230 सीटों में 30% पर भाजपा मजबूत…:23% पर कांटे की टक्कर, 7% पर गुटबाजी; 25 फीसदी सीटों पर सीधे जीत रही कांग्रेस
रतलाम ~~साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभावार बीजेपी का पहले चरण का सर्वे पूरा हो गया है। अभी एक सर्वे और होना है। पहली सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी 30 फीसदी सीटों पर काफी मजबूत है। यानी रिपोर्ट कहती है कि 69 सीटों पर जीत पक्की है। 23% सीटों पर सीधी लड़ाई है।
इन 53 सीटों पर फैसला भाजपा या कांग्रेस के पक्ष में जा सकता है। रिपोर्ट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह आई है कि 15 सीटों पर गुटबाजी है, जिससे उसे नुकसान उठाना पड़ेगा। बाकी सीटों पर भाजपा विधायकों काे लेकर असंतोष है।
महाकौशल और विंध्य क्षेत्र में ज्यादा मजबूत कांग्रेस
बीजेपी के सर्वे में यह बात सामने आई है कि एक चौथाई सीटें कांग्रेस आसानी से जीत जाएगी। कांग्रेस की स्थिति महाकौशल और विंध्य क्षेत्र में ज्यादा मजबूत दिख रही है। महाकौशल की 38 सीटों में से 13 पर एकतरफा जीत रही है, जबकि भाजपा सिर्फ 8 पर ही। यहां की 13 सीटों पर कांटे की टक्कर है। बीजेपी के विधायकों वाली 3 सीटों पर गुटबाजी है।
ओपिनियन में विधायक का ब्योरा और पब्लिक फीडबैक में ग्राउंड से सर्वे
सर्वे दो तरह से किया गया: एजेंसी ने हर विस में दो तरह से सर्वे किया है। ओपिनियन मेकर्स से विधायक का ब्योरा शामिल व दूसरा पब्लिक के बीच जाकर। फिर इसका मिलान करके यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपी है।
पहला सर्वे ओपिनियन मेकर्स
इसमें पत्रकारों और राजनीति में दिलचस्पी लेने वालों से बातचीत के बाद तैयार किया गया है। सीट पर विधायक की वर्तमान स्थिति क्या है? चुनाव में संभावित जीत किसकी होगी। जीत का समीकरण क्या होगा। विधायक को लेकर जनता क्या सोचती है। विधायक की मजबूती और उसकी कमजोरी पर भी फोकस किया गया है। विधानसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरण भी बताया गया है। कांग्रेस का अगर विधायक ज्यादा मजबूत है तो उसकी मजबूती की वजह भी जानी गई है।
दूसरा सर्वे पब्लिक फीडबैक
एजेंसी ने एक व्यक्ति से 10 पेजों पर छपे सवाल किए हैं। इसमें सवाल हैं कि क्या वे विधायक से नाराज हैं। इस बार वह किसको वोट करेंगे। वर्तमान विधायक और मुख्यमंत्री के कामकाज से संतुष्ट हैं? सीटिंग एमएलए को टिकट दिए जाने से वे सहमत होंगे।
वर्तमान भाजपा सरकार को बदलना चाहेंगे? विधानसभा में कार्यों को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी किससे है? विधायकों की नकारात्मक रेटिंग मांगी है, जिसमें एक से तीन तक रेटिंग के लिए कहा है। भास्कर के पास 10 पेज का सर्वे फाॅर्म भी है।
भाजपा जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा मजबूत
सर्वे के मुताबिक इंदौर, उज्जैन, खंडवा और सागर संभाग में भाजपा की स्थिति मजबूत है। उज्जैन संभाग की 50% सीटों पर फिलहाल जीत सुनिश्चित मानी गई है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया का कहना है कि पार्टी को अधिकार है कि वह जिसे टिकट देना चाहती है, उसकी स्थिति जाने। पार्टी फीडबैक में जनप्रतिनिधि का व्यवहार, छवि, विकास में रुचि, जनता के बीच समय इन सभी बिंदुओं पर ही चुनाव कर टिकट देती है।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस इस बार कई सीटों पर 6 महीने पहले ही कैंडिडेट घोषित करने वाली है। पार्टी ने प्रदेश की 230 सीटों पर दूसरा इंटरनल सर्वे करा लिया है। सर्वे की अंतिम रिपोर्ट फरवरी में आएगी, लेकिन दैनिक भास्कर ने इसके खास पॉइंट्स हासिल किए हैं। इसके मुताबिक कांग्रेस ने मौजूदा 95 विधायकों में 37 विधायक और 17 पूर्व मंत्रियों की ग्राउंड स्थिति मजबूत पाई है।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में 15 महीने बाकी हैं। यदि अभी चुनाव कराए जाएं तो कांग्रेस के 95 में से 27 विधायक हार जाएंगे। यह खुलासा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ द्वारा कराए गए सर्वे में हुआ है।
20 मार्च 2020… मध्यप्रदेश की सियासत का वह दिन, जब 15 साल बाद सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस सरकार 15 महीने बाद ही गिर गई। कमलनाथ इस सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद बीएसपी व निर्दलियों की बैसाखी से चल रही सरकार अल्पमत में आ गई