झाबुआ – आबकारी विभाग की लचर कार्यप्रणाली और आनंद के बढ़ते कद ने, जिले में अवैध शराब का कारोबार बहुत ही आसान हो गया है । जिले के गांव गांव फलियों फलियो में यह अवैध शराब आसानी से पहुंच रही है अवैध शराब से कार्रवाई के अभाव में युवा पीढ़ी शराब के सेवन से, दलदल मे धसती जा रही है और पुलिस व आबकारी विभाग की निष्क्रियता के चलते यह व्यापार बहुत आसान और सुलभ हो गया । रही सही कसर जिले में आनंद के बढ़ते कद ने पूरी कर दी है । और इस कारण गांव के कई युवा जो किराना व्यापार और अन्य वयवसाय से जुड़े हुए हैं इन अवैध शराब माफियाओं के पास जाकर शराब के व्यापार के लिए निवेदन कर रहे हैं । और कह रहे हैं ….सर मुझे भी शराब का व्यवसाय करना है तो इन माफियाओं का कहना है कि महीना बंदी देना होगी और आनंद की सहमति भी जरूरी होगी । उनका कहना है कि आनंद द्वारा ही या उन्हीं के संरक्षण में यह व्यापार संचालित होता है और कार्रवाई के पहले उनके द्वारा सूचना भी दी जाती है इसलिए आनंद की सहमति जरूरी होगी । इस तरह अवैध शराब माफियाओं से महीना बंदी लेकर यह आनंद दिन दुगनी रात चौगुनी आर्थिक विकास कर रहा है और अपनी जेबे गर्म कर रहा है तथा इन अवैध शराब माफियाओं को यह भी कहता है कि….. साहब को भी देना पड़ता है….. आखिर कौन है यह साहब….? । यदि इन अवैध शराब माफियाओं से मासिक बंदी का आंकलन किया जाए, तो यह राशि लाखों में होती है । और तो.और यह दलाल आनंद विगत कई वर्षों से इस दलाली के धंधे में कार्य कर रहा है । सूत्रों के अनुसार दलाल आनंद इन अवैध शराब माफियाओं से महीना बंदी लेकर , लखपति से करोड़पति बनने की ओर अग्रसर हैं या करोडपति बन गया हैं । इस प्रकार यह जिला धीरे धीरे अवैध शराब माफियाओं के चुंगल में फसता जा रहा है साथ ही साथ युवा पीढ़ी भी अवैध शराब माफियाओं से गठजोड़ कर गांव गांव फलियो फलियो में शराब बेचने के लिए आतुर हो रही हैं । वहीं इन अवैध शराब माफियाओं द्वारा दिए जा रहे, इस आर्थिक लालच के कारण युवा पीढ़ी भी अपने शिक्षा को भी प्रभावित कर , नशे के चुंगल मे फसने की तैयारी कर रही हैं । आखिर क्यों अवैध शराब माफियाओं द्वारा आनंद को पूर्ण समर्थन दिया जा रहा है वही आनंद द्वारा भी इन अवैध शराब माफियाओं को पूर्ण रूप से संरक्षण दिया जा रहा है और जिले में खुले रुप में अवैध शराब के व्यापार को छूट दे रखी है आखिर कौन है वह आनंद …क्या किसी राजनेता का रिश्तेदार है या फिर प्रशासनिक अधिकारी का वरदहस्त प्राप्त है या फिर कोई और……? आखिर क्यों पुलिस और आबकारी विभाग भी इस आनंद पर किसी की तरह की कोई कसावट या कार्यवाही नहीं कर पा रही है….? इस जिले में अवैध शराब व्यवसायों की खुलेआम कार्यप्रणाली से जिला प्रशासन की छवि धूमिल होने की संभावना बनी रहती है । वही आबकारी विभाग के आला अधिकारी मौन धारण किए हुए , इस प्रक्रिया में अप्रत्यक्ष रूप से अपनी सहमति दे रहे हैं । शासन प्रशासन को चाहिए कि इस तरह के एजेंट आनंद पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए और जिले को अवैध शराब माफियाओं के चुंगल से बचाया जाए , ताकि युवा पीढ़ी भटक.न जाए…।
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