झाबुआ- ।पक्षियों ,मोरो, मुर्गो आदि में त्वरित गति से फैलने वाली बीमारी जिसे की साइंटिफिक रूप से बर्ड फ्लू के नाम से पुकारा जाता है धीरे-धीरे पूरे जिले में पैर पसार रही है शनिवार ,रविवार को जहां थांदला क्षेत्र में 5 मोरों की रहस्यमई मौत हो चुकी है वहीं कुछ दिनों पूर्व झाबुआ क्षेत्र में भी कई मुर्गी मुर्गियों की अचानक मौत होने से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है लगातार पक्षियों की मौत का कारण तो चिकित्सक अभी तक नहीं बता पाए हैं लेकिन इन पक्षियों की मौतों से प्रशासन कोई सीख लेना नहीं चाहता
है
बीमारी को न्योता…..
कुछ ऐसा ही झाबुआ में नगर पालिका परिसर के समीप व कमल टॉकीज के पीछे वाली गली में ,क्षेत्रों में खुलेआम मांस विक्रेताओं के द्वारा मुर्गो मुर्गियों को रखा जा रहा है बाहरी क्षेत्र से लगातार गाड़ियों में कंटेनर भर भर के लाई जा रही ,इन मुर्गे मुर्गियों को बिना किसी जांच-पड़ताल के मांस विक्रेताओं के द्वारा खुलेआम बेचा जा रहा है इन मुर्गी मुर्गियों से भी कभी भी झाबुआ क्षेत्र में भी बर्ड फ्लू फैलने की संभावना बन सकती है वही शहर के बीचो-बीच खुलेआम बिक रही है मछलियों पर दिन भर मक्खियां और अन्य गंदगी भिन्न-भिन्नती रहती है बिना किसी साफ सफाई या चिकित्सक की रिपोर्ट के बिना ही खुलेआम धड़ल्ले से मछलियों को काट काट कर ग्राहकों को बेचा जा रहा है ।.अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना ग्रामीण क्षेत्र से आए आदिवासी इन मांस ,मछली और मुर्गी मुर्गियों को ले जाकर उनका सेवन कर रहे हैं आदिवासी क्षेत्र में मांसाहार का उपयोग कोई आम बात नहीं है लेकिन इन दिनों जो बर्ड फ्लू की बीमारी चल रही है उसको देखते हुए शासन प्रशासन को इस संबंध में जरूरी निगरानी रखना चाहिए । वर्तमान में यदि स्थानीय प्रशासन ,नगर पालिका परिषद और पशु चिकित्सा विभाग द्वारा खुलेआम बेचा जा रहा मांस, मछली और मुर्गियों के संबंध में बेचने या काटने से पूर्व ना तो कोई जांच करवाई जाती है और ना ही सर्टिफिकेट जारी किया जाता है कि इनका सेवन करने से मानव जीवन पर कोई विपरीत प्रभाव या स्वास्थ खराब नहीं होगा ।
रोक के लिए उठ रही मांग….
क्षेत्र के कई लोगों के द्वारा स्थानीय प्रशासन से मांग की जा रही है कि स्थिति को देखते हुएखुलेआम बिक रही मांस, मछली और मुर्गियों के व्यापार बेचने काटने पर रोक लगाई जाए । साथ ही इस तरह मांस मटन का क्रय विक्रय शहर से दूर अन्य स्थान पर व्यवसाय हेतु स्थान निर्धारित किया जाए , ताकि शहर में बदबू और गंदगी से निजात मिल सके । इसके अलावा वर्तमान में बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए इस व्यवसाय पर रोक लगायी जाए ।साथ ही शहर को बर्ड फ्लू की आशंका से बचाया जाए।. पूर्व में भी इन मोहल्लों में अवैध मांस -मटन व्यवसाय को लेकर कई आमजन ने इस व्यापार को बंद करने के लिए आवाज भी उठाई । लेकिन शासन प्रशासन द्वारा मात्र कार्रवाई कर इतिश्री की व जनता की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। जिससे कि यह मांस मटन का विक्रय आज शहर के बीचो बीच पनप रहा है । इसके अलावा नगर पालिका परिसर के समीप यह मांस मटन विक्रय दिन दुगनी रात चौगुनी की तर्ज पर बढ़ रहा है जहां दर्जनों व्यापारियों द्वारा खुलेआम मुर्गियों को काटा जा रहा है और विक्रय किया जा रहा है।
प्रशासन की अनदेखी….
कई बार स्थानीय मीडिया के द्वारा लगातार समाचार पत्रों में भी इन दुकानों को लेकर मुद्दा उठाया है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी स्थानीय राजनीति के प्रति इतने बेबस है कि शासन को नुकसान पहुंचाने वाली इनकी रीति नीति को समझ नहीं पा रहे हैं ।