रतलाम/ अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत-2.0) योजना अन्तर्गत निकायों के सिटी वाटर बेलेस प्लान एवं सिटी एक्शन प्लान के अनुक्रम में स्टेट वाटर एक्शन प्लान के ट्रेन-1 का अनुमोदन भारत सरकार की एपेक्स कमेटी द्वारा किया गया है जिसके अन्तर्गत प्रथम चरण में रतलाम जिले की नगर पालिका जावरा एवं नगर परिषद् आलोट, ताल, बडावदा, पिपलौदा, नामली एवं सैलाना को सम्मिलित किया गया है।
नगर पालिका जावरा हेतु 3833.38 लाख, नगर परिषद् आलोट के लिए 695.25 लाख, नगर परिषद् ताल के लिए 273.84 लाख, नगर परिषद् बडावदा के लिए 378.93 लाख, नगर परिषद् पिपलौदा के लिए 225.17 लाख, नगर परिषद् नामली के लिए 257.95 लाख, नगर परिषद् सैलाना के लिए 246.03 लाख की कार्ययोजना कंसलटेंटों द्वारा प्रस्तुत की गई जिनका समिति द्वारा अनुमोदन किया गया है।
अटल मिशन फार रिज्यूविनेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफार्मेशन योजना के लिए भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशानुसार कलेक्टर श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा और निगरानी समिति का गठन किया गया। 24 नवम्बर को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में नगर पालिका जावरा अध्यक्ष श्रीमती अनम मो. युसूफ कडपा, नगर परिषद् आलोट अध्यक्ष श्रीमती ममता जैन, नगर परिषद् ताल अध्यक्ष श्री मुकेश परमार, नगर परिषद् बडावदा अध्यक्ष श्रीमती कल्पना कुमावत, नगर परिषद् पिपलौदा अध्यक्ष श्रीमती उपमा श्याम बिहारी पटेल, अध्यक्ष नगर परिषद् सैलाना श्री चेतन्य शुक्ला, मुख्य न.पा अधिकारी जावरा व आलोट श्री चन्द्रशेखर सोनीश, नगर पालिका अधिकारी ताल श्री कन्हैयालाल सूर्यवंशी, नगर पालिका अधिकारी बडावदा श्री रामचन्दर शिंदल, नगर पालिका अधिकारी नामली श्री बलराम भूरे, नगर पालिका अधिकारी सैलाना श्रीमती वन्दना किराडे, सहायक यंत्री, उपयंत्री, कंसलटेंट लेक्सस इन्फ्राटेक, आर्शिया कंसलटिंग इंजीनियरिंग प्रा.लि. के सदस्य उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी द्वारा निर्देश दिए गए कि शासन द्वारा स्वीकृत योजना लागत राशि का पांच प्रतिशत नगरीय निकायों को वहन करना होगा। साथ ही निकायों द्वारा योजना में कोई अतिरिक्त कार्य किया जाता है तो उसका वहन भी निकायों द्वारा ही किया जाएगा।
बैठक में जिले की नगरीय निकाय नगर पालिका जावरा एवं नगर परिषद् आलोट, ताल, बडावदा, पिपलौदा, नामली एवं सैलाना की अटल मिशन फार रिज्यूविनेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफार्मेशन योजना तैयार की गई तथा डीपीआर के सम्बन्ध में चर्चा की गई जिसमें निकायों को पेयजल व्यवस्था को सुदृढ बनाने के लिए पाईप लाईन विस्तार, ओवरहैड टैंक, सम्पवेल, ट्यूबवेल, नवीन नल कनेक्शन, स्काडा पीएलसी प्रावधान अन्तर्गत टंकी, इंटकवेल, फिल्टर प्लांट की निगरानी हेतु कम्प्युटर, मोबाईल से निगरानी प्रणाली आदि कार्य शामिल किए गए।