Connect with us

RATLAM

भक्ति-दान के कार्यों में यह बनता है पतन का कारण

Published

on

रतलाम। शास्त्र में सबसे बड़ा दान कन्यादान बताया गया है और इस दान से मोक्ष की राह आसान होने का उल्लेख है, इसलिए प्रयत्न करे कि हम किसी अन्य की बेटी का विवाह कराने की जिम्मेदारी लेकर पुण्य लाभ अर्जित करें। भक्ति और दान के कार्यो में अंहकार नहीं करना चाहिए ये पतन का कारण है तथा दान भी पात्र व्यक्ति को ही देना चाहिए।

यह करें प्रयासयह विचार आचार्य जितेन्द्रकृष्ण महाराज ने राधा-कृष्ण भक्त मंडल विक्रमगढ़ की ओर से ओंकारेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के विश्रांति अवसर पर व्यक्त किए। भागवत कथा धर्म के रास्ते पर चलने की सीख देती है, इसलिए सात दिवसीय कथा के दौरान बताई गई अच्छी बातों को जीवन में उतारे तथा प्रयास यही करे कि हमारा मन सदैव परमात्मा की भक्ति में लगा रहे, ताकि जीवन सुख शांतिमय व्यतीत हो सके।

श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन के मार्मिक प्रसंग वाचन के साथ इसका सजीव चित्रण भी किया गया। इस दौरान समूचे पांडाल के श्रद्धालुओं की आंखों से आंसू बह निकले। शुकदेव ने राजा परीक्षित को कथा श्रवण कराई और तक्षक नाग ने आकर उनका उद्धार कर दिया । कथा विश्रांति पर चार कन्या व तुलसी सहित कुल पांच का सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ। कथावाचक का कथा आयोजक मंडल आदि ने सम्मान किया। आरती के बाद भंडारा का आयोजन दो हजार से अधिक लोगों ने भोजन प्रसादी का लाभ लिया।

 

देश दुनिया की ताजा खबरे सबसे पहले पाने के लिए लाइक करे प्रादेशिक जन समाचार फेसबुक पेज

प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा मंच है। यहां विभिन्न समाचार पत्रों/टीवी चैनलों में कार्यरत पत्रकार अपनी महत्वपूर्ण खबरें प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं ।

Advertisement

Subscribe Youtube

Advertisement

सेंसेक्स

Trending

कॉपीराइट © 2021. प्रादेशिक जन समाचार

error: Content is protected !!