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सायबर फ्रॉड:पुलिस के भरोसे न रहें ऑनलाइन ठगी के 29 फीसदी ही मिले वापस, 36% फ्रीज

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सायबर फ्रॉड:पुलिस के भरोसे न रहें ऑनलाइन ठगी के 29 फीसदी ही मिले वापस, 36% फ्रीज

रतलाम~~हमारे जिले की पुलिस ने सायबर फ्रॉड से ठगे गए कुल रुपए में से 29 फीसदी रुपए लोगों को वापस दिलवाए हैं वहीं 36 फीसदी बैंक खातों में फ्रीज करवा दिए। यह रुपए भी बैंकिंग प्रक्रिया के बाद लोगों को मिल जाएगा। सायबर फ्रॉड में देश में होने वाली एफआईआर की स्थिति देखें तो देश में तीन साल (जनवरी 2020 से लेकर 7 दिसंबर 2022) के 1050 दिनों में 32 हजार मामलों में केस दर्ज किया गया है। यह कुल शिकायतों का दो फीसदी ही है। यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद रॉय ने हाल ही में लोकसभा में दी है। वहीं हमारे जिले में 2022 में 175 शिकायतों पर 34 में एफआईआर की गई, जो करीब 20 फीसदी है।

सायबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2021 में 150 शिकायतें पुलिस तक पहुंची तो 2022 में 175 शिकायतें। 2021 में 21 यानी करीब 14 फीसदी तो 2022 में 34 यानी करीब 20 फीसदी एफआईआर दर्ज की गईं। 2021 में हैकर्स ने 10 लाख 25 हजार 746 रुपए ठगे थे। इसमें से पुलिस ने पांच लोगों को 33 हजार रुपए (3.21 फीसदी) रुपए दिलवाए तो 15 लोगों के 1,52,649 रुपए (14.88 फीसदी) हैकर्स ने जिस खाते में डलवाए थे उसी में फ्रीज करवा दिए। 2022 में इनका आंकड़ा बदला है।

2022 में 23 लाख 56 हजार 900 रुपए सायबर फ्रॉड के जरिए हैकर्स ने ठगे। पुलिस ने इसमें से 17 लोगों को 6 लाख 86 हजार 56 रुपए (29 फीसदी) वापस करवा दिए वहीं 13 लोगों के 8 लाख 56 हजार रुपए (36 फीसदी) फ्रीज करवा दिए हैं। फ्रीज करवाए रुपए बैंकिंग प्रक्रिया पूरी होने पर लोगों के खाते में वापस आ जाएंगे। इसकी प्रक्रिया चल रही है।

पूरी जांच के बाद होती है एफआईआर: पुलिस का कहना है कि पूरी जांच के बाद ही एफआईआर होती है। इसमें कई बार बैंक से ट्रांजेक्शन के दस्तावेज ही नहीं मिल पाते हैं तो कई बार लोग शिकायत करने के बाद बुलाने पर भी नहीं आते हैं। कई लोग तो शिकायत के बाद जानकारी लेने के लिए बुलाने पर आने के लिए खुद ही मना कर देते हैं इसलिए एफआईआर का आंकड़ा कम रहता है।

तैयारी: हर थाने के दो-दो जवानों को ट्रैनिंग: सायबर ठगी से लोगों को बचाने के लिए हर थाने के दो-दो जवानों को ट्रेनिंग दिलवाई गई है। ये शिकायत मिलते ही बैंकों के पोर्टल पर संपर्क कर रुपए फ्रीज करवाने से लेकर रुपए वापस दिलवाने का प्रयास करते हैं। एसपी कार्यालय की सायबर सेल में भी स्टाफ बढ़ा दिया गया है। जहां पहले चार पुलिसकर्मी लगे थे वहीं अब यहां 10 कर्मचारी काम देख रहे हैं।

सायबर फ्राॅड से बचने के लिए यह सावधानी रखें
किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक नहीं करें।
किसी को भी ओटीपी नंबर नहीं दें।
अंजान की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं करें।
जिसको आप नहीं जानते हैं उससे वीडियो कॉल पर बात नहीं करें।
सोशल मीडिया पर फ्रेंड लिस्ट को लॉक कर रखें।
हैकर्स या ब्लैकमेलर धमकी दे तो भुगतान नहीं करें। सीधे पुलिस से संपर्क करें।
सायबर फ्रॉड होते ही जितनी जल्दी हो सकें संबंधित थाने में शिकायत करें।

सायबर फ्रॉड होते ही एक घंटे के भीतर करें शिकायत

सायबर फ्रॉड होते ही एक घंटे के भीतर 1930 व 70491-27800 पर कॉल करें। इससे रुपए फ्रीज करने में आसानी रहती है। आप जितनी जल्दी इन हेल्प लाइन नंबर पर कॉल करेंगे उतनी ही रुपए वापस मिलने की संभावना बढ़ेगी। – अभिषेक तिवारी, एसपी रतलाम

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प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा मंच है। यहां विभिन्न समाचार पत्रों/टीवी चैनलों में कार्यरत पत्रकार अपनी महत्वपूर्ण खबरें प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं ।

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