशन मिला ही नहीं अथवा मिलने पर एंट्री नहीं की गई है। कलेक्टर ने विभाग की कार्यप्रणाली की प्रति नाराजगी व्यक्त हुए निर्देशित किया कि इस संबंध में जवाबदार सुपरवाइजर्स के विरुद्ध कार्रवाई की जाए, उनको कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए जाएं। गंभीर लापरवाही करने वाली सुपरवाइजर को निलंबित किया जाए। इसके अलावा विभाग तीन माह का पोषण आहार अग्रिम रूप से स्टॉक में रखें।
अधिकारी श्री सिन्हा ने बताया कि देवास प्लांट से देरी से पोषण आहार प्राप्त हो रहा है, इस संबंध में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि जिले से अर्धशासकीय पत्र शासन को भेजा जाए। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि जिला योजना अधिकारी श्री पाटीदार तथा सहायक संचालक सुश्री अंकिता पंडया तत्काल बाजना जाकर सुपरवाइजर की बैठक आयोजित कर उन्हें कार्य में सुधार हेतु रूबरू निर्देशित करें विस्तृत समीक्षा की जाए। कलेक्टर ने इस संबंध में महिला बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिए।