झाबुआ – नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की तारीख घोषणा के साथ ही राजनीतिक उठापटक शुरू हो चुकी है। वहीं तारीख सामने आने के बाद भाजपा मे दावेदारों की भी लाइन लग गई है. भाजपा में अध्यक्ष पद के लिए तीन तो उपाध्यक्ष के लिए 3 दावेदारों के नाम सामने आए हैं.। भाजपा पर्यवेक्षक झाबुआ पहुंचे, जहां उन्होंने बंद कमरे में पार्षदों से रायशुमारी की । वर्तमान स्थिति में नपा चुनाव मे झाबुआ में भाजपा के 9 पार्षद हैं तो कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 7 है. दो पार्षद निर्दलीय हैं.। संख्याबल के लिहाज से भाजपा का पलड़ा भारी है. ऐसे में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए नामों को लेकर खासी खींचतान मची हुई है. शुक्रवार को भाजपा द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक नागर सिंह चौहान भी रायशुमारी के लिए झाबुआ पहुंचने पर भाजपा के सभी 9 पार्षदों से वन टू वन चर्चा की. सभी पार्षदों ने एक ही बात कही कि संगठन जो नाम तय करेगा, वही हमारे अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होंगे ।
पर्यवेक्षक नागरसिंह चौहान दोपहर करीब एक बजे पार्टी कार्यालय पहुंचे ।. सर्वप्रथम पर्यवेक्षक नागर सिंह चौहान का स्वागत भाजपा जिला कार्यकारिणी और मंडल कार्यकारिणी ने किया । पर्यवेक्षक के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक के साथ कोर ग्रुप के सदस्य भी मौजूद थे.। पर्यवेक्षक ने एक-एक पार्षद को बुलाकर उनसे राय जानने का प्रयास किया गया । रायशुमारी के दौरान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में उनकी पसंद कौन है. जानने का प्रयास किया । हालांकि सभी ने संगठन के निर्णय को सर्वोपरि मानने की बात कही । रायशुमारी के दौरान क्या तय हुआ , यह समझना थोड़ा सा कठिन है । लेकिन भाजपा को सतर्क रहना होगा और गुटीय राजनीति से परे होकर, एक जाजम पर बैठकर निर्णय लेने होंगे । अन्यथा कहीं क्रॉस वोटिंग में भाजपा को नुकसान होने की संभावना है । क्योंकि झाबुआ में दोनो गुट अपने अपने कैंडिडेट को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाना चाहते हैं वही तीसरा व्यक्ति स्वयं के आधार पर और पूर्व कार्यकाल का हवाला देते हुए अध्यक्ष बनने की बात कर रहा है । ऐसी स्थिति मे भाजपा को समन्वय बनाकर और एकीकरण का संदेश देते हुए सर्वानुमति बनाना होगी , अन्यथा भाजपा के लिए राह मुश्किल हो सकती है । वही अध्यक्ष पद झाबुआ नगर पालिका में भाजपा के खाते में 9 सीट है. बहुमत के लिए सिर्फ एक पार्षद के समर्थन की आवश्यकता है. चूंकि दो निर्दलीय निर्वाचित पार्षद भाजपा के ही बागी हैं तो ऐसे में एक का समर्थन आसानी से भाजपा को मिल जाएगा. चूंकि अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है तो भाजपा के पास तीन विकल्प बनते हैं. इसमें पहला नाम पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पर्वत मकवाना का है. वे वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक अध्यक्ष रहे हैं. दूसरा नाम आता है पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया की पत्नी बसंती बारिया का. । इस बार वे अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार हैं. दोनों ही अध्यक्ष पद के लिए अपने अपने स्तर पर लॉबिंग करने में लग गए है । दूसरी तरफ बसंती बारिया के लिए राजगढ़ नाका ग्रुप पूरी ताकत लगाएगा । इसमें पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेष दुबे के साथ ही राजगढ़ नाके के आधार स्तंभ ओम शर्मा संघ और भाजपा में अपने संबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं । यदि इन दोनों में पेंच फंसता है तो फिर हो सकता है कि भाजपा संगठन कोई अप्रत्याशित निर्णय लेते हुए एक दम नए चेहरे के रूप में कविता सिंगार के नाम को आगे कर दे, क्योंकि कविता ने इस चुनाव में 631 मतों से जीत हासिल की है । यदि इस बार भाजपा युवा नेतृत्व के बारे में विचार करती है तो कविता सिंगार के नाम पर भी सहमति बन सकती है.।
उपाध्यक्ष पद के लिए भी भाजपा से तीन नाम उभरकर सामने आए हैं. इसमें पहला नाम वार्ड क्रमांक नौ के पार्षद लाखन सिंह सोलंकी का है. लाखन चुनाव जीतने के बाद ही उपाध्यक्ष पद के लिए लॉबिंग में लग गए और सभी भाजपा पार्षदों से वन टू वन चर्चा भी कर चुके हैं । उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा की ओर से दूसरा नाम वार्ड क्रमांक आठ के पार्षद विजय चौहान का है. वे पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष रहे हैं. जिस तरह से वे संघ के कोटे से पार्षद का टिकट लेकर आए थे, उससे पूरी संभावना है कि उपाध्यक्ष पद के लिए भी वे अपने पूरे प्रयास करेंगे. वहीं इस सूची में तीसरा नाम वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद पंडित महेंद्र तिवारी का है. उनकी निर्विवादित छवि और संगठन के लिए सतत कार्य करने की वजह से वे उपाध्यक्ष पद के लिए पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं.। संगठन की और से पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई है. सभी से रायशुमारी करने के बाद ही अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए सर्वमान्य प्रत्याशी का नाम तय किया जाएगा. ।
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