साई बाबा कहते थे कि सबसे प्रेम करो सबकी सेवा करों किसी को भी अपने से अलग मत समझो – विनोद भट्ट
श्री सत्यसाई समिति ने धुमधाम से मनाया बाबा का 97 वां जन्म दिवस
प्रतिदिन सेवा एवं अध्यात्मिक आयोजनों का हुआ साई सप्ताह में आयोजन
रतलाम । सत्यसाईं बाबा का मानना था कि हर व्यक्ति का कर्तव्य यह सुनिश्चित कराना है कि हर किसी को आजीविका के लिए मूल रूप से जरूरी साधन मिले। सत्यसांई सभी धर्म के लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहे। सत्यसाईं बाबा ने 178 देशों में धर्म प्रचार के केंद्र बनाए हैं। उन्होंने अपने जीवन के 85 वर्ष तक शांतिपूर्ण जीवन बिताने वाले सत्य साईं ने 24 अप्रैल 2011 को अपनी देह त्याग कर महाप्रयाण किया। सत्य साईं बाबा ने विश्व को संदेश दिया कि आपस में सब प्रेम करो, सबकी सहायता करो और किसी का बुरा मत करो। उक्त प्रेरक उदबोधन श्री सत्यसाई बाबा के 97 वें जन्मोत्सव के अवसर पर श्री सत्यसाई सेवा समिति के संयोजक विनोद भट्ट ने स्थानीय रेल्वे कालोनी स्थित सत्यसाई मंदिर में बडी संख्या में उपस्थित साई भक्तों को संबोधित करते हुए कहीं ।
श्री भट्ट ने कहा कि श्री सत्यसाई बाबा ने प्रेम को ही परमात्मा का स्वरूप बताते हुए कहा कि श्री सत्यसाईं के विषय में कहा जाता है कि वे अपने शिष्यों की पुकार तत्परता से सुनते थे। सच्चे मन से उन्हें याद करने पर उनकी फोटो से अपने आप ही भभूत निकलने लगती है। उन्हें शिर्डी के सांईबाबा का अवतार माना जाता है। सत्यसाईं बाबा आध्यात्मिक गुरु थे, जिनके संदेश और आशीर्वाद ने पूरी दुनिया के लाखों लोगों को सही नैतिक मूल्यों के साथ सही जीवन जीने की प्रेरणा दी थी। सत्यसाईं बाबा ने सदा अपने भक्तों की मदद की एवं उन्हें अच्छे आदर्श मानने की, अच्छा आचरण करने और मन में अच्छा सेवाभाव बनाए रखने का उपदेश दिया। मैं शिव-शक्ति स्वरूप, शिर्डी के साईं का अवतार हूं। सत्य साईं बाबा ने अपने जीवन काल में बहुत-सी शिक्षण संस्थाओं, अस्पतालों व अन्य मानवसेवा के कार्यों के निर्माण में अपना योगदान दिया। प्रशांति निलयम में बाबा का विश्वस्तरीय अस्पताल और रिसर्च सेंटर करीब 200 एकड़ में फैला हुआ है। पुट्टपर्ती में स्थित इस अस्पताल में 220 बिस्तरों में निःशुल्क सर्जिकल और मेडिकल केयर की सुविधाएं दी जाती हैं। श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंस बेंगलुरू में 333 बिस्तर गरीबों के लिए बनाए गए हैं। साई बाबा कहते थे कि सबसे प्रेम करो सबकी सेवा करों किसी को भी अपने से अलग मत समझो । ऐसा भाव विकसित करो कि वह और तुम एक हो। समस्त मानव समाज एक है। इस संसार में जो तुम देखते हो वह केवल प्रतिक्रिया, प्रतिबिम्ब और प्रतिध्वनि उस सत्य की हैं जो केवल एक हैं, जब तुम सत्य को समझ लोगो तब तुम्हें शान्ति मिल जायेगी।