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झाबुआ

आर.ई.एस विभाग द्वारा ग्राम दूधी मे नियमों को ताक में रखकर किया जा रहा तालाब निर्माण कार्य

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झाबुआ – शासन प्रशासन द्वारा तालाब निर्माण कार्य को स्वीकृति इस उद्देश्य से दी जाती है कि छोटे-छोटे नालो पर बांध बनाकर तालाब निर्माण कार्य किया जा सके । जिससे उस तालाब में एकत्रित पानी का उपयोग खेती व अन्य कामों के लिए हो सके । लेकिन झाबुआ आर.ई.एस विभाग द्वारा ग्राम दुधी (परवट ) में नियमों को ताक में रखकर तालाब निर्माण किया जा रहा है और शासन का पैसा दुरुपयोग करने का प्रयास किया जा रहा है जो जांच का विषय है ।

जानकारी अनुसार जिले की रामा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत दूधी (परवट) मे तालाब निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया । इस कार्य के क्रियान्वयन एजेंसी आर.ई.एस विभाग झाबुआ हैं । कार्य की संभावित लागत करीब 25 लाख रुपए हैं । कुछ ग्रामीणों ने बताया कि करीब 8 से 10 दिन पहले आर.ई.एस विभाग द्वारा तालाब निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया । विभाग के इंजीनियर द्वारा जेसीबी मशीन से इसकी खुदाई की गई है तथा खुदाई देखने पर लग रहा है कि जो खुदाई नियम अनुसार की जाना चाहिए वह नजर नहीं आ रही है साथ ही साथ मिट्टी के लोये बनाकर इसकी भराई की जाना चाहिए । वह भी नहीं किया जा रहा है इसके अलावा जिस जगह पर यह तालाब बनाया जा रहा है वहां पानी की आवक या एकत्रित होने पर कोई खास नाला नजर नहीं आ रहा है साथ ही साथ करीब 250 मीटर की दूरी पर ही एक और तालाब बना हुआ है तालाब मे पानी भी भरा हुआ है मात्र 250 मीटर की दूरी पर दूसरा तालाब बनाना समझ से परे है वही विभाग के इंजीनियर द्वारा जेसीबी से खुदाई की जा रही है जबकि मनरेगा के तहत ग्रामीणजनों को रोजगार उपलब्ध कराना था उस बात को भी दरकिनार कर दिया गया । ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि फॉरेस्ट विभाग के अंतर्गत आती है तथा यह भूमि उपजाऊ है यदि खेती की जाए तो अच्छी फसल ली जा सकती है फिर भी वन विभाग द्वारा बिना किसी जांच-पड़ताल के तालाब की एनओसी देना समझ से परे । कहीं वन विभाग और आर.ई.एस विभाग द्वारा तालाब बनाने के नाम पर राशि रफा-दफा करने का प्रयास तो नहीं… यह भी जांच का विषय है । सबसे बड़ा बाग बात है वर्तमान में जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता प्रभाव शील है जो संभवत 15 जुलाई के बाद समाप्त होगी । इस दौरान कोई भी नवीन कार्य प्रारंभ नहीं किए जा सकते हैं । यदि हम ग्रामीण जनों की बात पर विश्वास करें तो आर.ई.एस विभाग द्वारा आदर्श आचार संहिता के नियमों को दरकिनार करते हुए तथा जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा आचार संहिता के तहत दिए गए आदेशों की भी धज्जियां उड़ाते हुए करीब 8 से 10 दिन पहले यह तालाब निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया , जो कि खुले रुप में आचार संहिता का उल्लंघन है । प्रश्न यह है कि आखिर किन नियमों के तहत आचार संहिता प्रभावशील होने पर भी नवीन तालाब निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया…? तथा किस आदेश के तहत जिले में आचार संहिता का प्रभावी होने पर भी निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया ….संपूर्ण निर्माण कार्य जांच का विषय है….। शासन प्रशासन को चाहिए कि इस ओर ध्यान देकर इस तरह के अधिकारी और कर्मचारियों पर आचार संहिता उल्लंघन पर जांच कर ….कार्रवाई की जाना चाहिए…..। क्या शासन प्रशासन इस ओर कोई कार्रवाई करेगा…..?

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