झाबुआ – जिले के कई विभागों में दलाली प्रथा जोर-जोर से चल रही है जैसे परिवहन विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग आदि। जिसमें दलालों के माध्यम से आवेदन फारवर्ड होकर संबंधित विभाग से पूर्ण होकर प्राप्त हो रहे हैं और दलालों द्वारा इसके एवरेज में राशि की मांग की जाती है । अब मेडिकल स्टोर खोलने के लिए ड्रग लाइसेंस के नाम पर भी दलाल द्वारा हजारों की राशि की मांग की जा रही है ।
राष्ट्र के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए दवाएँ आवश्यक हैं। दवाएँ अन्य वस्तुओं से अलग हैं और इसी वजह से सरकार ने सख्त कानून बनाए हैं। दवाओं के निर्माण और बिक्री को नियंत्रित करने वाले नियम औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और उसके तहत बनाए गए नियमों में दिए गए हैं। दवाओं पर कच्चे माल के चरण से लेकर निर्माण, बिक्री, वितरण और खुदरा फार्मेसी, अस्पताल या डिस्पेंसरी में फार्मासिस्ट द्वारा मरीज या उपभोक्ता को दिए जाने तक नियंत्रण रखा जाता है। सामान्यतः औषधि लाइसेंस तीन प्रकार के होते हैं, एक खुदरा औषधि लाइसेंस, जो किसी फर्म को दवा की दुकान चलाने के लिए जारी किया जाता है, दूसरा थोक औषधि लाइसेंस, जो किसी फर्म को थोक स्तर पर दवा बेचने के लिए जारी किया जाता है, तथा तीसरा औषधि विनिर्माण लाइसेंस, जो औषधियों के विनिर्माण के लिए जारी किया जाता है । जिले में व शहर में विभिन्न मेडिकल स्टोर खोलने के लिए ड्रग विभाग से ड्रग लाइसेंस की आवश्यकता होती है ड्रग लाइसेंस का ऑनलाइन आवेदन होने के बाद कागजी खानापूर्ति पूर्ण होने के बाद विभाग द्वारा मौका मुआयना कर ओके रिपोर्ट देने के बाद ड्रग सर्टिफिकेट जारी किया जाता है जिसके बाद आवेदक अपना मेडिकल स्टोर खोल सकता है । लेकिन इस ड्रग लाइसेंस को जारी करने के लिए जो दलाली प्रथा कार्य कर रही है तथा दलाल द्वारा जो राशि की मांग की जा रही है। वह बहुत अधिक है । सूत्रों के अनुसार इस ड्रग लाइसेंस को ड्रग विभाग से जारी करने के लिए सारी कागजी खानापूर्ति पूर्ण करने के बाद दलाल द्वारा करीब ₹ 40-50 हजार राशि की मांग की जा रही है । और जब तक यह राशि दलाल तक नहीं पहुंचती है या संबंधित को नहीं पहुंचती है तब तक उस आवेदक को ड्रग लाइसेंस जारी नहीं किया जाता है चाहे कागजी खानापूर्ति नियम अनुसार पूर्ण क्यों ना की हो । सारी प्रक्रिया नियम अनुसार पूर्ण करने के बाद भी दलाल द्वारा अत्यधिक राशि की मांग करना कहीं ना कहीं चिंतन का विषय है । दलालों की सक्रियता से सारी प्रक्रिया आसान होने के बाद भी अत्यधिक राशि की मांग करना समझ से परे है । इसके अलावा भी अन्य नियमों के पालन करने को लेकर दलाल द्वारा हर बार राशि की मांग की जाती है । सूत्रों के अनुसार विगत एक माह पूर्व इसी तरह ड्रग लाइसेंस जारी करने के लिए दलाल द्वारा करीब रू 50000 की मांग की गई तथा पश्चात दलाल स्वयं उस व्यापारी के पास पहुंचकर₹40000 की राशि लेकर आवेदन ओके किया । इस तरह के दलाल भाजपा के सुशासन को कुशासन में बदलने का प्रयास कर रहे हैं साथ ही साथ भाजपा की छवि भी धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं जो भाजपा के लिए गहन चिंतन का विषय है।
आने वाली खबरों में और भी बहुत कुछ ड्रग लाइसेंस और मेडिकल स्टोर संचालन को लेकर…….
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