श्री भट्ट ने कहा कि श्री सत्य साई बाबा अक्सर कहा करते थे समुद्र का स्वाद चखने के लिए सारे समुद्र को पीने की आवश्यकता नहीं यानी सुखी व शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए मनुष्य को सभी वेदों इत्यादि को पढऩे की आवश्यकता नहीं। इसके लिए किसी एक आध्यात्मिक शिक्षा को जीवन में आत्मसात करना ही काफी है। बाबा कहते थे-आत्मा हमारा गुरु एवं मार्गदर्शक है। अगर हम अपनी आत्मा की आवाज सुनेंगे तो हम अच्छे इंसान बन सकते हैं। इसके लिए व्यक्ति में दृढ़ संकल्प होना आवश्यक है । ईश्वर पर विश्वास करें, क्योंकि मानव जाति के लिए ईश्वर एक है, बेशक उसे अनेक नामों से पुकारा जाता हो सभी धर्मों का आदर करें क्योंकि कोई भी धर्म बुरी बात नहीं सिखाता। साई बाबा कहते थे कि हृदय को स्वच्छ रखें तो चरित्र अपने आप सुंदर होगा। अगर चरित्र सुंदर है तो घर समृद्ध होगा, देश खुशहाल बनेगा, विश्व में शांति होगी। दिन का प्रारंभ करो प्रेम से दिन पूर्ण करो प्रेम से दिन को विराम दो प्रेम से। आप सदैव आभार तो प्रकट नहीं कर सकते मगर नम्रता से बोल तो सकते हैं। न हम मस्तिष्क हैं और न हम शरीर हैं, हमारे भीतर एक आत्मा है जिसने हमारे शरीर को अस्थायी रूप से बनाया है और हम जब अपनी आत्मा की प्रशंसा करते हैं तो जो हमारे भीतर भगवान है उसे जान सकते हैं। आज हमे सभी बाबा का 97 वां जन्मोत्सव मना रहे है और आज ही 17 से 23 नवम्बर तक चलने वाले सत्यसाई सप्ताह का समापन भी हो रहा है।
श्री सत्यसाई सेवा समिति द्वारा श्री सत्यसाई बाबा के जन्मोत्सव के अवसर पर रेल्वे कालोनी स्थित श्री सत्यधाम से प्रातः 5 बजे ओंकारम् सुप्रभातम का आयोजन किया तथा तत्पश्चात नगर संकीर्तन रखा गया । प्रातः9 बजे से सैलाना बस स्टेंड स्थित बालगृह के बच्चों को समिति द्वारा गर्म स्वेटर्स प्रदान किये गये । इसके बाद श्री सत्यसाई विद्याविहार में बच्चों के बीच नाम संकीर्तन आयोजित किया तथा स्कूल के बच्चों से आध्यात्मिक विषयों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये ।
समिति के संदीप दलवी ने जानकारी देते हुए बताया कि सायंकाल 6 बजे से रेल्वे कालोनी स्थित सत्यधाम पर वेद पाठ के बाद सर्वधर्म नाम संकीर्तन का संगीतमय आयोजन हुआ । इस अवसर पर ’’मेरा जीवन ही मेरा संदेश’ विषय पर विनोद भट्ट का उदबोधन हुआ । समिति के बाल विकास के बच्चों द्वारा आध्यात्मिक सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी गई । डा. आरती द्वारा साई प्रशांति मंदिर तेरा’’ भजन की संगीतमय प्रस्तुति दी गई । श्रीमती शिखा नायडू ने इस अवसर पर श्री सत्यसाई बाबा के जीवन वृत पर संगीतमय प्रस्तुति दी । इस अवसरपर श्रीमती ज्योति भट्ट ने साई बाबा पर संक्षिप्त उदबोधन दिया। महा मंगल आरती समिति संयोजक विनोद भट्ट ने की । तत्पश्चात सभी साई भक्तों को प्रसादी का वितरण किया गया । सात दिन तक चले साई सप्ताह में प्रतिदिन हर धर्म के विद्वानों के प्रेरक उदबोधन काभी समिति सदस्यों ने लाभ उठाया ।