रतलाम / दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए पहला घंटा गोल्डन ऑवर कहा जाता है । इसके लिए जिले में घायल व्यक्ति को पहले घंटे में त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए जिले में प्रयास तेज कर दिए गए हैं । अभी एंबुलेंस रवाना होने के लिए 210 सेकंड लगते हैं किंतु तकनीकि प्रावधान के बाद फोन लगाते ही घटना स्थल की लोकेशन मिल जाएगी और एंबुलेंस 3 मिनिट में रवाना हो जाएगी, किंतु 108 नंबर पर कॉल करना आवश्यक रहेगा और कॉल करने वाले व्यक्ति को फोन पर लोकेशन ऑन रखना होगी।
माह जून से पहले जिले में कुल 26 एंबुलेंस संचालित थी जिसमें एक एएलएस, 10 बीएलएस तथा 15 जननी एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा था। वर्तमान स्थिति में जिले में एंबुलेंस की संख्या बढकर 41 हो चुकी है। इनमें 3 एएलएस, 16 बीएलएस, 22 जननी एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा है। एएलएस अर्थात एडवांस लाईफ सपोर्ट एंबुलेंस 2 रतलाम शहर और 1 नामली मुख्यालय, बीएलएस अर्थात बेसिक लाईफ सपोर्ट रतलाम शहर में 2 बाजना में 2, बडावदा में 1, आलोट में 1, रावटी में 1, पिपलोदा में 1, नामली में 1, ढोढर में 1, जावरा में 1, ताल में 1, सरवन में 1, सैलाना में 1, बिलपांक में 1, शिवगढ में 1 वाहन संचालित हैं।
जननी एक्सप्रेस के रूप में जिले के शहरी क्षेत्र में 2, सैलाना में 1, सरवन में 1, ढोढर में 1, बाजना में 1, नामली में 1, पिपलोदा में 1, मावता में, ताल में 1, बिलपांक में 1, रावटी में 1, रिंगनोद में 1, शिवगढ में 1, जावरा में 1, आलोट में 1, बडावदा में 1, बिरमावल में 1, कालूखेडा में 1, सिमलावदा में 1, खारवाकलां में 1, बरखेडा में 1 संचालित हो रही हैं । मरीजों की संख्या के आधार पर वाहनों का डिप्लायमेंट योग्य प्रकार से किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यालय केवल वाहन खडा करने के स्थान के रूप में निर्धारित है। एंबुलेंस सेवा एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट अंतर्गत होकर किसी भी क्षेत्र के मरीज को किसी भी एंबुलेंस से छोडा जा सकता है किंतु सेवा प्राप्त करने के लिए 108 नंबर पर कॉल करना अनिवार्य है। जननी एक्सपेस वाहनों से 4 माह में 11491 हितग्राहियों को नि:शुल्क सेवाऐं प्रदान की गई ।
जिले में 22 जून से एंबूलेंस 108 सेवा का संचालन जय अंबे अमरजेंसी सर्विस द्वारा किया जा रहा है। सभी एंबुलेंस नई होकर आवश्यक संसाधनों से युक्त है। जिले में जननी एक्सप्रेस 108 वाहनों द्वारा 22 जून से 22 अक्तूबर की अवधि में 4056 गर्भवती माताओं को प्रसव हेतु प्रसव केंद्रों पर छोडा गया। चार माह में 545 महिलाओं को एक संस्था से दूसरी संस्था में रेफर होने पर छोडा गया। चार माह में 6139 महिलाओं को प्रसव उपरांत उनके घर पर छोडा गया। एक वर्ष से कम आयु के 343 शिशुओं को घर से अस्पताल पहुंचाया गया। एक वर्ष से कम आयु के 340 शिशुओं को अस्पताल से घर पहुंचाया गया। एक वर्ष से कम आयु के 168 शिशुओं को रेफर होने के कारण एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल पहुंचाया गया।