खुशियों की दास्तां~~पहले मजदूरी करती थी अब व्यवसाय शुरू किया आर्थिक स्थिति बेहतर हो गई
रतलाम / शासन के ग्रामीण आजीविका मिशन ने हजारों ग्रामीण महिलाओं को मजदूर से व्यवसाई बनाकर बेहतर आर्थिक स्थिति में ला दिया है। रतलाम तहसील के ग्राम कलोरी खुर्द की महिला श्रीमती सविता चौहान भी अब मजदूर से व्यवसाई बनकर सम्मानजनक जीवन जी रही हैं। उनकी आर्थिक स्थिति पहले से बहुत बेहतर हो गई है। इसका श्रेय ग्रामीण आजीविका मिशन को जाता है जिससे जुड़कर सविता ने स्वयं सहायता समूहों की गतिविधि में सम्मिलित होकर अपनी आर्थिक तरक्की के द्वार खोल लिए हैं।
सविता की तरक्की की कहानी विगत दिसंबर 2018 में प्रारंभ हुई जब आजीविका मिशन की जानकारी मिलने पर उसने अपने मोहल्ले की 12 महिलाओं के साथ मिलकर जय माता दी आजीविका स्वयं सहायता समूह बनाया। समूह की महिलाओं ने बैठक, बचत, लेन-देन, ऋण वापसी, लिखा पढ़ी जैसे पंच सूत्रों का पालन करते हुए अपनी छोटी-छोटी जरूरतों की पूर्ति भी की और तरक्की की दिशा में आगे बढ़ती गई। कुछ अच्छा करने की चाह स्वयं के व्यवसाय की स्थापना में सविता ने अपने समूह से 10 हजार का ऋण लेकर पति के लिए सेंटिंग का सामान खरीदा जिससे उसके पति को मजदूरी करने की मजबूरी नहीं रही। इसके बाद सविता ने घरेलू उद्योग स्थापित करने की चाह में अचार बनाकर बेचने पर विचार किया। प्रस्ताव ग्राम संगठन की बैठक में रखा। सभी की सहमति बनी। आजीविका मिशन के कर्मचारियों को अवगत कराया तो समूह को मंदसौर में आचार निर्माण हेतु संचालित इकाई में भ्रमण कराया गया। इसके बाद समूह को ऋण मंजूर हो गया। 4 महिलाओं के साथ पहले सविता ने डेढ़ क्विंटल अचार बनाया। मार्केटिंग के तहत संकुल के हर ग्राम संगठन की बैठक में जाकर आचार का प्रचार प्रसार करने लगी। जहां-जहां समूह के कार्यक्रम होते अपना स्टाल लगाती है।
वर्तमान में सविता ने बाजार की दुकानों से संपर्क कर अपना अचार विक्रय करना शुरू कर दिया है। वह मांग के अनुसार अचार की पूर्ति करती है। आजीविका रूरल मार्ट दीदी केफे तथा आसपास की दुकानों में अचार सप्लाई करती हैं। इस प्रकार की आर्थिक गतिविधियों से सविता की आमदनी में वृद्धि हुई है। वही उसकी साथी महिलाएं भी तरक्की कर रही है। अपनी इच्छा शक्ति और मेहनत और आजीविका मिशन की मदद से सविता विभिन्न कार्यों से अच्छी आमदनी अर्जित कर रही है। वह बैंक सखी के रूप में 3 हजार रूपए प्रति माह कमाती है। उसके पति की सेंटिंग कार्य से भी अच्छी आमदनी होती है। वह अन्य गांवों में जाकर आजीविका मिशन के तहत समूह गठन का कार्य भी करती है जिससे उसे अतिरिक्त आमदनी के रूप में प्रतिमाह 3 हजार से 5 हजार रूपए प्राप्त होते हैं।
सविता मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देती है जिनकी महिला सशक्तिकरण की नीति के कारण उसके जैसी महिलाएं मजदूरी के स्थान पर अब व्यवसाई बनकर अपने परिवार को आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जा रही है। सविता अपने अचार के उद्योग को बड़े स्तर पर स्थापित करने की महत्वाकांक्षा रखती है। सविता का मोबाइल नंबर- 8319770127 है।