आरती गरवाल निलंबित, कन्सलटेंट अ.रज्जाक ब्लैक लिस्टेडब्रेकिंग-
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आरती गरवाल निलंबित, कन्सलटेंट अ.रज्जाक ब्लैक लिस्टेड
मामला मुख्य नगर पालिका अधिकारी पिपलौदा नगर परिषद का
रतलाम। नगरीय प्रशासन विकास विभाग के सह आयुक्त ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीमती आरती गरवाल (पिपलौदा नगर परिषद) को निलंबित कर वही कार्य करने वाले एक कन्सलटेंट को ब्लैक लिस्टेड करने के आदेश जारी किए है। इन दोनो पर अवैध वसूली और आर्थिक मामले सामने आए है। तहसीलदार पिपलौदा की जांच और रतलाम कलेक्टर द्वारा गठित दो सदस्यीदल की जांच रिपोर्ट व कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर सह आयुक्त ने इनके निलंबन की कार्रवाई की है।
जानकारों केअनुसार लगभग 360 हितग्राहियों का भवन अनुज्ञा शुल्क माफ किए जाने के मामले में नगर परिषद ने संकल्प पारित किया था, मगर मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने इस मामले में रुचि नही दिखाई। इसी तरह निकाय में भवन अनुज्ञा के लिए अधिकृत रुप से तीन कन्सलटेंट नियुक्त किए है। जिनमें विशाल, जावेद खान और अब्दुल रजाक नामक कन्सलटेंट शामिल है। किन्तु सिर्फ अब्दुल रजाक ने हितग्राहियों से 4000-4000 हजार रुपए वसूले थे। इस मामले की शिकायत के बाद अ.रज्जाक ने खुद इस बात की पुष्ठि भी की थी। जांच में पाया गया कि रजाक कन्सलटेंट था नगर निकाय का कर्मचारी नही है।
जांच प्रतिवेदन में अब्दुल रजाक ने अवैध वसूली भी की है। तहसलीदार पिपलौदा के प्रतिवेदन में भी स्पष्ठ हुआ है किर इस पूरे प्रकरण में अब्दुल रजाक व मुख्य नगर पालिका अधिकारी आरती गरवाल संयुक्त रुप से दोषी है। ऐसे में श्रीमती गरवाल को निलंबित किया जाकर अ.रज्जाक का नाम ब्लैक लिस्ट में डाला जाना चाहिए।
इधर पूरे प्रकरण की जांच के बाद कलेक्टर की और नगरीय प्रशासन विकास विभाग को भेजे गए प्रतिवेदन के आधार पर सह आयुक्त निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद पिपलौदा द्वारा अनियमितता करने, निदेर्शो के प्रतिकूल कार्य नही करने तथा पदिीय कत्र्वयों का समयक निर्वहन नही करने के कारण म.प्र.न.पा.अधि. 1961 की धारा 86 म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियत्रंण तथा अपील) नियम 1961 तथा म.प्र.न.पा.सेवा ( कार्यपालन) नियम 1973 के नियम 36 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
निलंबन अवधि में श्रीमती गरवाल का मुख्यालय संभागीय कार्यालय उज्जैन रहेगा और इन्हे नियमानुसार जीवन निर्वहन भत्ता नगर परिषद पिपलौद से मिलता रहेगा।”