20 जुलाई को आएंगे परिणाम निकाय चुनाव के
प्रदेश के शेष नगरीय निकायों में मतगणना का कार्य 20 जुलाई बुधवार को होगा। विजय उम्मीदवारों की घोषणा होगी। खुशियां मनाएंगे। रंग गुलाल लगाएंगे। आतिशबाजी होगी। ढोल धमाके बजेंगे। झंडा लहराएंगे। लेकिन जीतने वालें उम्मीदवारों के लिए सब खुशियों का पल होगा, मगर जीत की उम्मीद में उम्मीदवार का आत्मविश्वास देखते ही बन रहा है। पार्टी के उम्मीदवारों के अलावा निर्दलीयों ने भी जीत की खुशी के लिए तैयारियां भरपूर कर ली है। उम्मीदवारों का कहना है अबकी बार हमारी बारी। कुर्सी की किस्मत ईवीएम में कैद हुए 7 दिन हो गए हैं। अब परिणाम आने की बारी है। 1 दिन बाद शहर की सड़कों पर खुशियों की लहर दौड़ेगी। गली गली में जीत की गूंज होगी। ढोल नगाड़े बजेंगे। माइक पर न केवल जितने की खबर दी जाएगी अपितु आभार का दौर चलेगा। वार्ड और बाजार बैनर और पोस्टरों से फट जाएंगे।
खास बात यह है कि जीत की उम्मीद के आत्मविश्वास में उम्मीदवार खुशियां मनाने की सारी तैयारियां कर चुके हैं। बैनर पोस्टर बन गए हैं। रंग गुलाल खरीद ली गई है। आतिशबाजी की जिम्मेदारी दे दी गई है। सब सामान अपनी अपनी कार और स्कूटर की डिक्की में रहेगा। माइक पर संदेश प्रसारित करने के लिए पूर्व में ही रिकॉर्डिंग भी हो गई है। बैनर पोस्टर आभार के साथ बनकर तैयार हैं। बस संकेत मिलते ही कर्मचारी और समर्थक दौड़ दौड़ कर लगा देंगे। युवा वर्ग खुशी में घूमने और झूमने के लिए बेताब है। उम्मीदवारों के अपने खास जीत के जश्न को मनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर चुके हैं। बस उम्मीदवार के जीतने की घोषणा में अब कुछ ही घंटे शेष हैं। निर्दलीय उम्मीदवार की मन बना चुके हैं कि जीतने के बाद, निष्कासित करने वालों की पार्टी में नहीं जाएंगे। पुचकार और दुत्कार उन्हें पसंद नहीं है।
तैयार है सब कुछ
उम्मीदवार ना केवल मतदाताओं को लुभाने के लिए न केवल घर घर गए हैं। अपितु वादे भी किए हैं। इरादे भी बताए हैं कि वे क्या-क्या करेंगे? यहां तक की प्रभु के दरबार में अर्जी भी लग चुकी है। मान मन्नत हो गई है। जीतने की खुशी में मतदाताओं के बाद अपने आराध्य देव के प्रसिद्ध स्थलों पर जाएंगे और भगवान का शुक्रिया अदा करेंगे। उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करेंगे। गाड़ी में कौन-कौन जाएगा। इसकी भी सूची तैयार हो गई है। वापसी में कहां पर पार्टी होगी। सब कुछ तैयार है। बस परिणाम आने का इंतजार है।
मतदाता भी है बेताब परिणाम जानने के लिए
दो दिन पहले प्रदेश के अन्य निकायों के आए परिणाम के बाद न केवल उम्मीदवार जीत के जश्न की तैयारी में है अपितु मतदाता आत्मविश्वास से भरे पड़े हैं कि उनका मतदान सही हुआ है या गलत यह जानने के लिए बेताब हैं। हालांकि मतदाताओं की अंतरात्मा तो वही जाने कि उन्होंने क्या किया है लेकिन चर्चाओं के बाजार में बदलाव की बयार चल रही है।
जग जाहिर है यह बात तो
सबको नजर आ रहा है कि बाप दादाओं के जमाने से आंख बंद करके एक में ही विश्वास व्यक्त करने वाले मतदाताओं के साथ विश्वासघात हुआ है। यह बात सच है और यह वह लोग भी मानते हैं। और वैसे भी रतलाम के मतदाता मान सम्मान के भूखे हैं और वह मान सम्मान उनको नहीं मिला है। जिसकी उम्मीद उन्हें उम्मीदवारों से थी। सुख सुविधाओं के इतने मोहताज नहीं है। उनमें इतना दमखम है कि वह कर सकते हैं। मगर मूलभूत सुविधा तो मिलनी चाहिए थी। उम्मीदवारों के लिए अपना मतदान करने वाले मतदाताओं का मौन बुधवार को मुखर होगा।