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प्यासे पंछियों को पानी पिलाएं …आओ इस आदत को संस्कार बनाएंपंछी बचाओ अभियान मध्यप्रदेश( हमारी एक आदत बनेगी, पीढ़ियों के संस्कार )

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थांदला,(वत्सल आचार्य) नगर में पंछी बचाओ समिति द्वारा इस वर्ष भी वृहद स्तर पर निशुल्क सिंकोरे उपलब्ध करवा रही हैं समिति के सदस्यगण अति शीघ्र आप के द्वार पर आ कर आप को निशुल्क सिंकोरे भेट करेगा आप को सिर्फ बेजुबान पंछियों के लिए पानी भर कर रखना हैं।
गर्मियों की शुरुआत हो गई है अब समय आ गया है कि अपने साथ साथ अन्य प्राणियों की भी सेवा की जाए। आपका एक छोटा सा प्रयास कई प्यासे पक्षियों एवं जीवो का प्यास बुझा सकती हैं। हमें सिर्फ इतना करना है कि अपने छत पर एक मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर रख देना है एवं अन्य लावारिस घूमते हुए पशुओं को भी देखें तो उन्हें पानी पिलाने की सेवा प्रदान करनी है।
गर्मी का आगाज हमें देखने को मिल रहा है। ऐसे हालात में न सिर्फ मनुष्य बल्कि पशु-पक्षी भी बेहाल है। ज्योतिष में कुछ उपाय बताएं गए है जिससे इस गर्मी में भी पुण्य लाभ कमाया जा सकता है। गर्मी के इस मौसम में घर के बाहर, छत पर या बालकनी में पक्षियों के लिए पानी जरूर रखना चाहिए, ताकि उन बेजुबान पक्षियों को भी पानी मिल सके। लेकिन क्या आप जानते हैं ज्योतिष के अनुसार भी पक्षियों को पाने पिलाने के बहुत से फायदे हैं। पशु पक्षियों को दाना और पानी पिलाने से भविष्य में आपके ऊपर आने वाली परेशानियां ये बेजुबान जानवर अपने ऊपर ले लेते हैं। इसके अलावा यह आपके ग्रह संबंधी दोषों को भी दूर करते हैं जिससे आपकी परेशानियां कम होने लगती।
गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के सामने दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है। इस गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लोगों को प्रयास करना चाहिए
गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। लोगों का थोड़ा सा प्रयास घरों के आस पास उड़ने वाले परिंदों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी बचा सकता है। सुबह आंखें खुलने के साथ ही घरों के आस-पास चिड़िया, मैना व अन्य पक्षियों की चहक सभी के मन को मोह लेती है। घरों के बाहर फुदकती चिड़िया बच्चों सहित बड़ों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। गर्मियों में घरों के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियों से प्रेम करें और उनका विशेष ख्याल रखें। नगर में गर्मी बढऩे लगी है। आने वाले सप्ताह और जेठ में और अधिक गर्मी पडऩे की संभावना है। गर्मी में मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियों को पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्य तो पानी का संग्रहण कर रख लेता है, लेकिन परिंदे व पशुओं को तपती गर्मी में यहां-वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर पड़ते हैं।
भोजन और पानी की होती है कमी
गर्मी में पक्षियों के लिए भोजन की भी कमी रहती है। पक्षियों के भोजन कीड़े-मकोड़े गर्मियों में नमी वाले स्थानों में ही मिल पाते हैं। खुले मैदान में कीड़ों की संख्या कम हो जाती है, जिससे पक्षियों को भोजन खोजने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। जंगलों में पेड़ों के पत्ते झड़ जाते हैं, साथ ही जल स्त्रोत भी सूख जाते हैं। वहीं मवेशियों के लिए भी चारागाह के अलावा खेतों में पानी की समस्या होती है, इस वजह से पानी के साथ भोजन की भी कमी से मवेशियों को जूझना पड़ता है।
क्या कहते हैं पशु चिकित्सक- पशु चिकित्सक डॉ. मनीष भट्ट ने बताया कि साल्ट और एनर्जी पक्षियों की किडनी के फंक्शन के लिए जरूरी है। इसकी पूर्ति खनिज-लवण युक्त पानी से हो सकती है। गर्मी में अपने घरों के बाहर, छतों पर पानी के बर्तन रखें और हो सके तो छतों पर पक्षियों के लिए छाया की व्यवस्था भी करें। पक्षियों के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा संतुलित रहे, इसके लिए पानी मे गुड़ की थोड़ी मात्रा मिलानी चाहिए।

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प्रादेशिक जन समाचार स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा मंच है। यहां विभिन्न समाचार पत्रों/टीवी चैनलों में कार्यरत पत्रकार अपनी महत्वपूर्ण खबरें प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं ।

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