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झाबुआ

जयस नेताओं को जमानत देने से कोर्ट का इंकार,29 नवंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजे गए पांचों अभियुक्त

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रतलाम, । धराड में सांसद और विधायक के काफिले पर हमला और पथराव कर कलेक्टर के गनमेन को घायल करने के मामले में गिरफ्तार जयस के पांचों नेताओं को जमानत देने से न्यायालय ने इंकार कर दिया। न्यायालय के आदेश के मुताबिक ऐसे अभियुक्तों को जमानत का लाभ देने से समाज में गलत संदेश जाएगा। पांचों अभियुक्तों को 29 नवंबर तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि धराड में हुए घटनाक्रम के बाद पुलिस ने डा.अभय ओहरी,विलेश खराडी,अनिल निनामा,गोपाल वाघेला और डा. आनन्द राय को गिरफ्तार किया था। इन पांचों अभियुक्तों को बुधवार को अभूतपूर्व सुरक्षा प्रबन्धों के बीच न्यायालय में पेश किया गया था,जहां पांचों अभियुक्तों की ओर से अंशुमन श्रीवास्तव,हेमराज कसेडिया,उदय कसेडिया और ओमप्रकाश बौरसिया द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किए गए थे। जमानत के आवेदनों पर बुधवार को सुनवाई इस आधार पर रोक दी गई थी कि इससे पहले फरियादी को सूचना देना आïवश्यक है। फरियादी को सूचनापत्र देने के निर्देश के साथ जमानत आवेदनों पर सुनवाई गुरुवार के लिए नियत कर दी गई थी।

एससीएसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश डीएस चौहान ने पांचों अभियुक्तों के वकीलों के तर्क सुने। अभियुक्तों के वकीलों का कहना था कि अभियुक्त घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे,इसके बावजूद पुलिस ने बेवजह उन्हे इस प्रकरण में अभियुक्त बना दिया है। दूसरी ओर विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना ने मामले को अत्यन्त गंभीर बताते हुए जमानत देने का विरोध किया था। जमानत आवेदन पर कोर्ट में करीब दो बजे बहस प्रारंभ हुई थी,जो करीब डेढ घण्टे तक चली। साढे तीन बजे न्यायाधीश ने आदेश सुरक्षित रख दिया। शाम करीब साढे पांच बजे न्यायाधीश श्री चौहान ने आदेश सुनाया। उन्होने अपने आदेश में कहा कि धराड में कुछ सामाजिक संगठनों ने रैली का आयोजन किया था। इस दौरान जनप्रतिनिधियों के वाहन रोके गए उनका घेराव किया गया और पथराव किया गया,जिसमें कलेक्टर के सुरक्षाकर्मी को चोटें आई। यह अत्यन्त गंभीर घटना है और ऐसे मामले में अभियुक्तों को जमानत का लाभ देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।(इ खबरटुडे से साभार)

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