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RATLAM

जनजाति गौरव दिवस में विघ्न डालना था घेराव करने वालों का उद्देश्य-सांसद गुमानसिंह डामोर

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रतलाम,। समीपस्थ ग्राम धराड में जयस द्वारा किए गए घेराव का सामना कर लौटे सांसद गुमानसिंह डामोर का कहना है कि घेराव करने वालों का एक मात्र उद्देश्य जनजाति गौरव दिवस के आयोजन में विघ्न डालना था। जनजाति गौरव दिवस के माध्यम से जनजाति समाज एक जुट हो रहा है और यह बात इन तत्वों को हजम नहीं हो पा रही है। इसी वजह से वे येन केन प्रकारेण जनजाति गौरव दिवस पर विवाद खडे करने का प्रयास कर रहे है।

इ खबरटुडे से विशेष चर्चा करते हुए सांसद श्री डामोर ने बताया कि वे बडछापरा गांव से भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा का अनारवरण करके रतलाम के लिए आ रहे थे। इसी दौरान धराड में जयस द्वारा रैली निकाली जा रही थी। जब उनके वाहनों का काफिला वहां पंहुचा तो कुछ विघ्नसंतोषी तत्व नारेबाजी करते हुए गाडी के सामने लेट गए। श्री डामोर ने बताया कि जब उनकी गाडी के आगे कुछ लोग लेट गए तो उन्होने गाडी रुकवाई और वे गाडी के बाहर आए। श्री डामोर ने बताया कि नारेबाजी करने वाले युवक निवेश क्षेत्र के विरोध में नारे लगा रहे थे। तब श्री डामोर ने उनसे पूछा कि प्रस्तावित निवेश क्षेत्र में क्या किसी भी किसान की एक भी इंच भूमि का अधिग्रहण किया गया है? श्री डामोर के अनुसार नारेबाजी करने वालों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था। इसके बाद पुलिस और प्रशासन के लोगों ने नारेबाजी करने वालों को वहां से हटाया और काफिले को वहां से निकाला। वाहनों के कुछ आगे बढने के बाद प्रदर्शन कर रहे युवकों ने काफिले पर पथराव भी किया,जिससे कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी के गनमेन की नाक पर चोट लग गई।

सांसद श्री डामोर ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसके पीछे एकमात्र उद्देश्य जनजाति गौरव दिवस पर विवाद खडे करना था। निवेश क्षेत्र का इससे कोई लेना देना नहीं था। उन्होने कहा कि पहले कुछ लोगों द्वारा 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता था,जिसके माध्यम से आदिवासी समाज को देश के अन्य वर्गों से पृथक करने के प्रयास किए जाते थे। देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत वर्ष से भगवान बिरसा मुण्डा की जयन्ती को जनजाति गौरव दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की थी और अब प्रतिवर्ष 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार ने आज अवकाश रखते हुए प्रदेश भर में कई आयोजन किए है। यह बात आदिवासी समाज को शेष समाज से काटने वाले तत्वों को हजम नहीं हो पा रही है और इससे उनके पेट में मरोडें उठ रही है। यह कारण है कि उन्होने योजनाबद्ध तरीेके से इस प्रकार का विवाद किया।(इ खबरटुडे से साभार)

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