झाबुआ 07 दिसम्बर, 2024। कलेक्टर नेहा मीना के आदेशानुसार चायनीज धागे को पतंगबाजी में इस्तेमाल किये जाने को प्रतिबंधित किया गया है।
जनसामान्य द्वारा यह तथ्य ध्यान में लाया गया कि पतंगबाजी में उपयोग होने वाले चायना के धागे के उपयोग से पक्षियों व जनसामान्य को हानि पहुंच रही है। कई बार चायना के धागे से पतंग उड़ाते समय पक्षी इसमें उलझ कर फस जाते है. और घायल हो जाते है और कई बार तो पक्षियों की मृत्यु तक हो जाती है। इस धागे से पतंगबाजी के दौरान रोड़ पर चलने वाले राहगीर भी कई बार घायल हो जाते है। चायना धागे की मजबूती इन हादसों का कारण है व इस धागे का उपयोग पतंगबाजी में किये जाने से पशु-पक्षियों व जनसामान्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। निकट भविष्य में मकर संक्रान्ति पर्व आने वाला है तथा इस त्यौहार पर बड़ी संख्या में पतंगबाजी की जाती है। इस प्रकार चायना के धागे का पतंगबाजी में उपयोग की गतिविधियों पर रोकथाम की दृष्टि से इसके उपयोग को प्रतिबंधित किये जाने की तत्काल आवश्यकता प्रतीत हो रही है।
जिले की सीमा में चायना धागे का पतंगबाजी में उपयोग करने से कानून एवं व्यवस्था तथा स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की स्थिति को रोकने व आमजन के जान-माल को आसन्न खतरा उत्पन्न होने की स्थिति को रोकने हेतु इस पर अंकुश लगाये जाने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला झाबुआ, नेहा मीना, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत जन सामान्य के हित/जानमाल एवं लोक शांति को बनाये रखने हेतु झाबुआ जिले की राजस्व सीमा में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया जाता है।
1-यह कि जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में चायना के धागे को पतंगबाजी में उपयोग करने को प्रतिबंधित किया जाता है। साथ ही इसका भंडारण तथा विक्रय भी प्रतिबंधित किया जाता है।
चूंकि यह आदेश जन साधारण की सुविधा हेतु तत्काल पालन हेतु प्रभावशील किया जाना आवश्यक हो गया है। इतना समय उपलब्ध नहीं है, कि जन सामान्य व सभी संबंधित पक्षों को उक्त सूचना की तामिली की जा सकें। अतः यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। आदेश से व्यथित व्यक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (5) के अंतर्गत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यंत विशेष परिस्थितियों में कलेक्टर संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्तों से छूट दे सकेगा।
उक्त आदेश 06 दिसम्बर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक प्रभावशील रहेगा तथा उक्त प्रभावशील अवधि में आदेश का उल्लघंन धारा 223 भारतीय न्याय संहिता अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा।