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झाबुआ

माही मुख्य बांध की बांयी तट नहर एवं माही शाखा नहर से सिंचाई हेतु निर्धारित चक्र अनुसार सिंचाई हेतु नहरों के माध्यम से जल प्रदाय किया जावेगा

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            झाबुआ 05 नवम्बर, 2024। माही मुख्य बांध से इस वर्ष 22670 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बांध की कुल जल संग्रहण क्षमता 199.07 मि.घ.मी. है जिसमें कुल उपयोगी जल क्षमता 135.60 मि.घ. मी. पानी सिंचाई एवं पेयजल हेतु उपलब्ध रहेगा।
            कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशानुसार कार्यपालन यंत्री विपिन पाटीदार जल संसाधन विभाग द्वारा माही मुख्य बांध की बांयी तट नहर एवं माही शाखा नहर से सिंचाई हेतु निर्धारित चक्र अनुसार सिंचाई हेतु नहरों के माध्यम से जल प्रदाय किया जावेगा एवं इस दौरान नहरों का सतत निरीक्षण एवं पेट्रोलिंग की जावेगी।
            माही मुख्य बांध की बांयी तट नहर से 10 नवम्बर 2024 से 24 नवम्बर 2024 तक प्रथम पानी (15 दिवस) मठमठ वितरिका, मठमठ उपवितरिका एवं नवापाड़ा उपवितरिका एवं देहण्डी वितरिका से ग्राम मठमठ, गुणावद, घुघरी, गंगाखेड़ी, नवापाड़ा, देहण्डी, करवड़, सारंगी, गोदड़िया एवं करणगढ़ में सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जावेगा इसके उपरांत द्वितीय पानी 10 दिसम्बर 2024 से 21 दिसम्बर 2024 (12 दिवस) तृतीय पानी 03 जनवरी 2025 से 14 जनवरी 2025 (12 दिवस) तक एवं चतुर्थ पानी 27 जनवरी 2025 से 07 फरवरी 2025 (12 दिवस) तक जल प्रदाय किया जावेगा।
             पत्थरपाड़ा वितरिका एवं देहण्डी वितरिका से ग्राम करवड़, रामगढ़, गोदड़िया, करणगढ़, पत्थरपाड़ा एवं सारंगी में सिंचाई हेतु प्रथम पानी 25 नवम्बर 2024 से 09 दिसम्बर 2024 तक (15) दिवस), द्वितीय पानी 22 दिसम्बर 2024 से 02 जनवरी 2025 (12 दिवस), तृतीय पानी 15 जनवरी 2025 से 26 जनवरी 2025 (12 दिवस) एवं चतुर्थ पानी 08 फरवरी 2025 से 19 फरवरी 2025 (12 दिवस) तक जल प्रदाय किया जावेगा।
             टेल वितरिका से ग्राम बोड़ायता, बरवेट, बाछीखेड़ा एवं करडावद में 10 नवम्बर 2024 से 24 नवम्बर 2024 (15 दिवस) तक, द्वितीय पानी 10 दिसम्बर 2024 से 21 दिसम्बर 2024 (12 दिवस) तक, तृतीय पानी 03 जनवरी 2025 से 14 जनवरी 2025 (12 दिवस) तक एवं चतुर्थ पानी 27 जनवरी 2025 से 07 फरवरी 2025 तक प्रदाय किया जावेगा।
             माही मुख्य बांध से नहरों को रबी सिंचाई हेतु पलेवा एवं 3 पानी सिंचाई हेतु निर्धारित चक्रानुसार 19 फरवरी 2024 तक प्रदाय किया जावेगा। कृषकों से विशेष अनुरोध है कि नहरों से पानी को व्यर्थ न बहाएं एवं नहरों में कूड़ा-करकट फैलाकर पानी के प्रवाह को बाधित न करें तथा निर्धारित चक्र अनुसार ही सिंचाई हेतु पानी प्राप्त करें। नहरों के जलद्वारों को खोलने एवं बंद करने हेतु विभागीय कर्मचारी/चौकीदार अधिकृत है, जो नियत चक्रानुसार गेटों का संचालन सुनिश्चित करेंगे। अतः कृषकगणों से अपेक्षा है कि वह स्वयं जलद्वार न खोले एवं न ही बन्द करें।

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