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RATLAM

पुरस्कार की घोषणा के बाद प्रोफेसर अजहर हाशमी ने बोली खास बात,

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पुरस्कार तपते रेगिस्तान में जल के स्त्रोत समान, ऐसा लगा, उम्रभर किए कर्म पर ईश्वर की मोहर लगी’

प्रशंसकों ने आकर किया सम्मान

यह पुरस्कार रतलाम का रतलाम के लिए रतलाम को समर्पितरतलाम. यह पुरस्कार ठीक वैसा है जैसे किसी व्यक्ति को तपते रेगिस्तान में जब कंठ पूरा प्यासा हो तब जल का निर्मल स्त्रोत मिल जाए। यह पुरस्कार जल की गंगा है। जब सूचना मिली तो लगा कि जीवनभर जो कर्म किए है, उस पर ईश्वर ने मोहर लगा दी है। सूचना भोपाल निवासी डॉ. प्रेम भारती ने दी।

इस पुरस्कार ने प्राणवायु का काम कियाये कहना है देश के लाल किले की प्राचीर से मुझे राम वाला हिंदुस्तान चाहिए कविता का पाठ करने वाले व बेटियां कविता से पूरे विश्व में चर्चित साहित्यकार प्रोफेसर अजहर हाशमी का। प्रो हाशमी को मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी ने हाल ही में उनकी पुस्तक संस्मरण का संदूक, समीक्षा के सिक्के, के लिए निर्मल वर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार देने की घोषणा की है। इस पुरस्कार में प्रशस्ती पत्र के साथ एक लाख रुपए भी दिए जाएंगे। साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार पहली बार रतलाम को मिला है। इसके पूर्व सेव, सोना व साड़ी के क्षेत्र में सेवा के लिए पद्मश्री डॉ. लीला जोशी को मिल चुका है। पुरस्कार की घोषणा के बाद पत्रिका ने प्रोफेसर हाशमी से खास चर्चा की।

उम्रभर किए कर्म पर मोहर है येबकौल हाशमी, झालावाड़ से जीवन की शुरुआत की। उम्र के 75वें वर्ष में चल रहा हूं। पूरे जीवन जो कर्म किए, ये पुरस्कार उन सदकर्म पर ईश्वर की लगी मोहर की तरह है।

चिंतन की शक्ति कमजोर

वर्तमान व पूर्व की साहित्य रचना को लेकर प्रो हाशमी ने कहा कि पूर्व में तपते थे। अब विकास की दौड़ में तेज भाग तो रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया चिंतन की शक्ति को कमजोर कर रहा है।

इसलिए खास ये पुरस्कार

 

इस पुरस्कार को इस तरह समझा जा सकता है कि आपके पास तीन गिलास है। एक गिलास में खारा पानी, एक में भारी पानी व एक में बेहतर पानी है, और प्यास भी लग रही है। तो ये पुरस्कार उस बेहतर पानी की तरह है। बेहतर पानी के सेवन से जो मन तृप्त होता है, ये पुरस्कार उसी तरह है।

चिंतन की शक्ति कमजोर

वर्तमान व पूर्व की साहित्य रचना को लेकर प्रो हाशमी ने कहा कि पूर्व में तपते थे। अब विकास की दौड़ में तेज भाग तो रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया चिंतन की शक्ति को कमजोर कर रहा है।

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